लोकसभा चुनाव ख़त्म होने के साथ ही एग्जिट पोल्स के नतीजे आने लगे हैं और विभिन्न एग्जिट पोल्स में भाजपा और कॉन्ग्रेस गठबंधनों को कितनी सीटें मिल रही हैं, इसकी पल-पल की जानकारी आपको यहाँ मिलेगी। जितने भी न्यूज़ चैनलों और सर्वे एजेंसियों द्वारा संयुक्त रूप से एग्जिट पॉल्स की जानकारियाँ जैसे-जैसे बाहर आती जाएँगी, हम आपको बताते जाएँगे। इसीलिए पल-पल के अपडेट के लिए यहाँ जुड़े रहें। यहाँ हम आपको इंडिया टुडे-एक्सिस द्वारा जारी किए गए एग्जिट पोल की अपडेट देंगे। इसके अनुसार, किस राज्य में किस पार्टी व गठबंधन को कितनी सीटें आ रही हैं और कुल आँकड़े कैसे दिख रहे हैं, इसे नीचे देखें।
कुल आँकड़े कुछ इस प्रकार होंगे:
NDA: 339-368
UPA: 77-108
अन्य: 69-95
बिहार में राजग गठबंधन क्लीन स्वीप कर सकता है। यहाँ भाजपा को 38 से 40 सीटें मिलती दिख रही हैं। सबसे बड़ी बात तो यह कि राजद, कॉन्ग्रेस, रालोसपा और हम का गठबंधन मिलकर 2 सीटें भी ठीक से नहीं जीत पाएगा। बिहार मे जातीय अंकगणित को देखते हुए यह चौंकाने वाला नतीजा है।
झारखण्ड में राज्य सरकार की लोकप्रियता अच्छी रही है और भाजपा को यहाँ 12 से 14 सीटें मिलती दिख रही हैं। यानी भाजपा यहाँ भी क्लीन स्वीप कर सकती है। कॉन्ग्रेस गठबंधन को 0 से 2 सीटें मिल सकती है।
ओडिशा में मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और सत्ताधारी बीजद का किला ढहता नज़र आ रहा है। पार्टी बस 2 से 6 सीटों पर सिमट जाएगी। वहीं भाजपा 15 से 19 सीटें जीत कर यहाँ भी बंगाल की तरह दमदार एंट्री मारेगी। कॉन्ग्रेस के यहाँ भी अधिकतम खाता खोलने के ही आसार हैं।
उत्तर प्रदेश में भाजपा एवं महागठबंधन के बीच काँटे की टक्कर है। भाजपा को जहाँ 48% वोट मिलेंगे, वहीं सपा-बसपा महागठबंधन को 39% वोट मिलेंगे। कॉन्ग्रेस 8% वोट शेयर के साथ तीसरे स्थान पर रहेगी। इस हिसाब से भाजपा को 62-68 सीटें मिलती दिख रही हैं, अर्थात 2014 के मुक़ाबले पार्टी को ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है। वहीं सपा-बसपा एक दुसरे को अपना वोट ट्रांसफर करने में नाकाम रहे और उन्हें मात्र 10 से 16 सीटों से संतोष करना पड़ेगा। कॉन्ग्रेस का ‘प्रियंका दाँव’ बुरी तरह फेल होता दिख रहा है और उसे अधिकतम 2 सीटें मिलेंगी।
पश्चिम बंगाल में तृणमूल कॉन्ग्रेस को भाजपा पीछे छोड़ देगी। पार्टी को तृणमूल से ज्यादा सीटें आने का अनुमान है। भाजपा को जहाँ 19 से 22 सीटें आएँगी, वहीं ममता बनर्जी की तृणमूल कॉन्ग्रेस को 19 से 22 सीटें आ सकती हैं। इसका सीधा अर्थ है कि राज्य में वाम को चारों खाने चित कर भाजपा सत्ताधारी तृणमूल को न सिर्फ़ टक्कर दे रही है, बल्कि उससे आगे निकलती भी दिख रही है। कॉन्ग्रेस राज्य में खाता खोल ले, यही बहुत है। यहाँ दोनों ही पार्टियों का वोट शेयर 41% रहने की उम्मीद है।
