हाल ही में भारत ने रूस के साथ मिलकर लगभग 7,47,000 क्लाशनिकोव राइफ़लों के निर्माण का समझौता किया था। इन राइफ़लों के निर्माण के लिए प्लांट उत्तर प्रदेश के अमेठी में लगाया जाना तय हुआ था। जिसका उद्घाटन अब कल (मार्च 3, 2019) को प्रधानमंत्री द्वारा होने वाला है। रक्षा उत्पादन क्षेत्र में केंद्र द्वारा उठाया गया यह फैसला बेहद अहम और जरूरी बताया जा रहा है।
भारत-रूस के बीच हुए करार के अनुसार अमेठी के इस प्लांट में क्लाशनिकोव कंसर्न और भारत की ऑर्डनेंस फैक्ट्री बोर्ड जॉइंट वेंचर के तहत AK-47 की तीसरी पीढ़ी की राइफ़लें AK-103/203 तैयार करेंगे।
Indo-Russian Rifles Pvt Ltd, the OFB-Kalashnikov joint venture that will build over 650,000 AK-103/203 assault rifles at a facility in UP’s Amethi district to be inaugurated on March 3 by @PMOIndia. Our earlier piece with details: https://t.co/KxpyHuk8bf
— Livefist (@livefist) March 2, 2019
सुरक्षा के लिहाज़ से उठाया गया यह कदम दर्शाता है कि 2014 में शुरू की गई मेक इन इंडिया योजना आज बुलंदियों पर हैं क्योंकि राइफल्स बनाने का पूरा प्रोग्राम इसी योजना के तहत भारत में पूरा होगा।
इन राइफल्स के लिए पहली प्राथमिकता सेना को दी जाएगी, उसके बाद भारत के अन्य सुरक्षा बलों के लिए इसे उपलब्ध कराया जाएगाा और उसके बाद निर्यात पर गौर किया जाएगा।
इसके अलावा रक्षा मंत्रालयय के अधिकारियों के अनुसार फास्ट ट्रैक प्रोक्योरमेंट (एफटीपी) के तहत एसआईजी जॉर असॉल्ट राइफ़लों के लिए US के साथ कॉन्ट्रैक्ट साइन किए हैं। अमेरिकी कंपनी एसआईजी जॉर से 72,400, 7.62 एमएम राइफलें साल के अंदर मिलने की उम्मीद है। फ़िलहाल भारतीय सुरक्षाबल 5.56×45 एमएम इनसास राइफ़लों से लैस है।