Sunday, November 17, 2024
HomeराजनीतिAMU: तिरंगा यात्रा निकालने और 'वन्दे मातरम' के नारे पर छात्रों को नोटिस

AMU: तिरंगा यात्रा निकालने और ‘वन्दे मातरम’ के नारे पर छात्रों को नोटिस

"इसी यूनिवर्सिटी में आतंकी बशीर वानी के भारतीय सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारे जाने के बाद छात्रों ने उसके समर्थन में आज़ादी वाले नारे लगाए थे। तब प्रॉक्टर के कान में जूँ तक नहीं रेंगी थी।"

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) के प्रॉक्टर ने तिरंगा यात्रा निकालने और वन्दे मातरम का नारा लगाने पर 6 छात्रों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। जिन छात्रों को नोटिस जारी किया गया है, उनमें छात्र नेता ठाकुर अजय सिंह और सोनवीर शामिल हैं। तिरंगा यात्रा का नेतृत्व करने वाले अजय बरौली के भाजपा विधायक ठाकुर दलवीर सिंह के पौत्र हैं। AMU ने छात्रों पर निम्न गंभीर आरोप लगाए हैं-

  • बिना अनुमति यात्रा निकालना
  • यूनिवर्सिटी कैंपस में शैक्षणिक माहौल को ख़राब करना
  • क्लास में पढ़ रहे छात्रों को बहका कर रैली में ले जाना
  • यात्रा में असामाजिक तत्वों का शामिल होना
  • AMU को बदनाम करना, और
  • छात्रों के बीच भय का माहौल पैदा करना
AMU द्वारा छात्रों को थमाई गई नोटिस की कॉपी।

नोटिस मिलने के बाद छात्रों ने प्रॉक्टर मोहसिन ख़ान की तुलना जालियाँवाला बाग़ सामूहिक हत्याकांड को अंजाम देने वाले अंग्रेज अधिकारी जनरल डायर से की है। छात्रों ने कहा कि देशभक्ति के नारे लगाने और तिरंगा लहराने के लिए आज़ाद भारत में कहीं भी अनुमति लेने की जरूरत नहीं है। उन्होंने AMU में हुई इन घटनाओं का जिक्र कर प्रॉक्टर को घेरा-

  • आतंकी बशीर वानी के भारतीय सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारे जाने के बाद छात्रों ने उसके समर्थन में आज़ादी वाले नारे लगाए।
  • कैंपस में सामान्य वर्ग को आरक्षण देने सम्बन्धी बिल की कॉपी को जलाया गया।
  • जातिगत संघर्ष को बढ़ावा देने वाले सेमिनार आयोजित किए गए।

छात्रों ने कहा कि जब ये सब घटनाएँ होती हैं, तब प्रॉक्टर के कान में जूँ तक नहीं रेंगती लेकिन राष्ट्रवादी नारों से उन्हें बहुत तकलीफ़ होती है।

बता दें कि यूनिवर्सिटी कैंपस में इंजीनियरिंग फैकल्टी से लेकर बाबे सय्यद तक छात्रों ने बाइक रैली निकाली थी, जिसमें उन्होंने ‘वन्दे मातरम’ और ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाए थे। इस रैली में छात्रों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया था। साथ ही उन्होंने अन्य छात्रों से शहीद भारतीय जवानों के परिवारों को आर्थिक मदद देने की अपील भी की थी। रैली के बारे में अधिक जानकारी देते हुए उस वक्त छात्र नेता अजय ठाकुर ने कहा था:

“तिरंगा यात्रा को सबका समर्थन मिलना चाहिए। हमको याद रखना होगा कि हम अपने घर व गांवों में सुरक्षित हैं। हमारे ही भाई सीमा पर शून्य डिग्री तापमान में अपनी हड्डियां गला रहे हैं… उनको हौसला देने के लिए ये तिरंगा शान से लहराता दिखना चाहिए। उनकी कुर्बानियों के सम्मान में ये तिरंगे लहरते रहने चाहिए। क्यूंकि इन तिरंगों की शान के लिए ही वो अपनी जान की बाजी लगाते हैं।”

AMU के प्रॉक्टर प्रोफ़ेसर एम मोहसिन खान ने रैली निकलने के तुरंत बाद कहा कि इस रैली के लिए विश्वविद्यालय प्रसाशन से अनुमति नहीं ली गई थी और छात्रों को नोटिस भेजा जाएगा। और अंततः यही हुआ। छात्रों को ‘कारण बताओ नोटिस’ थमा दिया गया। रैली के वक्त ही अजय ने यह साफ़ कर दिया था कि यह कोई राजनीतिक रैली नहीं है।

भारतीय जनता पार्टी ने भी AMU के नोटिस का विरोध किया है। भाजयुमो के मीडिया प्रभारी प्रतीक चौहान ने पूछा कि ऐसा कर के प्रॉक्टर देश को क्या सन्देश देना चाहते हैं? उन्होंने यात्रा की अनुमति न दिए जाने को लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ बताते हुए कहा कि यात्रा का मक़सद वीर ऐप के जरिए शहीदों के लिए आर्थिक मदद इकट्ठा करना था।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

महाराष्ट्र में महायुति सरकार लाने की होड़, मुख्यमंत्री बनने की रेस नहीं: एकनाथ शिंदे, बाला साहेब को ‘हिंदू हृदय सम्राट’ कहने का राहुल गाँधी...

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने साफ कहा, "हमारी कोई लड़ाई, कोई रेस नहीं है। ये रेस एमवीए में है। हमारे यहाँ पूरी टीम काम कर रही महायुति की सरकार लाने के लिए।"

महाराष्ट्र में चुनाव देख PM मोदी की चुनौती से डरा ‘बच्चा’, पुण्यतिथि पर बाला साहेब ठाकरे को किया याद; लेकिन तारीफ के दो शब्द...

पीएम की चुनौती के बाद ही राहुल गाँधी का बाला साहेब को श्रद्धांजलि देने का ट्वीट आया। हालाँकि देखने वाली बात ये है इतनी बड़ी शख्सियत के लिए राहुल गाँधी अपने ट्वीट में कहीं भी दो लाइन प्रशंसा की नहीं लिख पाए।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -