रमजान के महीने में अफगानिस्तान मंगलवार को अलग-अलग जगह पर हुए दो आतंकी हमलों से दहल गया। इनमें से एक हमला आतंकियों ने वहाँ की राजधानी काबुल में स्थित एक मैटरनिटी अस्पताल पर किया और दूसरा हमला नंगरहार प्रांत में अंतिम संस्कार कार्यक्रम में किया गया।
काबुल में अस्पताल पर किए गए हमले में दो नवजात समेत उनकी माताओं और कई नर्सों को मिलाकर कुल 16 लोगों की मौत हो गई। वहीं नंगरहार प्रांत में अंतिम संस्कार के दौरान हुए आत्मघाती हमले में कम से कम 24 लोग मारे गए और 60 घायल हो गए।
काबुल वाली घटना में ग्रेनेड और बंदूक से लैस आतंकियों ने पुलिस की वर्दी में घुसकर उस अस्पताल के प्रसूति केंद्र में ये हमला किया, जो मानवीय सहायता के तहत यह केंद्र अंतरराष्ट्रीय संस्था डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स द्वारा संचालित किया जाता है। अस्पताल के एक हिस्से में इंटरनेशल मेडिकल चैरिटी और मेडिसिन सेन्स फ्रंटियर का भी ऑफिस है, जिसमें बड़ी संख्या में विदेशी कर्मी काम करते हैं। माना जा रहा है कि हमलावर के निशाने पर यह लोग थे।
ISIS claims responsibility for mass shooting of a maternity hospital and funeral in Kabul, Afghanistan 🇦🇫
— Khaled Beydoun (@KhaledBeydoun) May 13, 2020
Babies among the 40 people killed. On #Ramadan no less.
A horrific reminder that ** 98% of ISIS victims** are Muslims. Prayers with #Afghanistan. pic.twitter.com/ay48f0Trkz
वहीं, दूसरे हमले में एक आत्मघाती हमलावर ने देश के नंगरहार प्रांत में एक अंतिम संस्कार के कार्यक्रम को निशाना बनाया, जिसमें कम से कम 24 लोग मारे गए और 60 घायल हो गए। यहाँ आतंकी ने यह हमला तब किया, जब एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के जनाजे में अनेक लोग शामिल हुए थे।
खबरों के मुताबिक, एक दिन में अफगानिस्तान को दो धमाकों से दहलाने वाले इन हमलों की जिम्मेदारी ISIS ने ली है। हमलों के बाद ISIS ने दावा किया कि इनमें उसका हाथ था।
वहीं, आतंरिक मंत्रालय के प्रवक्ता तारिक आर्यन ने ISIS द्वारा किए गए इन हमलों की निंदा करते हुए पूरी घटना को मानवता और अंतरराष्ट्रीय कानून के विरुद्ध बताया है।
पहली घटना में जहाँ विदेशियों को निशाना बनाने की बात निकलकर सामने आई है। वहीं दूसरी घटना में मोहम्मद उमर के अनुसार, हमले के जरिए पूर्व परिषद सदस्य लाला खान को निशाना बनाने की बात सामने आई है।
उन्होंने बताया कि लाला खान के अमेरिकी खुफिया विभाग से करीबी संबंध थे और माना जाता था कि उन्होंने अल-कायदा और दाएश के खिलाफ अपने सैन्य अभियानों को कॉर्डिनेट किया था। इस घटना में खान समेत उनके दो भाई मारे गए हैं।