पाकिस्तान में जबरन धर्मांतरण और अल्पसंख्यकों के खिलाफ अत्याचार के मामले थमने का नाम ही नहीं ले रहे हैं। बताया जा रहा है कि इस महीने की शुरुआत में सिंध प्रांत में 55 साल के एक शख्स ने 9 साल की हिंदू लड़की का उसके घर से अपहरण कर उससे निकाह किया। आरोपित पर नाबालिग का जबरन धर्मांतरण कराने का भी आरोप है। यह मामला प्रकाश में आने के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा विरोध दर्ज कराया है। भारत ने पाकिस्तान से अपने अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और उनके अधिकारों की रक्षा करने का आह्वान किया।
दरअसल, पिछले कुछ वर्षों में पाकिस्तान में हिंदुओं के खिलाफ भयावह अत्याचार की घटनाओं में काफी वृद्धि देखने को मिली है। पाकिस्तान के कब्जे वाले पंजाब के सिंध प्रांत में बड़ी संख्या में हिंदू रहते हैं। यहाँ लगातार हिंदू लड़कियों और महिलाओं को निशाना बनाया जा रहा है। पिछले साल के अंत में सिंध में एक 44 वर्षीय हिंदू महिला की हत्या कर उसके शरीर को क्षत-विक्षत कर दिया गया था। इन घटनाओं से अल्पसंख्यकों में दहशत का माहौल है। इसके अलावा पिछले साल सुक्कुर में अपहरण करने वालों का विरोध करने वाली एक 18 वर्षीय लड़की को मौत के घाट उतार दिया गया था।
भारतीय अधिकारियों के अनुसार, पिछले 1 साल में पाकिस्तान से अल्पसंख्यक समुदायों की लड़कियों और महिलाओं के जबरन धर्मांतरण व निकाह के 124 मामले सामने आए हैं। पीड़ितों में कई नाबालिग हैं। अल्पसंख्यक समुदायों के कई लोग आज भी डर के साये में रहने को मजबूर हैं। भारत सरकार का मानना है कि पाकिस्तान में स्थानीय पुलिस और अन्य अधिकारियों ने अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं करके उनके डर को और बढ़ा दिया है।
बता दें कि भारत ने इस साल मार्च में UNHRC में लड़कियों का जबरन धर्मांतरण कराकर उनसे निकाह करने वाले मामलों को लेकर पाकिस्तान की कड़ी आलोचना की थी। भारत सरकार की ओर से कहा गया था कि अल्पसंख्यक समुदायों की कम उम्र की लड़कियों को एक हिंसक देश और एक उदासीन न्यायपालिका द्वारा इस्लाम में कन्वर्ट किया जा रहा है। हिंदू और सिख समुदाय के पूजा स्थलों पर हमलों और उनकी कम उम्र की लड़कियों के जबरन धर्म परिवर्तन के मामले लगातार सामना आते रहे हैं। इन जघन्य अपराधों के खिलाफ आवाज उठाने की इच्छा रखने वालों पर देश की कार्रवाई अतुलनीय है।
इसके अलावा सरकार ने यह भी कहा था कि कोई भी अल्पसंख्यक समुदाय आज पाकिस्तान में स्वतंत्र रूप से नहीं रह सकता है और न ही अपने धर्म का पालन कर सकता है। अहमदिया समुदाय को केवल अपने धर्म का पालन करने के लिए पाकिस्तान द्वारा सताया जा रहा है। भारत भी सिख समुदाय और हिंदुओं पर हमलों से संबंधित मामलों की निगरानी कर रहा है। पेशावर में पिछले महीने एक सिख दुकानदार की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उससे ठीक पहले सिंध में एक हिंदू डॉक्टर की हत्या कर दी गई थी।