गृह मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले तीन सालों की तुलना में 2018 में सेना ने सबसे अधिक आतंकियों को जम्मू-कश्मीर में मार गिराया है। रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि 2016 में भारतीय सेना ने 135 आतंकियों को मार गिराया था, जबकि 2017 में यह आँकड़ा 207 पहुँच गया था।
2018 में सेना ने कश्मीर में 244 आतंकी को मार गिराया। इस तरह जाहिर होता है कि केंद्र में भाजपा की सरकार बनने के बाद कश्मीर में आतंकी सफाई को लेकर बड़ा कदम उठाया गया है।
कश्मीर में अशांति फैलाने वाले आतंकी समूह को जड़ से खत्म करने के लिए सेना दिन-रात काम कर रही है। इसका परिणाम यह हुआ है कि पिछले साल सबसे ज्यादा घुसपैठ करने की कोशिश आतंकियों द्वारा की गई, लेकिन उन सबको बॉर्डर पर मार गिराकर सेना ने आतंकियों के मंसूबे पर पानी फेर दिया।
हालाँकि, 2017 की तुलना में 2018 में संघर्ष विराम उल्लंघन की ज्यादा घटनाएँ घटी हैं। 2017 में संघर्ष विराम की 971 घटनाएँ घटी जबकि 2018 में संघर्ष विराम की 2140 घटनाएँ घटी। पिछले साल आतंकी और पाकिस्तानी सेना द्वारा जब कभी घुसपैठ का प्रयास किया गया या फिर संघर्ष उल्लंघन किया गया तो भारतीय सेना ने मुँहतोड़ जवाब दिया है।
जानकारी के लिए बता दें कि कश्मीर में सेना के सफल प्रयास से ही हिज़्बुल मुज़ाहिद्दीन का गढ़ माने जाने वाला ज़िला बारामूला को अब आतंक-मुक्त घोषित कर दिया गया है। सेना और पुलिस की इस क़ामयाबी पर पूरे देश को गर्व होना चाहिए। 23 जनवरी 2019 को सेना के साथ मुठभेड़ में तीन आतंकियों के मारे जाने के बाद जम्मू एवं कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने इस बात की पुष्टि की थी।
जम्मू एवं कश्मीर में जितने भी आतंक प्रभावित ज़िले हैं, उनमें से बारामूला आतंक-मुक्त घोषित होने वाला पहला ज़िला है।