आगामी लोकसभा चुनावों की तारीख़ों से संबंधित झूठी खबर फ़ैलाने वालों पर संज्ञान लेते हुए चुनाव आयोग ने दिल्ली के मुख्य चुनाव अधिकारी को ऐसी ख़बरें फ़ैलाने वालों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज़ कराने को कहा है।
सोशल मीडिया पर 15 जनवरी से लोकसभा चुनाव को लेकर एक झूठी ख़बर फ़ैलाई जा रही है। इस ख़बर में दावा किया गया है कि लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया 7 अप्रैल से शुरू होगी और 17 मई को समाप्त होगी।
सोशल मीडिया में फ़ेसबुक व वाट्सअप जैसे माध्यम के ज़रिए फैलाई जा रही इस झूठी ख़बर पर चुनाव आयोग ने सख़्त रुख़ अपनाया है। चुनाव आयोग की नोटिस के बाद दिल्ली चुनाव आयोग ने दिल्ली पुलिस को पत्र लिखकर इस मामले में स्पेशल सेल व तकनीकी सेल की मदद लेने का आग्रह किया है।
आमतौर पर यह देखा गया है कि लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया आरंभ होने से एक या दो महीने पहले चुनाव आयोग तारीख़ों की घोषणा करता है। लेकिन सोशल मीडिया पर ट्रैफ़िक लाने व ट्रेंड बढ़ाने करने के चक्कर में शरारती तत्वों द्वारा लोकसभा चुनाव से जुड़ी झुठी ख़बर को सोशल मीडिया पर फ़ैलाया जा रहा है।
Act against those spreading fake schedule of 2019 general elections on social media platforms: Delhi Chief Electoral Officer’s Office to Technology Cell of Delhi Police. @IndianExpress pic.twitter.com/rS0QTyAtLo
— Sourav Roy Barman (@Sourav_RB) January 17, 2019
पहले भी प्रधानमंत्री से जुड़ी अफ़वाह को फ़ैलाया गया है
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 15 जनवरी को खुर्दा-बलांगिर रेलवे लाइन को हरी झंडी दिखाने के लिए ओडिशा के बलांगिर पहुँचे थे। प्रधानमंत्री का यह दौरा हेलिपेड निर्माण के लिए हजारों पेड़ काटे जाने की झूठी ख़बर के बाद विवाद में आ गया था।
दरअसल 14 जनवरी को पीटीआई ने एक ख़बर अपडेट की थी, जिसके बाद इस ख़बर को आधार बनाकर मुख्यधारा की मीडिया वेबसाइटों ने प्रधानमंत्री के हेलीपेड के लिए 1000-1200 पेड़ काटे जाने की ख़बर को प्रमुखता से प्रचारित किया था।
पीटीआई ने डिविजनल फ़ॉरेस्ट ऑफिसर (बलांगिर) समीर सतपथी के स्टेटमेंट को आधार बनाकर यह रिपोर्ट तैयार कर दी थी। अपने स्टेटमेंट में सतपथी ने कहा कि फ़ॉरेस्ट विभाग से अनुमति लिए बग़ैर हेलीपेड बनाने के लिए पेड़ों को काटा गया, इस मामले में जाँच का आदेश दे दिया गया है।
फ़ॉरेस्ट विभाग के एक अधिकारी के बयान के बाद पीटीआई जैसे संस्थान में काम करने वाले रिपोर्टर ने ग्राउंड पर जाकर सच जानने की कोशिश नहीं की। हालाँकि, PTI की ख़बर में ‘alleged’ शब्द का इस्तेमाल हो रहा है फिर भी देश के इतने बड़े मीडिया संस्थान के द्वारा ऐसी ख़बर को ‘कथित’ (alleged) कहकर आगे बढ़ा देना आलस्य ही कहा जाएगा।
इसका परिणाम यह हुआ कि प्रधानमंत्री से जुड़ी गलत ख़बर को लगभग सभी संस्थानों ने अपनी वेबसाइट पर अपडेट किया। इसके बाद 13 जनवरी 2019 को द हिन्दू ने अपने वेबसाइट पर एक ख़बर प्रकाशित की। इस ख़बर में इस बात का उल्लेख है कि ‘अर्बन प्लांटेशन प्रोग्राम’ के अंतर्गत 2.25 हेक्टेयर जमीन रेलवे विभाग ने 2016 में अपने अधीन ली थी।
हेलीपेड बनाने के लिए कुछ खाली ज़मीन की ज़रूरत थी जिसके के लिए 1.25 हेक्टेयर ज़मीन को साफ़ किया गया। बाद में ऑपइंडिया ने फ़ैक्ट चेक में पाया कि यह महज अप़वाह है। प्रधानमंत्री के दौरे से पहले हेलीपेड बनाने के लिए इतनी बड़ी संख्या में पेड़ों को नहीं काटा गया था।