देश में सैन्य भर्ती के लिए भारत सरकार द्वारा लाई गई ‘अग्निपथ योजना’ को लेकर मचे बवाल के बीच सेना प्रमुख मनोज पांडे ने बड़ा ऐलान किया है। सेना प्रमुख मनोज पांडे ने शुक्रवार (17 जून 2022) को घोषणा की कि पहले ‘अग्निवीरों’ की ट्रेनिंग इसी साल दिसंबर से शुरू होगी और ट्रेनिंग के बाद इन्हें ज्वाइनिंग 2023 के मध्य तक दे दी जाएगी।
हालाँकि, केंद्र सरकार ने अभी तक अग्निपथ योजना के शुरू होने की आधिकारिक तारीख का ऐलान नहीं किया है। लेकिन आर्मी चीफ ने आज (शुक्रवार) कहा, “भर्ती प्रक्रिया जल्द ही शुरू होने जा रही है। अगले दो दिनों के भीतर आधिकारिक वेबसाइट पर एक नोटिफिकेशन जारी की जाएगी। उसके बाद सेना भर्ती संगठन इसके लिए रजिस्ट्रेशन और रैली के डिटेल कार्यक्रम को जारी करेंगे।” उन्होंने आगे कहा, “जहाँ तक भर्ती प्रशिक्षण केंद्रों पर जाने वाले अग्निवीरों का सवाल है, केंद्रों पर इस दिसंबर (2022) में पहले अग्निवीरों का प्रशिक्षण शुरू हो जाएगा। सक्रिय सेवा 2023 के मध्य में शुरू होगी।”
रिपोर्ट के मुताबिक, सेना भर्ती की नोटिफिकेशन सेना की वेबसाइट http://joinindianarmy.nic.in पर जारी की जाएगी। इसके साथ ही सरकार की इस योजना के हो रहे विरोध को लेकर आर्मी चीफ ने कहा कि युवाओं को इसकी सही जानकारी ही नहीं है। एक बार इसमें शामिल होने के बाद वो इसे समझेंगे और विरोध नहीं करेंगे।
उल्लेखनीय है कि कोरोना संकट के चलते भारतीय सेना की भर्ती बीते दो साल से रुकी हुई थी। 2019-2020 में सेना ने जवानों की भर्ती की और उसके बाद से कोई एंट्री नहीं हुई है। दूसरी ओर भारतीय नौसेना और भारतीय वायु सेना दोनों ने क्रमशः पिछले दो वर्षों में भर्ती की थी।
क्या है अग्निपथ योजना
गौरतलब है कि अग्निपथ योजना भारत सरकार की तीन सेनाओं में भर्ती वाली योजना है। इसके तहत प्रशिक्षण समेत कुल सेवा अवधि 4 वर्षों की होगी। हर एक बैच के 25% ‘अग्निवीरों’ को भारतीय सेना के ‘रेगुलर कैडर’ के लिए चुना जाएगा। उन्हें पहले वर्ष में 4.76 लाख रुपए का सालाना वेतन मिलेगा, जो अंतिम वर्ष में बढ़ कर 6.92 लाख रुपए हो जाएगा।
रिटायर होने के बाद उन्हें ब्याज सहित 11.71 लाख रुपए का सेवा निधि पैकेज भी दिया जाएगा, जिस पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। साथ ही उन्हें 48 लाख रुपए के बीमा का लाभ भी दिया जाएगा। सेवा पूरी करने के बाद उन्हें ‘अग्निवीर कौशल प्रमाण पत्र’ मिलेगा। सेवा पूरी करने के बाद उनकी अगली नौकरी की तलाश में भी मदद की जाएगी।