आतंकी संगठन हिज़बुल मुजाहिद्दीन के सबसे बड़े सरगना सैयर सलाहुद्दीन ने भारत के ख़िलाफ़ ज़हर उगला है। सैयद सलाहुद्दीन ने जम्मू कश्मीर को लेकर भड़काऊ बयानबाजी की। हिज़बुल सरगना ने पाकिस्तान की फ़ौज से आग्रह किया कि जम्मू कश्मीर में लोगों को हथियार उपलब्ध कराए जाएँ ताकि वो भारत सरकार के ख़िलाफ़ लड़ाई कर सकें। पाकिस्तान अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त किए जाने के बाद से ही बौखलाया हुआ है और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर एक के बाद एक हुई बेइज्जती के कारण अब अपने मंसूबों को कामयाब बनाने के लिए आतंकियों का इस्तेमाल कर रहा है।
सैयद सलाहुद्दीन ने एक वीडियो रिलीज किया, जिसमें उसने उक्त बातें कही। उसने कहा कि भारत के ख़िलाफ़ उसकी जंग जारी रहेगी। सलाहुद्दीन ने कहा कि ये पाकिस्तानी फ़ौज का कर्तव्य है कि वो कश्मीरियों को हथियार उपलब्ध कराएँ, ताकि वे भारतीय सुरक्षा बलों के ख़िलाफ़ युद्ध कर सकें। उसने कहा कि अल्लाह के नाम पर आतंक फैलाने के लिए पाकिस्तान को कश्मीरियों की मदद करनी चाहिए। उसने दावा किया कि भारत सरकार कश्मीर में आम जनता को प्रताड़ित कर रही है।
बता दें कि पाकिस्तान भी सभी अंतरराष्ट्रीय मंचों पर ऐसे ही बेढंगे दावे करता रहा है। जम्मू कश्मीर के कई विपक्षी नेता भी कमोबेश यही बात दोहराते रहे हैं कि राज्य में आम जनता के मूलभूत अधिकारों को छीन कर उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है। सलाहुद्दीन ने जम्मू कश्मीर को अपनी मातृभूमि बताते हुए कहा कि भारत ने 72 साल से उस क्षेत्र पर कब्ज़ा कर रखा है। भाजपा के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यन स्वामी ने सलाहुद्दीन के बयान को कोरी गप करार दिया। स्वामी ने कहा कि वो पब्लिसिटी और अटेंशन के लिए ऐसी बातें कर रहा है। उन्होंने सलाहुद्दीन को चुनौती दी कि वो एक बार लाल चौक पर खड़ा होकर देखे कि उसके साथ क्या होता है? स्वामी ने कहा कि सलाहुद्दीन के बयान को गंभीरता से लेने की ज़रूरत नहीं है।
#Breaking | The J&K Valley is slowly regaining normalcy, but Pak has decided to disrupt the peace somehow. In a video Hizb-ul-Mujahideen chief Syed Salahuddin is found making plot to spill blood in the Valley.
— TIMES NOW (@TimesNow) November 16, 2019
TIMES NOW’s Pradeep Dutta with more details. Listen in. pic.twitter.com/7V4plfhc5P
सलाहुद्दीन ने कहा कि कश्मीरियों को ‘दासता’ से मुक्त कराने के लिए अब मजबूत क़दम उठाने का समय आ गया है। उसने कहा कि अगर इसमें कोई भी दिक्कत आती है तो जम्मू कश्मीर में 8 साल के बच्चों से लेकर 80 साल के बूढ़ों तक, सभी को हथियार थमाया जाना चाहिए ताकि वो भारत के ख़िलाफ़ जंग लड़ सकें। उसने कहा कि जब तक एक भी कश्मीरी जिन्दा है, उसकी जंग जारी रहेगी।
सैयद सलाहुद्दीन पहले एक मध्यम वर्गीय परिवार से ताल्लुक रखता था। वह अपने सभी भाई-बहनों में सातवें नंबर पर है। भारत-पाक विभाजन के समय वह मात्र 1 वर्ष का था। उसके अब्बा भारतीय डाक विभाग में कार्यरत थे। यूनिवर्सिटी ऑफ कश्मीर से राजनीतिक विज्ञान की पढ़ाई करते समाय वह जमात-ए-इस्लामी से प्रेरित हुआ। इसके बाद प्रशासनिक सेवा में जाने के सपने देखने वला सलाहुद्दीन आतंक की राह पर चल निकला।