सीमा पार से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। 19 वर्षीय बांग्लादेशी किशोरी नुसरत जहान रफ़ी को उसके मदरसा हेडमास्टर के खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराने के बाद जला दिया गया। रिपोर्ट के अनुसार, 27 मार्च को, उसने शिकायत की थी कि मदरसा के हेडमास्टर ने उसे बार-बार अपने कार्यालय में बुलाया और बार-बार उसे अनुचित तरीके से छुआ।
किसी तरह वो मदरसे से भागने में कामयाब रही और अपना बयान देने के लिए एक स्थानीय पुलिस स्टेशन गई। पुलिसकर्मियों से जब वह अपने दर्दनाक अनुभव साझा कर रही थी, उसे रिकॉर्ड कर लिया गया। इस रिकॉर्डिंग को बाद में स्थानीय मीडिया में लीक कर दिया गया। इसके बाद, उसे दुर्व्यवहार और धमकियों का सामना करना पड़ा। इस मामले में जबकि पुलिस ने 27 मार्च को ही हेडमास्टर को गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन नुसरत के साथ और बुरा तो तब हुआ जब दो छात्र नेता और एक स्थानीय नेता के नेतृत्व में अच्छी-खासी भीड़ हेडमास्टर की रिहाई की माँग को लेकर सड़क पर इकट्ठा हो गई।
अपनी जान जाने के डर के बावजूद, नुसरत दर्दनाक घटना के 11 दिन बाद, 6 अप्रैल को परीक्षा देने के लिए स्कूल गई थी। स्कूल में एक साथी महिला छात्रा ने नुसरत को उसके साथ छत पर चलने के लिए कहा, जहाँ प्रिंसिपल के निर्देश पर चार-पाँच लोगों ने बुर्का पहनकर नुसरत के साथ न सिर्फ छेड़छाड़ की, बल्कि उसकी पिटाई भी शुरू कर दी और मदरसा हेडमास्टर के खिलाफ मामला वापस लेने का दबाव बनाने लगे। जब उसने इनकार किया, तो उन्होंने आग लगा दी। रिपोर्ट के अनुसार, वे इसे आत्महत्या का रूप देना चाहते थे, लेकिन जब नुसरत को बचा लिया गया, तो वे भाग निकले।
जाँच अधिकारी के अनुसार, हत्यारों में से एक ने उसके सिर को अपने हाथों में जकड़ रखा था और इसलिए वे वहाँ मिट्टी का तेल नहीं डाल पा रहे थे, जिसके कारण उसका सिर नहीं जला। नुसरत ने अपने भाई के फोन से अपना बयान दर्ज करवाया, वो भी तब जब उसे एम्बुलेंस से अस्पताल ले जाया जा रहा था। बयान में कहा, “शिक्षक ने मुझे छुआ। मैं अपनी आखिरी साँस तक इस अपराध का मुकाबला करुँगी।”
नुसरत के ऊपर मिट्टी का तेल डालने वाली एक महिला समेत पंद्रह लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें से दो लोगों ने उसे मारने की बात कबूल कर ली है। दोनों एक ही मदरसे में पढ़ रहे थे जहाँ नुसरत ने पढ़ाई की और मदरसे में बांग्लादेश छात्र लीग यूनिट में नेता भी थे। जाँच में यह भी पता चला है कि वे नुसरत की हत्या के निर्देश के लिए जेल में निलंबित हेडमास्टर सिराजुद्दौला से मिले थे। आरोपितों में से एक, शहादत, जिसने अपना अपराध कबूल कर लिया है, ने कहा कि वह हत्या का हिस्सा बनने के लिए उत्सुक था।