अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद मची अफरा-तफरी के बीच काबुल के अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर मची भगदड़ में 7 अफगान नागरिकों की मौत हो गई है। ब्रिटेन की सेना ने यह जानकारी दी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, काबुल एयरपोर्ट पर तालिबानों ने हवा में फायरिंग की थी, जिसके बाद वहाँ भगदड़ मच गई और इसमें 7 अफगानी नागरिक मारे गए।
वहीं, पाकिस्तान के सबसे अशांत प्रांत बलूचिस्तान में तीन दिन में आज दूसरा हमला हुआ है। बताया जा रहा है कि गिचिक इलाके में आतंकवादियों द्वारा लगाए गए आईईडी बम की चपेट में आने से पाकिस्तानी सेना का एक कप्तान मारा गया और दो जवान घायल हो गए हैं।
ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने रविवार 22 अगस्त को अपने बयान में कहा, ”जमीनी स्थितियाँ अत्यंत चुनौतीपूर्ण हैं, लेकिन हम अधिक से अधिक सुरक्षित तरीके से हालात को संभालने की हर संभव कोशिश कर रहे हैं।”
दरअसल, बीते (रविवार 15 अगस्त) को काबुल पर कब्जा करने और अफगानिस्तान पर तालिबान के फिर से सत्ता पर काबिज होने के बाद से अफगान नागरिक बेहद डरे हुए हैं। यही कारण है कि तालिबानी शासन से बचकर भागने की कोशिश में हजारों लोग हवाईअड्डे पर इकट्ठे हो गए हैं। अफगानिस्तान में स्थिति दिन प्रतिदिन बिगड़ती ही जा रही है। वहीं, पाकिस्तान में भी हालात बेहद खराब हो रहे हैं।
पाकिस्तानी न्यूज वेबसाइट डॉन के मुताबिक, बलूचिस्तान के गिचिक इलाके में आतंकवादियों द्वारा लगाए गए एक इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) की चपेट में आने से पाकिस्तानी सेना का एक कप्तान मारा गया और दो जवान घायल हो गए। पाकिस्तानी सेना ने रविवार को स्थानीय मीडिया को यह जानकारी दी। पाकिस्तानी सेना की इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) ने कहा कि घायल सैनिकों को खुजदे में एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
आंतरिक मामलों के मंत्री शेख रशीद अहमद ने आतंकवादी हमले की निंदा करते हुए कप्तान की मौत पर दुख व्यक्त किया है। मंत्री ने कहा, “आतंकवादी कायरतापूर्ण हमलों से हमारे साहस को कम नहीं कर सकते। हम पूरी ताकत से आतंकवादियों से लड़ रहे हैं। हम उन्हें हरा देंगे।”
बता दें कि पाकिस्तान को आतंकवादियों का सबसे बड़ा संरक्षक माना जाता है। वहाँ की सरकार अपने मुल्क में आतंकियों को पनाह देती है। भारत ने हर मौके पर पाकिस्तानियों को आईना दिखाया है। भारत का दावा है कि पाकिस्तान द्वारा प्रतिबंधित आतंकी संगठन पाक में खूब फल-फूल रहे हैं। इन संगठनों को यहाँ संरक्षण मिला हुआ है।