Wednesday, November 13, 2024
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अनवर-उल-हक काकर बने पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री: बलूचिस्तान में विद्रोह थामने के लिए चली चाल?

शाहबाज शरीफ से हुई मुलाकात को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय के बाहर मीडिया से बात करते हुए राजा रियाज ने कहा था, "हमने पहले फैसला किया था कि कार्यवाहक प्रधानमंत्री छोटे प्रांत से होना चाहिए।"

पाकिस्तान में मची राजनीतिक उथल-पुथल के बीच अनवर-उल-हक काकर को पाकिस्तान का कार्यवाहक प्रधानमंत्री चुना गया है। प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि कार्यवाहक प्रधानमंत्री पद के लिए काकर का नाम राष्ट्रपति आरिफ अल्वी को भेजा गया था। इस पर राष्ट्रपति ने भी मंजूरी दे दी।

पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और विपक्ष के निवर्तमान नेता राजा रियाज से कार्यवाहक प्रधानमंत्री का नाम शनिवार (12 अगस्त, 2023) तक तय करने के लिए कहा था। दोनों नेताओं ने मिलकर कार्यवाहक प्रधानमंत्री के लिए अनवर-उल-हक काकर को चुना। पीएमओ द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और राजा रियाज ने राष्ट्रपति आरिफ अल्वी को कार्यवाहक प्रधानमंत्री के रूप में काकर की नियुक्ति के संबंध में एक सलाह भेजी। इसके तुरंत बाद राष्ट्रपति ने संविधान के अनुच्छेद 224 ए के तहत इस सलाह को अपनी सहमति दे दी।

वहीं इससे पहले, शाहबाज शरीफ से हुई मुलाकात को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय के बाहर मीडिया से बात करते हुए राजा रियाज ने कहा था, “हमने पहले फैसला किया था कि कार्यवाहक प्रधानमंत्री छोटे प्रांत से होना चाहिए। साथ ही कोई बिना विवाद वाला व्यक्तित्व होना चाहिए। हमारा उद्देश्य छोटे प्रांतों में अभाव की भावना को दूर करना था। आखिरकार हम इस आम सहमति पर पहुँच गए हैं कि अनवर-उल-हक काकर कार्यवाहक प्रधानमंत्री होंगे।”

गौरतलब है कि बुधवार (9 अगस्त, 2023) को पाकिस्तानी संसद भंग कर दी गई थी। इसके बाद से शाहबाज शरीफ और राजा रियाज ने कार्यवाहक प्रधानमंत्री चुनने के लिए बैठकों का दौर शुरू किया था। इसके बाद शरीफ ने शुक्रवार (11 अगस्त, 2023) को कहा था कि वह और रियाज शनिवार तक इस पद के लिए किसी नेता का नाम तय कर लेंगे। इस राजनीतिक विचार-विमर्श में पहले के गठबंधन में शामिल दलों को भी शामिल किया जाएगा।

कौन हैं अनवर-उल-हक काकर

पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवारुल हक काकर साल 2018 में बलूचिस्तान से निर्दलीय सांसद बने थे। बतौर सांसद उनका कार्यकाल 2024 में समाप्त होना है। इसके साथ ही, वह प्रवासी पाकिस्तानियों और मानव संसाधन विकास पर संसद की स्थायी समिति के अध्यक्ष के रूप में काम कर चुके हैं। साथ ही व्यापार सलाहकार समिति, वित्त और राजस्व, विदेशी मामलों और विज्ञान और प्रौद्योगिकी के सदस्य के रूप में भी काम किया है।

साल 2018 में बलूचिस्तान अवामी पार्टी (BAP) के गठन के बाद वह इसी पार्टी के नेता के रूप में संसद में रहे। पाकिस्तान में होने वाले अगले चुनाव तक काकर प्रधानमंत्री रहेंगे। बताते चलें कि बलूचिस्तान के लोग आज़ादी के लिए आंदोलन करते रहे हैं और पाकिस्तान सेना द्वारा उन पर काफी अत्याचार किया जाता है। ऐसे में हो सकता है कि दुनिया के सामने बलूचिस्तान का प्रतिनिधित्व दिखाने और वहाँ विद्रोह को कम करने के लिए ये फैसला लिया गया हो।

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आकाश शर्मा 'नयन'
आकाश शर्मा 'नयन'
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