हिमाचल प्रदेश में भाजपा पाँचों सीटें जीत कर क्लीन स्वीप करेगी। उत्तराखंड में भाजपा पाँचों सीटें जीतेगी जबकि कॉन्ग्रेस का खाता भी नहीं खुलेगा। दिल्ली में भाजपा को 6 से 7 सीटें मिलती दिख रही है, यानी पार्टी यहाँ भी क्लीन स्वीप कर रही है। जम्मू कश्मीर में भाजपा को 2-3 सीटें मिलेंगी, वहीं नेशनल कॉन्फ्रेंस को भी इतनी ही सीटें मिलने का अनुमान है। कॉन्ग्रेस का यहाँ भी खाता खोलना मुश्किल है और पार्टी को अधिकतम 1 सीट मिलती दिख रही है। महबूबा मुफ़्ती की पार्टी पीडीपी को एक भी सीट नहीं मिलेगी।
गोवा में भाजपा को 2 सीटें मिलेंगी वहीं कॉन्ग्रेस का खाता भी नहीं खुलेगा। मध्य प्रदेश में भाजपा को 26 से 28 सीटें मिलेंगी। पंजाब में आम आदमी पार्टी को इस बार घाटा होगा और पार्टी खाता खोल ले, यही बहुत है। कॉन्ग्रेस को 8 से 11 सीटें आएँगी, वहीं NDA को मात्र 3 से 5 सीटों के साथ संतोष करना पड़ेगा। हरियाणा में कॉन्ग्रेस को शून्य से 2 सीटें मिलती दिख रही है। भाजपा को 8 से 11 सीटें मिलेंगी। चंडीगढ़ की एकमात्र सीट पर भाजपा का कब्ज़ा होगा, यानी किरण खेर जीतेंगी।
कर्नाटक में भाजपा को 28 में से 25 सीटें मिलती दिख रही हैं, वहीं राज्य की सत्ताधारी गठबंधन में शामिल कॉन्ग्रेस 3 से 6 सीटों पर सिमट जाएगी। कर्नाटक में कॉन्ग्रेस को तगड़ा झटका लगता दिख रहा है। पार्टी ने मुख्यमंत्री पद का ‘त्याग’ कर अपने से कम सीटों वाली जेडीएस को समर्थन दिया था, जिसके बाद कुमारस्वामी मुख्यमंत्री बने थे।
महाराष्ट्र में भाजपा और शिवसेना गठबंधन 38 से 42 सीटों पर कब्ज़ा करती दिख रही है वहीं 4 से 6 सीटें पाकर कॉन्ग्रेस-एनसीपी का गठबंधन फुस्स हो जाएगा।
तमिलनाडु में यूपीए गठबंधन में शामिल डीएमके को भारी फायदा होता दिख रहा है। डीएमके को 34 से 38 सीटें मिलती दिख रही हैं। वहीं अभी 30 से भी अधिक सांसदों वाली एआईडीएमके को जयललिता के निधन का ख़ासा नुकसान होता दिख रहा है। पार्टी शून्य से 4 सीटों पर सिमट जाएगी।
केरल में तमाम प्रयासों व सबरीमाला मुद्दे को ज़ोर-शोर से उठाने के बावजूद कोई फायदा मिलता नहीं रहा है। राज्य में यूडीएफ को 15 से 16 सीटें मिल सकती हैं। एलडीएफ को 3 से 5 सीटें मिलेंगी। भाजपा को शून्य से 1 सीटें मिलेंगी। यानि, राज्य में भाजपा का खाता खोलना मुश्किल लग रहा है।
आंध्र प्रदेश में चंद्रबाबू नायडू की पार्टी टीडीपी को बड़ा झटका लगा है। पार्टी 4 से 6 सीटों पर सिमट जाएगी। वहीं वाईएसआर की पार्टी को 18 से 20 सीटें मिलेंगी। इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि विधानसभा चुनाव में भी नायडू का किला ढहने को है।
कितने सही और कितने ग़लत हुए थे पिछले एग्जिट पॉल्स
2014 के लोकसभा चुनाव के एग्जिट पोल को समझने के लिए नीचे दी गई टेबल पर नज़र डालते हैं। इस टेबल को आप देख कर जान सकते हैं कि किस न्यूज़ चैनल द्वारा किस गठबंधन को कितनी सीटें दी गई थीं और किसके आँकड़े कितने सही या ग़लत साबित हुए थे?
2014 | न्यूज़ 24(टुडे चाणक्य) | टाइम्स नाउ(ORG) | CNN IBN(CSDS) | हेडलाइंस टुडे(ITG सिसरो) | इंडिया टीवी (सी वोटर) | NDTV | ABP(नील्सन) | कुल सीटें |
NDA | 340 (+/-14) | 249 | 270-282 | 272 (+/-11) | 289 | 279 | 281 | 336 |
UPA | 070 (+/-9) | 148 | 92-102 | 115 (+/-5) | 101 | 103 | 097 | 059 |