भारत सरकार ने शहीद जवानों की विधवाओं और सेवानिवृत्त सैनिकों के लिए बड़ा फ़ैसला लिया है। रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमन ने शहीद जवानों की विधवाओं व सेना के सेवानिवृत्त जवानों के लिए किसी भी तरह की कानूनी सहायता के प्रावधान को मंजूरी प्रदान की है। उन्होंने यह निर्णय
बुधवार 16 जनवरी को लिया।
रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल अमन आनंद ने मीडिया को इसकी जानकारी दी है। सरकार का यह फ़ैसला बलिदानी सैनिकों की लाखों विधवाओं के लिए लाभकारी साबित होगा। ऐसा देखा गया है कि जवानों के शहीद होने के बाद किसी भी तरह की कानूनी सहायता के लिए विधवाओं को कई सारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
पति के शहीद होने के बाद परिवार की आर्थिक स्थिति सही नहीं होने पर किसी भी कानूनी समस्या को हल करने के लिए या महंगे वकील की व्यवस्था करने के लिए विधवा को दर-दर भटकना पड़ता है। ऐसे में सरकार का यह फ़ैसला सेवानिवृत्त जवानों और शहीदों की विधवाओं के लिए बेहद राहत भरा साबित हो सकता है।
इस प्रस्ताव पर फ़ैसला लेने के लिए रक्षा मंत्री ने मंत्रालय के उच्च स्तरीय अधिकारियों के साथ मीटिंग की। इस मीटिंग में रक्षा मंत्रालय के आला अधिकारियों के अलावा आर्मड फोर्स ट्रिब्यूनल के चेयरमैन जस्टिस विरेंद्र सिंह भी मौजूद थे।
रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता के ने बताया कि मंत्रालय के इस फैसले को लागू करने में केंद्रीय सैनिक बोर्ड व ज़िला सैनिक बोर्ड के अधिकारी मदद करेंगे।