केरल के राज्यपाल नियुक्त किए जाने पर आरिफ़ मोहम्मद खान ने खुशी जाहिर की है। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा, “यह सेवा करने का अवसर है। मैं खुशनसीब हूँ कि भारत जैसे देश में जन्म लिया, जो अपनी व्यापकता और अपनी विविधताओं के कारण धनी है। मेरे लिए भारत के इस हिस्से को जानने का ये बहुत बड़ा अवसर है, ये भारत की सीमा का निर्माण करता है, जिसे भगवान का अपना देश भी कहा जाता है। “
Arif Mohd Khan on being appointed as Guv of Kerala: It’s an opportunity to serve. Fortunate to be born in a country like India which is so vast&rich in diversity. It’s a great opportunity for me to know this part of India, which forms boundary of India&is called god’s own country pic.twitter.com/LZmF1FRN3Y
— ANI (@ANI) September 1, 2019
गौरतलब है कि 1986 में शाह बानो मामले में राजीव गाँधी की कैबिनेट से इस्तीफा देने वाले आरिफ़ मोहम्मद अभी हाल ही में ‘द वायर’ के एक इंटरव्यू में बेबाकी से अपनी राय रखते नजर आए थे। इस साक्षात्कार में केरल के नए राज्यपाल ने कई भ्रांतियों को ध्वस्त करते हुए अपनी बात रखी थी। इसके अलावा बीते दिनों तीन तलाक को गैर कानूनी बनाने जैसे कई मुद्दों पर मोदी सरकार के फैसलों का समर्थन कर चुके हैं।
उनके राज्यपाल नियुक्त होने से सोशल मीडिया पर यूजर्स भी काफी खुश नजर आ रहे हैं। लोग अपनी-अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कह रहे हैं कि वो इस पद के काबिल थे और वो एक सच्चे मुस्लिम हैं, जिन्होंने हमेशा भारत के लिए सोचा।
BJP needs to promote such nationalist Muslim voices, unfortunately after 47 the whole Muslim narrative was hijacked by mullahs and divisive Muslim leaders
— Vinod (@Vinod38350348) September 1, 2019
यूजर्स इस खबर के बाद मोदी सरकार से गुहार लगा रहे हैं कि आरिफ मोहम्मद जैसे नेताओं को राजनीति में बढ़ावा देकर देशभक्ति को परिभाषित करे।
India is proud of you sir. Your knowledge and thinking is brilliant. We all are fan of you.
— Er. Deep Dhillon (@JDeepDhillonz) September 1, 2019
इसके अलावा केरल के नए राज्यपाल की सोच और उनके ज्ञान को भी लोग खूब सराह रहे हैं और उनके केरल के गवर्नर के रूप में उत्कृष्ट विकल्प मान रहे हैं।
प्रगतिशील मुस्लिम चेहरे के तौर पर पहचान रखने वाले आरिफ़ मोहम्मद ख़ान वंदे मातरम का उर्दू में अनुवाद कर चुके हैं। शाहबानो मामले में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का समर्थन किया था और मुस्लिम कट्टरपंथियों के सामने घुटने टेकने के लिए कॉन्ग्रेस सरकार का विरोध किया था। तीन तलाक बिल पर बहस के दौरान प्रधानमंत्री ने उनके बयान का हवाला भी दिया था।