आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने मोदी सरकार के ख़िलाफ़ विरोध के लिए ₹1 करोड़ रुपए खर्च किए, जबकि राज्य की आँगनबाड़ी कर्मचारियों को समय से सरकार वेतन भी नहीं दे पा रही है।
इंडिया टुडे ने अपने रिपोर्ट में इस बात का दावा किया है कि आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने के लिए राज्य सरकार ने दिल्ली में केंद्र सरकार के ख़िलाफ़ आंदोलन किया। इस आंदोलन में हिस्सा लेने वाले लोगों के यातायात की व्यवस्था राज्य सरकार द्वारा की गई थी।
तेलुगू देशम पार्टी (TDP) समर्थकों को दिल्ली भेजने के लिए दो ट्रेनों की बुकिंग राज्य सरकार द्वारा की गई थी। केंद्र सरकार के विरोध के लिए यातायात पर हुए एक करोड़ रूपए के खर्च राज्य सरकार ने वहन किए।
इंडिया टुडे ने अपने रिपोर्ट में इस बात का भी दावा किया है कि आंध्र सरकार भले ही आंदोलन पर सरकारी खजाने से पैसे खर्च कर रही हो, लेकिन राज्य के आँगनबाड़ी कर्मचारियों को समय से वेतन देने के लिए सरकार के पास पैसा नहीं है।
यही नहीं आंध्र प्रदेश आँगनबाड़ी कर्मचारी संगठन के सचिव ने बताया कि पिछले तीन महीने से राज्य के आँगनबाड़ी कर्मचारियों को समय से वेतन नहीं मिल पा रहा है। सचिव ने ये भी बताया कि कई बार राज्य के मुख्यमंत्री को इस संदर्भ में लिखा जा चुका है, बावजूद इसके इस मामले पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।
इसके अलावा राज्य के आंगनबाड़ी सचिव का यह भी कहना है कि सरकार नई स्कीम लॉन्च करे, यह अच्छी बात है परंतु पहले हम कर्मचारियों को समय से पैसा मिले यह ज्यादा जरूरी है।
जानकारी के लिए बता दें कि मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने लगभग 9,400 करोड़ रुपये की राशि ग्रामीण क्षेत्र में महिलाओं और बच्चों के विकास ( DWACRA) की नई स्कीम में देने की घोषणा की थी।
इस स्कीम के तहत ग्रामीण क्षेत्र में महिलाओं और बच्चों के विकास के लिए काम करने वाली सभी महिलाओं के लिए 10,000 रुपये की देने की घोषणा मुख्यमंत्री द्वारा की गई थी। लेकिन सोचने वाली बात यह है कि नई स्कीम को सरकार कैसे लॉन्च कर पाएगी जब राज्य भर के आँगनबाड़ी में काम कर रहे कर्मचारियों को समय से सरकार पैसा ही नहीं दे पा रही है।