लद्दाख स्थित गलवान घाटी में चीन के सैनिकों की करतूतों के कारण भारतीय सेना से हिंसक झड़प के बाद भारत-चीन के बीच तनाव चरम पर पहुँच गया। भारत ने हाल ही में चीन के 59 एप को बैन करने का निर्णय किया, जिससे चीनी कंपनियों को तगड़ा झटका लगा है।
भारत के इस फ़ैसले के बाद से ही चीन की परेशानी साफ़ झलक रही है। चीन के मुखपत्र ‘ग्लोबल टाइम्स’ ने अब माना है कि भारत में प्रतिबंधित किए जाने के बाद TikTok की पैरेंट कंपनी Bytedance को 600 करोड़ डॉलर (मतलब आज की करेंसी एक्सचेंज के अनुसार लगभग 45300 करोड़ रुपए) का नुकसान हो सकता है।
चीन सरकार के अनाधिकारिक प्रवक्ता के रूप में काम करने वाले और भारत को समय-समय पर झूठी गीदड़ भभकी देने वाले अखबार ‘ग्लोबल टाइम्स’ ने ट्वीट कर के बताया है कि पिछले महीने लद्दाख में लाइन ऑफ़ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर हिंसक संघर्ष के बाद भारत सरकार की तरफ से चीन के 59 एप पर प्रतिबन्ध लगाने से TikTok की पैरंट कंपनी बाइटडांस को 6 अरब डॉलर (45,300 करोड़ रुपए) का बड़ा नुकसान हो सकता है।
बता दें कि प्रतिबंधित किए जाने से पहले टिकटॉक भारत में काफी मशहूर वीडियो एप्लिकेशन था, जिसकी पहुँच सुदूर गाँवों तक थी। इस एप के लगभग 20 करोड़ यूजर्स अकेले भारत में थे, जो इस एप पर शॉर्ट वीडियोज अपलोड कर के मनोरंजन करते थे।
टिकटॉक के अलावा अन्य प्रतिबंधित चायनीज एप की बात करें तो डॉक्यूमेंट स्कैनर ‘कैमस्कैनर’ के भी भारत में 10 करोड़ यूजर थे। हालिया जून में ही 40 लाख लोगों ने इसे इनस्टॉल किया था। इसने अब तक 19.49 लाख डॉलर सिर्फ यूजरों द्वारा एप पर खर्च की गई राशि से बनाए थे। इसमें एडवरटाइजमेंट और अन्य राजस्व शामिल नहीं है। इससे आप इसकी कमाई का अंदाज़ लगा सकते हैं।
जहाँ तक यूसी ब्राउज़र की बात है, पूरी दुनिया में इसके 43 करोड़ यूजर हैं और उनमें से 13 करोड़ तो अकेले भारत में हैं। इसे भी सरकार ने बैन किया है। भारत में ये इतना हावी है कि गूगल क्रोम के बाद सबसे बड़ा बाज़ार इसका ही है। 14.5% मार्किट शेयर के साथ ये भारतीय बाजार पर कब्जा किए बैठा था। अकेले जून 2020 में 61 लाख लोगों ने इसे इनस्टॉल किया था।
बिंगो लाइव भी एक वीडियो स्ट्रीमिंग एप है, जिसने सलमान खान फिल्म्स के साथ मिल कर ‘दबंग 3’ का प्रमोशन किया था। Likee को जून में 61 लाख नए इनस्टॉल मिले थे और बिंगो लाइव को 21 लाख नए इनस्टॉल मिले थे। इसी तरह Helo एप के भी भारत में 5 करोड़ यूजर थे।
केंद्र सरकार ने बीते दिनों इस एप पर प्रतिबंध लगा दिया था, जिसके बाद लिबरल गिरोह आग-बबूला हो उठा। इसके अलावा हेलो, यूसी न्यूज, यूसी ब्राउजर समेत 58 और चीनी ऐप को प्रतिबंधित कर दिया था।
The loss of Chinese internet company ByteDance – mother company of Tik Tok — could be as high as $6 billion after Indian government banned 59 Chinese apps including #TikTok, following deadly border clash between Indian and Chinese troops last month: source https://t.co/4nyXX8iP5Z pic.twitter.com/RyghiI05iS
— Global Times (@globaltimesnews) July 1, 2020
इधर वरिष्ठ वकील और कॉन्ग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने बुधवार (जुलाई 1, 2020) को कहा कि वो चीनी ऐप टिकटॉक की तरफ से कोर्ट में पैरवी नहीं करेंगे। सिंघवी ने बताया कि टिकटॉक के लिए उन्होंने एक साल पहले सुप्रीम कोर्ट में पैरवी की थी और वे जीते भी थे। हालाँकि, इस बार वो कोर्ट में चीनी ऐप के लिए खड़े नहीं होंगे।
इससे पहले देश के शीर्ष वरिष्ठ अधिवक्ताओं में शुमार पूर्व अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने भी चीनी ऐप टिकटॉक का मुकदमा लड़ने से इनकार कर दिया। रोहतगी ने बुधवार को कहा कि वह एक चीनी ऐप के लिए भारत सरकार के खिलाफ अदालत में खड़े नहीं होंगे।
जहाँ एक तरफ भारत में कुछ प्रपंची वामपंथी और विपक्षी नेता ये कह रहे थे कि मोदी सरकार द्वारा 59 चीनी एप्लिकेशंस को बैन करने से चीन का क्या बिगड़ जाएगा, वहीं दूसरी तरफ चीन भारत के इस क़दम से बौखला गया है और उसने अपने बयान में कहा है कि वो जल्द ही इसकी पूरी समीक्षा कर के आगे क़दम उठाएगा। चीन ने कहा है कि वो भारत सरकार के इस क़दम से ख़ासा चिंतित है।