जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 के निरस्त किए जाने के बाद से सरकार वहाँ पर सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने की पूरी कोशिश कर रही है। इसके मद्देनज़र सीआरपीएफ ने कश्मीर में आम जनता की सहायता के लिए मददगार हेल्पलाइन लॉन्च की, ताकि कश्मीर के बाहर रह रहे लोग अपने परिजनों का हाल-चाल जान सकें। मगर कुछ पाकिस्तानियों ने इसे भड़ास निकालने की जगह बना ली है।
बता दें कि इस हेल्पलाइन पर 11 अगस्त से 16 अगस्त के बीच 7,071 कॉल्स आईं। जिसमें से 171 कॉल्स भारत के बाहर से आईं और 2,700 कॉल्स राज्य में तैनात सुरक्षाकर्मियों के परिवारों से आईं। लोग हेल्पलाइन पर फोन कर अपने परिवार और रिश्तेदारों की खैरियत मालूम कर रहे थे। इस दौरान हेल्पलाइन पर कुछ कॉल्स पाकिस्तान की तरफ से भी आए। पाकिस्तान की तरफ से कॉल करने वालों में से कुछ कॉलर्स ने तो अपनों की खैरियत के बारे में पूछा मगर कुछ ने तो सुरक्षा बलों को ही खरी-खोटी सुना दी। पाकिस्तान से फोन करने वाले कुछ लोगों ने सुरक्षा बलों को जमकर अपशब्द कहे और भड़ास निकाली।
कुल 22 देशों से कश्मीर में अपनों का हाल जानने के लिए फोन आए। इनमें से 39 यूएई से, 12 कुवैत से, 8 इजरायल और मलयेशिया से, 7 रूस से, 6 यूएस और तुर्की से, 5 ऑस्ट्रेलिया से, 4 यूके, सिंगापुर और बांग्लादेश से, 3 फोन कॉल्स कनाडा, बहरीन, जर्मनी, फिलीपींस और थाइलैंड से फोन कॉल्स आए। इसके साथ ही, 2 ओमान, फ्रांस और बेल्जियम से जबकि 1 फोन कॉल चीन और एक कतर से आया। हेल्पलाइन नंबर पर अधिकतम कॉल (2,448) राज्य के बाहर रहने वाले कश्मीरियों के थे, जबकि 1,752 कॉल कश्मीर के बाहर गैर-कश्मीरियों द्वारा किए गए थे। हेल्पलाइन नंबर 14411 पर 11 अगस्त से 16 अगस्त के बीच सउदी अरब से 45 कॉल्स आईं हैं।
जम्मू-कश्मीर प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने टाइम्स ऑफ इंडिया से हुई बातचीत में बताया कि उन्हें भी कई पाकिस्तानी नंबरों से फोन आए थे, कुछ सही मायने में कश्मीर में रिश्तेदारों की खैरियत के बारे में पूछताछ करते हैं, लेकिन कुछ पाकिस्तानी सिर्फ गालियाँ देने और अपशब्द कहने के लिए ही फोन करते हैं।