अनुच्छेद 370 और 35-A खत्म होने के बाद पूरे देश में जश्न का माहौल है। पटना समेत बिहार के कई जिलों में भी लोगों ने अपने अपने तरीके से जश्न मनाया। पटना के कारगिल चौक पर कई संगठनों ने विजय जुलूस निकाला। युवकों ने एक दूसरे को मिठाई खिलाई और चेहरों पर गुलाल लगाया। इस दौरान वहाँ पर इस फैसले के विरोध में मीटिंग कर रहे वामपंथ के कार्यकर्ताओं से जश्न मना रहे समर्थकों की भिड़ंत हो गई।
दोनों गुटों में बढ़ती बहस ने बाद में हिंसक रूप ले लिया। केंद्र सरकार के फैसले के समर्थन में जश्न मना रहे युवकों ने लाठी-डंडे से हमला कर सीपीआई के सुमंत कुमार का सिर फोड़ दिया, जबकि आशीष व एक अन्य को भी काफी चोटें आईं हैं। फिलहाल, सुमंत कुमार को इलाज के लिए पीएमसीएच ले जाया गया, जहाँ उनकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है।
सुमंत कुमार ने बताया कि सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर के अनुच्छेद 370 में किए गए बदलाव के विरोध में मार्च निकालने का प्रोग्राम बनाया गया था और फिर बाद में मीटिंग होने लगी, जिसमें संगठन के कई लोग शामिल थे। इसी बीच भगवा धारी झंडा लिए युवकों ने एक युवक की पिटाई कर दी। उन लोगों ने जब बचाने की कोशिश की तो उन पर हमला कर दिया और सिर फोड़ दिया। 2-3 अन्य को भी चोटें आई हैं।
साथ ही, सीपीआई के राज्य सचिव सत्यनारायण सिंह ने बजरंग दल पर मारपीट करने का आरोप लगाया। उन्होंने बताया कि बजरंग दल के सदस्यों ने मारपीट की है। उन्होंने इसे निंदनीय बताते हुए इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की माँग की है।
वहीं, पटना के गाँधी मैदान थानाध्यक्ष सुनील कुमार सिंह ने बताया कि अभी तक किसी पक्ष की तरफ से लिखित शिकायत नहीं मिली है। जानकारी के मुताबिक, एसएसपी गरिमा मलिक ने वायरलेस से हर थाना पुलिस को सतर्क रहने व गश्ती करने का निर्देश दिया है और खुद ही सुरक्षा व्यवस्था की मॉनीटरिंग करने के लिए सड़क पर उतर पड़ी हैं। एसएसपी के निर्देश के बाद सभी थाना पुलिस ने हर चौक-चौराहों पर पुलिस बल की तैनाती कर दी है और साथ ही सीसीटीवी कैमरे से भी नजर रखी जा रही है।
संपादकीय नोट: आए दिन इस तरह की मारपीट की घटनाएँ बढ़ती जा रही हैं। ऑपइंडिया किसी भी तरह की हिंसा या मारपीट की घटना की निंदा करता है। इससे माहौल बिगड़ता है। देश में कानून व्यवस्था है, लोगों को इसके दायरे में ही रहना चाहिए।