Monday, December 23, 2024
Homeरिपोर्टअंतरराष्ट्रीय'पेशावर हमारी राजधानी थी' - Pak को बॉर्डर पर घेर रहा अफगानिस्तान, भारत को...

‘पेशावर हमारी राजधानी थी’ – Pak को बॉर्डर पर घेर रहा अफगानिस्तान, भारत को बताया दरियादिल

अफगानिस्तान के उप-राष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह ने कहा है - "हमारे मुल्क का कोई भी नेता डुरंड लाइन को नज़रअंदाज़ नहीं कर सकता है। ये एक ऐसा मुद्दा है, जिसका समाधान निकलना चाहिए। कभी पेशावर अफगानिस्तान की राजधानी हुआ करता था।"

भात और चीन में चल रहे तनाव के बीच पाकिस्तान भी भारत के विरोध में माहौल बनाने का प्रयास कर रहा है लेकिन अब उसकी चाल सफल नहीं हो पा रही। इसी बीच अफगानिस्तान ने भारत के साथ अपने संबंधों की सराहना की है और पाकिस्तान को भी लताड़ लगाई है। अफगानिस्तान रणनीतिक रूप से भारत और पाकिस्तान, दोनों के लिए ही ज़रूरी है। भारत इस बात को बखूबी समझता है और इसी दिशा में आगे बढ़ रहा है।

लेकिन, बदलते कूटनीतिक घटनाक्रमों के बीच अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच दूरियाँ लगातार बढ़ती ही जा रही है। अफगानिस्तान के उप-राष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह ने कहा है कि उनके मुल्क का कोई भी नेता डुरंड लाइन को नज़रअंदाज़ नहीं कर सकता है। उन्होंने कहा कि अगर कोई ऐसा करता है तो जीवन भर उसकी निंदा होगी ही, मृत्यु के बाद भी लोग उसकी आलोचना करेंगे। उन्होंने कहा कि ये एक ऐसा मुद्दा है, जिस पर चर्चा होनी चाहिए, जिसका समाधान निकलना चाहिए।

बकौल अमरुल्लाह सालेह, हम अगर ये उम्मीद करते हैं कि ये मुफ्त में ही मिल जाएगा तो ये वास्तविकता से परे है। उन्होंने याद दिलाया कि कभी पेशावर अफगानिस्तान की राजधानी हुआ करता था। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान लगातार नकारने के बाद अब ये स्वीकार कर रहा है कि वो तालिबान का पोषण करता है। उन्होंने कहा कि ये स्पष्टता रिश्तों में कड़वाहट होने के बावजूद शांति प्रक्रिया का रास्ता बना सकती है। उन्होंने पाकिस्तान की फौज के अध्यक्ष जनरल बाजवा से बातचीत भी की।

अमेरिका के सैनिक धीरे-धीरे अफगानिस्तान से निकल रहे हैं और ऐसे में वहाँ शांति-व्यवस्था बनाए रखना एक बड़ी चुनौती है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के ईरान दौरे में भी ये मुद्दा छाया रहा, जहाँ अफगानिस्तान की स्थिरता के लिए ‘रीजनल एप्रोच मॉडल’ अपनाने का प्रस्ताव बना। 2019 में ही भारत-अफगानिस्तान-ईरान ट्रेड कॉरिडोर का उद्घाटन किया गया था, जिसमें चाहबार पोर्ट की अहम भूमिका थी। इससे अन्य एशियाई देशों को भी फायदा हुआ।

वहीं हाल ही में अफगानिस्तान से एम्बेसडर बना कर नई दिल्ली भेजे गए फरीद मामुन्ज़डे ने भारत को दरियादिल पड़ोसी बताते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच मजबूत ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक रिश्ते हैं, जिन्हें आगे बढ़ाने के लिए वो काम करेंगे ताकि दोनों देशों में शांति और स्थिरता बनी रहे। उन्होंने हिंदी में लिखा, “मैं हमारी दोस्ती को हमेशा निभाने की कामना करता हूँ।” दोनों देशों में एयर इंडिया और एरियाना के बीच ‘एयर बबल करार’ हुआ है।

जनरल विपिन रावत भी पाकिस्तान को चेतावनी दे चुके हैं। उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तान ने फिर दुस्साहस किया तो उसे भारी पड़ेगा। उन्होंने आशंका जताई कि उत्तरी सीमा पर जारी तनाव का फायदा पाकिस्तान उठाने की कोशिश कर सकता है लेकिन जवाबी कार्रवाई के लिए भारत पूरी तरह तैयार है। उन्होंने कहा कि POK और तिब्बत में चीन का निर्माण कार्य चल रहा है, जिसका भारत अध्ययन कर रहा है।

हाल ही में पाकिस्तान, अफगानिस्तान, नेपाल के विदेश मंत्रियों के साथ वर्चुअल बैठक भी की थी। चीन ने पाकिस्तान का उदाहरण देते हुए कहा कि सीखते हुए अफगानिस्तान और नेपाल को भी कोरोना, आर्थिक गतिविधियों और आपसी संवाद को लेकर चीन के साथ ऐसी ही पहल करनी चाहिए। चीन के विदेश मंत्री ने पाकिस्तान व चीन की साझा पहल की मिसाल दी थी। वो लगातार छोटे देशों को लुभाने में लगा हुआ है। 

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

किसी का पूरा शरीर खाक, किसी की हड्डियों से हुई पहचान: जयपुर LPG टैंकर ब्लास्ट देख चश्मदीदों की रूह काँपी, जली चमड़ी के साथ...

संजेश यादव के अंतिम संस्कार के लिए उनके भाई को पोटली में बँधी कुछ हड्डियाँ मिल पाईं। उनके शरीर की चमड़ी पूरी तरह जलकर खाक हो गई थी।

PM मोदी को मिला कुवैत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर’ : जानें अब तक और कितने देश प्रधानमंत्री को...

'ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर' कुवैत का प्रतिष्ठित नाइटहुड पुरस्कार है, जो राष्ट्राध्यक्षों और विदेशी शाही परिवारों के सदस्यों को दिया जाता है।
- विज्ञापन -