चीन और पाकिस्तान सीमा पर तैनात सेना के जवान अब अत्याधुनिक हथियारों का इस्तेमाल कर सकेंगे। दरअसल, रक्षा मंत्रालय ने सेना में आधुनिकीकरण को लेकर एक अहम फै़सला लिया है। सरकार ने अमेरिका से करीब 73,000 अत्याधुनिक राइफ़लें ख़रीदने को मंजू़री दे दी है। बता दें कि राइफ़लों की ख़रीद का ये प्रस्ताव लंबे समय से अटका हुआ था। रिपोर्ट की मानें तो इसका इस्तेमाल क़रीब 3,600 किलोमीटर लंबी सीमा पर तैनात जवान करेंगे।
यूरोपीय देशों में हो रहा है इस राइफ़ल का इस्तेमाल
बता दें कि, अमेरिकी सुरक्षा बल अत्याधुनिक असॉल्ट राइफ़ल प्रयोग करते हैं, साथ ही कई अन्य यूरोपीय देश भी इन राइफ़लों का इस्तेमाल सुरक्षा के लिए कर रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट की मानें तो यह अनुबंध एक सप्ताह में तय हो सकता है। अमेरिकी कंपनी को सौदा तय होने की तारीख से 1 साल के अंदर इन राइफ़लों को भारत भेजना होगा। अमेरिका द्वारा निर्मित ये राइफ़लें इंसास राइफ़लों का स्थान लेंगी।
बता दें कि, अक्टूबर 2017 में सेना ने क़रीब 7 लाख राइफ़लों, 44,000 लाइट मशीन गन और क़रीब 44,600 कार्बाइन को खरीदने की प्रक्रिया शुरू की थी। जिसके बाद लगभग18 महीने पहले सेना ने स्वदेशी असॉल्ट राइफल का फायरिंग टेस्ट करते हुए उसे फेल कर दिया था। इसके बाद सेना ने विदेशी कंपनियों से राइफ़लें ख़रीदने की माँग की थी।