उत्तर प्रदेश में बसपा की अध्यक्ष मायावती के जन्मदिन पर उनकी पार्टी के नेता विजय यादव ने एक बेहद विवादित बयान दिया है। मायावती के जन्म दिन पर जनसभा को संबोधित करते हुए विजय यादव ने कहा- “घबराने की जरूरत नहीं है, दौड़ा-दौड़ा कर मारेंगे बीजेपी को, मरी हुई नानी याद दिला देंगे।”
सपा-बसपा के गठबंधन के बाद दोनों पार्टियों के नेताओं में और उनके समर्थकों में एक अलग ही ‘स्तर’ का आत्मविश्वास देखने को मिल रहा है। लगातार हर तरफ ऐसे बयान सुनने में आ रहे हैं कि इस गठबंधन ने बीजेपी पार्टी से जुड़े लोगों की नींदें उड़ा दी हैं।
ANI द्वारा ट्विटर पर जारी किए गए वीडियो के एक हिस्से में विजय यादव कहते नज़र आ रहे हैं, “कॉन्ग्रेस ने एक तरफ जहाँ देश को राजीव गांधी, इंदिरा गांधी, सोनिया गांधी और राहुल गांधी के रूप में चार गाँधी दिए हैं। वहीं बीजेपी ने भी मोदी दिए हैं- नीरव मोदी, ललित मोदी और अंबानी की गोद में बैठा नरेंद्र मोदी।”
#WATCH BSP leader Vijay Yadav in Moradabad: Inn BJP waalon ko toh dauda dauda kar maarenge. Ghabrane ki zaroorat nahi hai. Aaj inhe nani yaad aagai hogi, mari hui nani, ki SP-BSP ek hogaye. (Note: Strong language) (15.01.2019) pic.twitter.com/Y5jkzB0Hs0
— ANI UP (@ANINewsUP) January 16, 2019
विजय यादव ने इस वीडियो में जनता को संबोधित करते हुए बोला, “अगर इस मोदी ने किसी के लिए कुछ किया है तो वो उद्योगपतियों के लिए किया है, बाकी किसी गरीब के लिए मोदी ने कुछ नहीं किया है।”
इस पूरे वीडियो में ऐसा लग रहा है कि सपा-बसपा के एक होने की खुशी विजय यादव से समेटे नहीं सिमट रही है। अपनी बात को रखने का अंदाज़ इस लहज़े में था कि अगर उन्हें कुर्सी नहीं मिली तो वो उसे छीन लेंगे।
लोकसभा चुनावों को मद्देनज़र रखते हुए अपनी इस बातचीत में उन्होंने श्रोताओं से कहा कि वे लोग फिक्र न करें, भारतीय जनता पार्टी वालों को तो सपा-बसपा दौड़ा-दौड़ा कर मारेगी।
विजय यादव ने यह भी बोला कि बीएसपी वालों को घबराने की जरूरत नहीं है। सपा-बसपा को साथ देखकर तो बीजेपी वालों को इनकी मरी हुई नानी याद आ गई हो गई।
जनता को न डरने की सलाह देते हुए नेता जी ने जय भीम बोलते हुए मुस्लिमों को अस्सलाम-वालेकुम कहा और हिन्दुओं को कहा राम-राम।
विजय यादव के ऐसे बयान के बाद लगता है कि सपा-बसपा के गठबंधन से पूरे देश में खुशी की लहर दौड़ी हो चाहे न दौड़ी हो, लेकिन पार्टी के सारे नेताओं में जीत को लेकर अत्याधिक विश्वास अभी से देखने को मिल रहा है। बता दें कि कॉन्ग्रेस का एक तरफ इस गठबंधन पर कहना है कि इन दोनों पार्टियों ने एक होकर वही काम किया है, जो बीजेपी चाहती थी कि सारे गुट एक हो जाएँ। वहीं बीजेपी के समर्थकों का इस गठबंधन पर कहना है कि उन्हें विश्वास है कि चाहे सारी पार्टियाँ एक क्यों न हो जाएँ, लोकसभा चुनावों में जीत उन्हीं की होगी।