भारत ने अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले पर कार्रवाई तेज़ करते हुए क्रिस्चियन मिशेल के बाद दो अन्य दलालों को दुबई से प्रत्यर्पित करने में सफलता पाई है। घोटाले के सह-अभियुक्त राजीव सक्सेना को बुधवार (जनवरी 30, 2019) सुबह 9:30 बजे उनके आवास से UAE की सुरक्षा एजेंसी द्वारा उठा लिया गया और शाम 5:30 को भारत के लिए प्रत्यर्पित किया गया। वहीं एक अन्य सफल कार्रवाई में दीपक तलवार को भी भारत लाया गया है, जिसे दुबई के अधिकारियों ने पकड़ा था।
Deepak Talwar, a corporate lobbyist, to be brought to India along with Rajiv Saxena (an accused in AgustaWestland case) by the plane of the government of India. Enforcement Directorate to take custody. pic.twitter.com/RwBMQ0AiEU
— ANI (@ANI) January 30, 2019
दैनिक जागरण के सूत्रों के मुताबिक़ आइजी रैंक के एक अधिकारी के नेतृत्व में प्रवर्तन निदेशालय का एक दल, विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अफसर और रॉ के अफसरों की एक टीम ने इस काम को अंज़ाम दिया। ताज़ा ख़बरों के अनुसार, भारतीय अधिकारी दोनों ही आरोपितों से पूछताछ कर रहे हैं। इस पूछताछ के बाद घोटाले से जुड़े कई अन्य जानकारियों के भी पर्दाफ़ाश होने की संभावना है।
दुबई में रहने वाले सक्सेना को ईडी ने कई बार तलब किया था। 2017 में उसकी पत्नी को भी चेन्नई एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया था। हालाँकि उसकी पत्नी अभी जमानत पर बाहर है। ईडी के अनुसार, सक्सेना, उसकी पत्नी और दुबई स्थित उसकी दो फर्मों ने धन शोधन किया है। सक्सेना और तलवार को पटियाला कोर्ट में पेश करने की तैयारी की जा रही है।
दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने 3,600 करोड़ रुपए के अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर मामले में सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किए गए क्रिश्चियन मिशेल को 22 दिसंबर को ईडी की 7 दिन की हिरासत में भेज दिया था। इस मामले में विशेष न्यायाधीश अरविंद कुमार ने बिचौलिए मिशेल की जमानत याचिका खारिज कर दी थी।
रक्षा मंत्रालय ने दिल्ली हाई कोर्ट में अगस्ता-वेस्टलैंड के खिलाफ़ मध्यस्थता की कार्रवाई के लिए याचिका दायर की। सरकार के पक्ष को सुनने के लिए दिल्ली हाई कोर्ट ने रक्षा मंत्रालय की याचिका को स्वीकार कर लिया है। इसके साथ ही कोर्ट ने सुनवाई की अगली तारीख़ 28 फ़रवरी तय कर दी है। कोर्ट ने दोनों पक्षों को हलफ़नामा दायर करने के लिए 5 सप्ताह का समय भी दिया है।
आपको बता दें कि 12 वीवीआईपी हेलिकॉप्टरों की खरीद के लिए इटली की कंपनी अगस्ता-वेस्टलैंड के साथ साल 2010 में करार किया गया था। 3,600 करोड़ रुपए के करार को जनवरी 2014 में भारत सरकार ने रद्द कर दिया था। जानकारी के लिए बता दें कि इस करार में 360 करोड़ रुपए के कमीशन के भुगतान का आरोप लगा था। इटली की कंपनी और भारत सरकार के बीच के इस करार में कमीशन की ख़बर सामने आते ही 12 एडब्ल्यू-101 वीवीआईपी हेलीकॉप्टरों की सप्लाई पर सरकार ने फ़रवरी 2013 में रोक लगा दी थी।