Monday, December 23, 2024
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10 गलियाँ हुईं सुनसान, 125 हिन्दू परिवारों के पलायन के बाद मेरठ बन रहा दूसरा कैराना

लोगों ने कहा कि थोड़ी-थोड़ी सी बात पर शरारती तत्व भीड़ लगा देते हैं और हुड़दंग चालू कर देते हैं। समुदाय विशेष के लोग बहुसंख्यकों के मकान के सामने अपनी गाड़ी खड़ी कर देते हैं और मना करने पर गाली-गलौज करते हैं। एक स्थानीय महिला ने कहा कि विरोध करने पर वो कहते हैं कि यह सब उनका अधिकार है।

अब उत्तर प्रदेश का मेरठ नया कैराना बन रहा है। यहाँ से हिन्दू पलायन करने को मज़बूर हैं। स्थिति भयावह है क्योंकि लोग अपने घरों को छोड़-छाड़ कर जा रहे हैं और अपनी संपत्ति को औने-पौने दाम पर बेचने को मजबूर हैं। कैराना में हिन्दुओं के पलायन की ख़बर राष्ट्रीय मुद्दा बनी। दैनिक जागरण ने आज (गुरुवार, जून 27, 2019) को एक विस्तृत ग्राउंड रिपोर्ट प्रकाशित की है। हम आपको संजीव तोमर की इस व्यापक रिपोर्ट की मुख्य बातें बताते हैं, जिससे आप भी सोचने को विवश हो जाएँगे।

लिसाड़ी गेट थाना क्षेत्र के भीतर आने वाले प्रह्लाद नगर में कुल 125 परिवारों द्वारा पलायन की ख़बरें सामने आई हैं। यह मुस्लिम बहुल इलाक़ा है, जहाँ 425 बहुसंख्यक परिवार रहते थे। मामले की शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय तक पहुँच चुकी है। लोगों का साफ़ कहना है कि एक विशेष समुदाय के लोगों द्वारा ऐसी परिस्थितियाँ पैदा की गई कि वे पलायन को मजबूर हुए।

स्थिति यह है कि स्थानीय पार्षद भी लाचार नज़र आ रहे हैं। भाजपा पार्षद जीतेन्द्र पाहवा ने अधिकारियों को स्थिति से बार-बार अवगत कराया लेकिन अभी तक कोई ठोस क़दम नहीं उठाया गया है। बूथ अध्यक्ष महेश मेहता ने नमो ऐप पर शिकायत की है। पीएमओ ने उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री कार्यालय को उचित क़दम उठाने को कहा है।

इसके बाद हरकत में आए मुख्यमंत्री कार्यालय ने मेरठ के डीएम व वरिष्ठ एसपी को विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा है। पार्षद पाहवा ने आरोप लगाया कि पुलिस सिर्फ़ खानापूर्ति कर रही है। मेरठ के सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने कहा कि संसद सत्र के बाद मेरठ पहुँचते ही वे इस मामले को देखेंगे। सांसद ने स्वीकार किया कि कुछ शरारती तत्वों द्वारा सामाजिक ताना-बाना बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है।

सांसद अग्रवाल ने कहा कि वे इस सम्बन्ध में अधिकारियों से बात करेंगे। मेरठ के जिलाधिकारी ने कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा रिपोर्ट माँगे जाने की जानकारी नहीं है। उन्होंने बताया कि अगर ऐसा है तो स्थानीय थाना व प्रशासन से बातचीत कर के सीएमओ को सही जानकारी से अवगत कराया जाएगा।

एसएसपी ने कहा कि पुरानी शिकायतों को खंगाल कर यह देखने की कोशिश की जाएगी कि उन मामलों में पुलिस ने अब तक क्या कार्रवाई की है, और उसके बाद सीएमओ को रिपोर्ट सौंपी जाएगी। स्थानीय लोगों ने कहा कि बहू-बेटियों का बाहर बैठना तक दूभर हो गया है क्योंकि उन पर अश्लील कमेंट किए जाते हैं। यह सिलसिला आज से नहीं, बल्कि पिछले 5-6 वर्षों से चला आ रहा है।

स्थानीय जनता को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार से उम्मीद है कि वो सब ठीक कर देगी। पब्लिक का कहना है कि किसी भी सांप्रदायिक तनाव वाली घटना के बाद पुलिस तो आती है लेकिन फिर 2-3 दिन बाद हालात वही हो जाते हैं। समुदाय विशेष के शरारती तत्व स्टंटबाजी, लूटपाट, छेड़छाड़ जैसी हरकतें कर के लोगों को परेशान करते हैं।

विधायक सोमेंद्र तोमर ने कहा कि कॉलोनी में गेट लगाने को कहा गया है। सीओ कोतवाली ने कहा कि मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा एक्शन में आने के बाद पिकेट लगा दिया गया है, जहाँ दो पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। वहाँ नियमित जाँच की जाएगी। इसके अलावा एंटी-रोमियो स्क्वाड को भी काम पर लगा दिया गया है।

स्थानीय लोगों ने कहा कि पुलिस सिर्फ़ अस्थायी पिकेट लगाती है, जिसे एक दिन बाद हटा लिया जाता है। लगभग हर रोज़ लोग मकान बेचने को विवश हैं और आए दिन लोगों के पलायन की ख़बर आ रही है। एक स्थानीय व्यक्ति ने कहा कि छात्राएँ स्कूल और ट्यूशन तक नहीं जा पा रही हैं और स्थिति भविष्य में विकराल रूप ले सकती है।

लोगों ने कहा कि थोड़ी-थोड़ी सी बात पर शरारती तत्व भीड़ लगा देते हैं और हुड़दंग चालू कर देते हैं। समुदाय विशेष के लोग बहुसंख्यकों के मकान के सामने अपनी गाड़ी खड़ी कर देते हैं और मना करने पर गाली-गलौज करते हैं। एक स्थानीय महिला ने कहा कि विरोध करने पर वो कहते हैं कि यह सब उनका अधिकार है। पलायन से दस गलियाँ अब तक सुनसान हो गई हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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