Sunday, November 17, 2024
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गगनयान भारत का पहला मानव मिशन, पायलट भी हो सकते हैं अंतरिक्ष यात्री

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा था कि वर्ष 2022 तक आज़ादी के 75 साल पूरे होने के अवसर पर, भारत का बेटा या बेटी अंतरिक्ष में जाएगा। इस लक्ष्य के हासिल होते ही भारत मानव मिशन भेजने वाले दुनिया के शीर्ष देशों में चौथा देश होगा।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के वैज्ञानिकों ने शुक्रवार (जनवरी 18, 2019) को संकेत दिया कि देश के पहले मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन ‘गगनयान’ से जाने वाले अंतरिक्ष यात्री पायलट हो सकते हैं। इसके लिए उड़ान का पर्याप्त अनुभव रखने वाले लोगों की तलाश इसरो द्वारा की जा रही है। इसरो के चेयरमैन के. सीवन ने कहा कि मानव अंतरिक्ष मिशन के लिए अंतरिक्ष यात्रियों के चयन में भारतीय वायुसेना और अन्य एजेंसियों की भी महत्वपूर्ण भूमिका होगी।

बता दें कि गगनयान प्रोजेक्ट की घोषणा पिछले साल पीएम मोदी ने की थी। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा था कि वर्ष 2022 तक आज़ादी के 75 साल पूरे होने के अवसर पर, भारत का बेटा या बेटी अंतरिक्ष में जाएगा। साल 2022 या उससे पहले ही, भारतीय वैज्ञानिकों ने मानवसहित गगनयान लेकर अंतरिक्ष में तिरंगे के साथ जाने का दृढ संकल्प लिया है। इस लक्ष्य के हासिल होते ही भारत मानव मिशन भेजने वाले दुनिया के शीर्ष देशों में चौथा देश होगा।

एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए सीवन ने कहा कि पहले मानवरहित ‘गगनयान’ को दिसंबर 2020 में प्रक्षेपित किए जाने की योजना है। दूसरा मानवरहित यान जुलाई 2021 तक भेजे जाने की उम्मीद है और फिर अंतत: दिसंबर 2021 तक पहला मानवयुक्त गगनयान मिशन पूरा किए जाने की सम्भावना है।

चंद्रयान-2
चंद्रयान-2 प्रतीकात्मक चित्र

बीते कुछ वर्षों में भारत ने अंतरिक्ष विज्ञान में कई बड़ी उपलब्धियाँ हासिल की हैं। इसरो प्रमुख के सीवन ने बताया कि भारत इस साल अप्रैल तक चंद्रयान-2 के लॉन्चिंग के लिए भी तैयार है। चंद्रयान -2 मिशन पर कुल 800 करोड़ रुपए खर्च किया जाना है। इस मिशन की मदद से चाँद से जुड़ी कुछ अहम जानकारियाँ जुटाने की कोशिश की जाएगी। इस मिशन लेकर इसरो पूरी तैयारी कर चुका है।

गगनयान की कुछ ख़ास बातें

1- गगनयान के तहत शुरुआती ट्रेनिंग भारत में होगी जबकि इसकी एडवांस ट्रेनिंग रूस में दी जाएगी। अंतरिक्ष में जाने वाले दल में महिला अंतरिक्ष यात्री के भी शामिल होने की संभावना है।

2- गगनयान मिशन को केंद्र सरकार ने ऐतिहासिक बताते हुए इसके लिए 10,000 करोड़ रुपए का फंड जारी किया था।

3- गगनयान मिशन में भारत, रूस और फ्रांस से भी मदद ले रहा है। इसरो अभी तक इस मिशन पर 173 करोड़ रुपए खर्च कर चुका है।

4- इसरो अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजने के लिए सबसे बड़े रॉकेट जीएसएलवी मार्क-3 का उपयोग करेगा।

5- अंतरिक्ष में जाने वाले अंतरिक्ष यात्रियों को ‘व्योमनॉट्स’ के नाम से जाना जाएगा। व्योम शब्द का अर्थ अंतरिक्ष होता है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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