अफगानिस्तान की राजधानी काबुल सोमवार (5 सितंबर 2022) को आत्मघाती बम धमाके से दहल उठी। यह धमाका रूस के दूतावास के बाहर हुआ। धमाके में रूस के दो राजनयिकों की भी मौत हुई है। हालाँकि कुल मौतों को लेकर मीडिया रिपोर्टों में अलग-अलग नंबर बताए जा रहे हैं। कुछ में यह संख्या 25 तो कुछ में 20 बताई गई है। मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। कई लोगों के गंभीर रूप से घायल होने की खबर है।
रिपोर्ट के अनुसार एक संदिग्ध रूसी दूतावास के बाहर घूम रहा था। गेट पर सुरक्षाकर्मियों ने उसे रोकने की कोशिश की। जब वह नहीं रुका तो उस पर फायरिंग की। इसमें वह जख्मी हो गया बावजूद उसने खुद को उड़ा लिया। जब यह धमाका हुआ कई अफगानी नागरिक भी दूतावास में वीजा कार्य के लिए मौजूद थे।
काबुल पुलिस के प्रमुख खालिद जादरान का कहना है कि हमलावर भीड़ के बीच में घुसकर आत्मघाती हमला करने की फिराक में था। यदि वह अपने मंसूबों में कामयाब हो जाता तो जान-माल की भारी क्षति हो सकती थी। खबर लिखे जाने तक हमलावर की पहचान सामने नहीं आई थी। न ही किसी आतंकी संगठन ने इसकी जिम्मेदारी ली थी। 2016 में भी यहाँ धमाका हुआ था। उस समय 12 लोगों की मौत हो गई थी।
सोमवार को हुए हमले में अपने दो राजनयिकों की मौत की रूसी विदेश मंत्रालय ने पुष्टि की है। रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा है कि काबुल में हुए आतंकवादी हमले में दूतावास में तैनात दो अधिकारियों की मौत हो गई है।
Security has been stepped up at the Russian embassy in Kabul – Russian FM Lavrov
— RT (@RT_com) September 5, 2022
Follow us on Gab: https://t.co/IuhLFQBiZE pic.twitter.com/TXnpWqF51g
बता दें इससे पहले अफगानिस्तान के हेरात प्रांत में शुक्रवार (2 सितंबर 2022) को जुमे की नमाज के दौरान एक मस्जिद में धमाका हुआ था। इस धमाके में तालिबान के बड़े मौलवियों में से एक मुल्ला मुजीब उर रहमान अंसारी मारा गया था। हमले में 20 लोग मारे गए थे, जबकि 200 से अधिक लोग घायल हुए थे। उससे पहले 18 अगस्त को काबुल की ही एक मस्जिद में हुए धमाके में 21 लोग मारे गए थे।