Monday, November 18, 2024
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‘भगोड़े’ अमृतपाल को बताया भाई, खालिस्तान समर्थकों को ‘सिख कार्यकर्ता’: पंजाब में चल रही धर-पकड़ ने बढ़ाई कनाडा के WSO की चिंता, 78 गिरफ्तारियों पर रोना शुरू

WSO के अध्यक्ष तेजिंदर सिंह सिद्धू ने कहा कि राज्य में इंटरनेट को बंद कर अर्धसैनिक बलों की तैनाती बहुत परेशान करने वाला है। राज्यव्यापी ब्लैकआउट नरसंहार का एक उपकरण रहा है और 1984 में सिखों के नरसंहार के लिए इसका इस्तेमाल किया गया था।

पंजाब में कई थानों की पुलिस की घेराबंदी के बावजूद खालिस्तान समर्थक और ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन का चीफ अमृतपाल सिंह (Amritpal Singh) भागने में कामयाब रहा है। पुलिस ने उसे भगोड़ा घोषित कर दिया है। उसके संगठन से जुड़े 78 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इसके साथ ही पुलिस ने दो गाड़ियाँ और कई हथियार बरामद किए हैं।

पुलिस की इस कार्रवाई का खालिस्तान समर्थकों ने आलोचना करनी शुरू कर दी है। कनाडा में रहकर भारत के खिलाफ प्रोपेगेंडा और अलगाववादी सेंटीमेंट को हवा देने वाले कई लोग और संगठन खुलकर अमृतपाल सिंह के पक्ष में बोल रहे हैं। इनमें WSO और रूपी कौर एवं गुरप्रीत सिंह सहोता प्रमुख हैं।

कनाडा स्थित खालिस्तान समर्थक The World Sikh Organization of Canada (WSO) ने अमृतपाल को गिरफ्तार करने की पुलिस कार्रवाई का विरोध किया है। WSO ने कहा कि पुलिस ‘फर्जी मुठभेड़ों’ में सिख कार्यकर्ताओं की हत्या कर सकती है। WSO ने कहा कि अमृतपाल संप्रभु सिख राज्य खालिस्तान के समर्थन के साथ-साथ भारत में सिख समुदाय के खिलाफ भेदभाव को उजागर करते हैं।

खालिस्तान समर्थक कनाडा में स्थित गैर-सरकारी संगठन (NGO) WSO ने कहा कि भारत सरकार ने अमृतपाल सिंह और उनके साथियों की गिरफ्तारी के लिए कोई कारण नहीं गया है। राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) जैसे भारतीय औपनिवेशिक युग के कानून अधिकारियों को 12 महीने तक बिना किसी आरोप के व्यक्तियों को हिरासत में लेने की अनुमति देते हैं।

WSO के अध्यक्ष तेजिंदर सिंह सिद्धू ने कहा कि राज्य में इंटरनेट को बंद कर अर्धसैनिक बलों की तैनाती बहुत परेशान करने वाला है। राज्यव्यापी ब्लैकआउट नरसंहार का एक उपकरण रहा है और 1984 में सिखों के नरसंहार के लिए इसका इस्तेमाल किया गया था। उन्होंने भारत पर झूठे आरोप लगाते हुए कहा, “सरकार ने बार-बार प्रदर्शित किया है कि सिख समान नागरिक नहीं हैं और उनके अधिकारों और स्वतंत्रता को इच्छानुसार निलंबित किया जा सकता है।”

अमृतपाल को समाजसेवी सिद्ध करने की कोशिश करते हुए तेजिंदर सिंह सिद्धू ने कहा कि अमृतपाल सिंह पंजाब में नशीली दवाओं के शिकार युवाओं को इससे दूर करने का प्रयास कर रहा था, लेकिन सरकार तस्करों के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय उसके खिलाफ ही कार्रवाई कर रही है। सिद्धू ने आगे कहा, “भाई अमृतपाल सिंह की हिरासत के भ्रम का इस्तेमाल झूठी मुठभेड़ को अंजाम देने और उनकी न्यायेतर हत्या को आसान बनाने के लिए किया जा सकता है।”

खालिस्तान समर्थक कनाडाई कवयित्री, चित्रकार, फोटोग्राफर एवं लेखिका रूपी कौर ने भी अमृतपाल के खिलाफ कार्रवाई की निंदा की है। रूपी कौर ने ट्वीट किया, “पंजाब में सिख कार्यकर्ताओं की सामूहिक गिरफ्तारी हो रही है। कम-से-कम 78 लोगों को हिरासत में लिया गया है। लोगों के इकट्ठा होने के साथ-साथ इंटरनेट और SMS सेवा बंद कर दिए गए हैं। सिख मीडिया आउटलेट्स और पेजों को ब्लॉक कर दिया गया है।”

पंजाब में जन्मी रूपी कौर बहुत कम उम्र में ही अपने परिवार के साथ कनाडा चली गई थी। साल 2009 में उन्होंने कविता प्रदर्शन करना शुरू किया। इसके बाद वह लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हो गईं। उन्होंने तीन कविता संग्रह लिखा है, जिसे कई भाषाओं में अनुवाद किया गया है। आज वह कनाडा की लोकप्रिय कवि हैं। हालाँकि, वह अलगाववादी खालिस्तान मूवमेंट का हिस्सा भी बन गई हैं।

वहीं, कनाडा स्थित खालिस्तान समर्थक पत्रकार गुरप्रीत सिंह सहोता ने भी अमृतपाल सिंह पर पुलिस कार्रवाई को लेकर ट्वीट किया। सहोता ने इस कार्रवाई के विरोध में लोगों को प्रदर्शन के लिए उकसाते हुए ट्वीट किया, “न्यूयॉर्क क्षेत्र के सिख कल भारतीय वाणिज्य दूतावास के सामने एकत्रित हुए। पश्चिमी देशों में इस तरह के और अधिक विरोध प्रदर्शन की उम्मीद की जा सकती है।”

सहोता जैसे लोग अमृतपाल जैसे सिस्टम को हाईजैक करने वाले क्रिमिनल को सुधारवादी सिद्ध करने का प्रयास कर रहे हैं। सहोता ने एक सिख व्यक्ति का वीडियो शेयर किया है, जिसमें वह नशीला पदार्थ छोड़ने की बात कहता है। इस आधार पर उसे नशे के खिलाफ एक बड़ा उत्प्रेरक साबित करने की कोशिश की जा रही है।

बता दें कि कभी दुबई में ट्रक चलाने वाला अमृतपाल सिद्धू मूसेवाला की मौत के बाद पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के सहयोग वारिस पंजाब दे का चीफ बन गया है और खालिस्तान के पक्ष में युवाओं को बरगला रहा है। शनिवार (18 मार्च 2023) को पुलिस ने उस पर कार्रवाई की, लेकिन वह भागने में कामयाब रहा।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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