लोकसभा चुनाव के मद्देनज़र पश्चिम बंगाल में प्रमुख इमामों ने एक संदेश जारी करते हुए समुदाय से सावधानीपूर्वक वोट करने की अपील की है। दरअसल, बंगाल के ऑल इंडिया मिल्ली काउंसिल के इमामों और मौलवियों ने कथित तौर पर पश्चिम बंगाल के समुदाय के मतदाताओं को 10,000 पत्र लिखकर कहा है कि वे एक कौम के रूप में एकजुट हों और सांप्रदायिक ताकतों को दरकिनार कर सेक्युलर सरकार को चुनें।
Clerics from WB write 10,000 letters, tell Muslims to ‘secular parties’ and keep ‘fascist forces’ out. In the comment made to DNA and otherwise it is evident that Mili West Bengal is batting for “secular” TMC against “communal” BJP. https://t.co/DdslFADBbp via @opindia_com
— SD Tiwari ?? (@sdtiwari) April 26, 2019
ये पत्र ऑल इंडिया मिल्ली काउंसिल की राज्य इकाई द्वारा भेजा गया है। इस पत्र पर ऑल इंडिया मिल्ली काउंसिल के अध्यक्ष करी फजलुर रहमान और उपाध्यक्ष मौलाना शफीक कासमी ने हस्ताक्षर किए हैं। करी फजलुर कोलकाता की रेड रोड पर ईद के मौके पर नमाज पढ़ाने वाले प्रमुख इमाम हैं, जबकि मौलाना शफीक कासमी कोलकाता की चर्चित नखोड़ा मस्जिद के इमाम हैं।
ऑल इंडिया मिल्ली काउंसिल की राज्य इकाई के प्रमुख कारी फजलुर रहमान ने डीएनए के साथ हुई बातचीत में कहा कि अल्पसंख्यकों को उनके मताधिकार की याद दिलाने के लिए यह पत्र लिखे गए हैं। रहमान ने बताया कि उन्होंने समुदाय के मतदाताओं से अपील की है कि 2019 में वो किसी तरह की गलती ना करें, वोट देने का अवसर बार-बार नहीं आता इसलिए उन्हें अपना वोट किसे देना है, इस पर सोच-विचार करना जरूरी है। उन्हें इस बात का ध्यान रखना होगा कि उनका वोट उसे ही मिले जो देश में सेक्युलर शासन लाए, न कि सांप्रदायिक तत्वों को सत्ता में जगह मिल जाए।
जब रहमान से पूछा गया कि राज्य में सेक्युलर पार्टी कौन सी है और समुदाय के वोटरों को किसे वोट देना चाहिए तो इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि जो दल सबसे ज्यादा मजबूत हो और जिसके जीतने की संभावना सबसे अधिक है। उनका कहना है कि बंगाल में सत्ताधारी दल तृणमूल के जीतने की उम्मीद सबसे ज्यादा है। इसलिए समुदाय को अन्य धर्मनिरपेक्ष दलों को वोट देकर अपना वोट नहीं बँटने देना चाहिए, क्योंकि ऐसा होने पर फासीवादी ताकतों को मदद मिल जाएगी।
इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए इमाम ने कहा, “पिछली बार हमने देखा कि कैसे समुदाय वोटों के विभाजन ने फासीवादी ताकतों को सत्ता में आने में मदद की। हम लोगों से अपना वोट बर्बाद न करने और इसे बहुमूल्य बनाने के लिए कह रहे हैं। फासीवादी ताकतें देश के धर्मनिरपेक्ष ढाँचे को नुकसान पहुँचा रही हैं जहाँ सभी धर्म एक साथ रहते हैं।”
हालाँकि इस पत्र में किसी भी कैंडिडेट या फिर राजनीतिक दल का ज़िक्र नहीं किया गया है। मगर डीएनए के साथ
कारी फजलुर रहमान द्वारा की गई बातचीत से यह स्पष्ट हो रहा है कि पश्चिम बंगाल में ऑल इंडिया मिली काउंसिल, भाजपा के खिलाफ और तृणमूल के लिए वोट देने की अपील कर रही है।
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल के इमाम अक्सर बेतुका बयान देते रहते हैं। साल 2017 में भी पश्चिम बंगाल के शाही इमाम ने एक बयान देते हुए कहा था कि जो प्रधानमंत्री मोदी के सिर और दाढ़ी के बाल काट देगा, उसे ₹25 लाख का इनाम दिया जाएगा।