भात और चीन में चल रहे तनाव के बीच पाकिस्तान भी भारत के विरोध में माहौल बनाने का प्रयास कर रहा है लेकिन अब उसकी चाल सफल नहीं हो पा रही। इसी बीच अफगानिस्तान ने भारत के साथ अपने संबंधों की सराहना की है और पाकिस्तान को भी लताड़ लगाई है। अफगानिस्तान रणनीतिक रूप से भारत और पाकिस्तान, दोनों के लिए ही ज़रूरी है। भारत इस बात को बखूबी समझता है और इसी दिशा में आगे बढ़ रहा है।
लेकिन, बदलते कूटनीतिक घटनाक्रमों के बीच अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच दूरियाँ लगातार बढ़ती ही जा रही है। अफगानिस्तान के उप-राष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह ने कहा है कि उनके मुल्क का कोई भी नेता डुरंड लाइन को नज़रअंदाज़ नहीं कर सकता है। उन्होंने कहा कि अगर कोई ऐसा करता है तो जीवन भर उसकी निंदा होगी ही, मृत्यु के बाद भी लोग उसकी आलोचना करेंगे। उन्होंने कहा कि ये एक ऐसा मुद्दा है, जिस पर चर्चा होनी चाहिए, जिसका समाधान निकलना चाहिए।
बकौल अमरुल्लाह सालेह, हम अगर ये उम्मीद करते हैं कि ये मुफ्त में ही मिल जाएगा तो ये वास्तविकता से परे है। उन्होंने याद दिलाया कि कभी पेशावर अफगानिस्तान की राजधानी हुआ करता था। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान लगातार नकारने के बाद अब ये स्वीकार कर रहा है कि वो तालिबान का पोषण करता है। उन्होंने कहा कि ये स्पष्टता रिश्तों में कड़वाहट होने के बावजूद शांति प्रक्रिया का रास्ता बना सकती है। उन्होंने पाकिस्तान की फौज के अध्यक्ष जनरल बाजवा से बातचीत भी की।
अमेरिका के सैनिक धीरे-धीरे अफगानिस्तान से निकल रहे हैं और ऐसे में वहाँ शांति-व्यवस्था बनाए रखना एक बड़ी चुनौती है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के ईरान दौरे में भी ये मुद्दा छाया रहा, जहाँ अफगानिस्तान की स्थिरता के लिए ‘रीजनल एप्रोच मॉडल’ अपनाने का प्रस्ताव बना। 2019 में ही भारत-अफगानिस्तान-ईरान ट्रेड कॉरिडोर का उद्घाटन किया गया था, जिसमें चाहबार पोर्ट की अहम भूमिका थी। इससे अन्य एशियाई देशों को भी फायदा हुआ।
वहीं हाल ही में अफगानिस्तान से एम्बेसडर बना कर नई दिल्ली भेजे गए फरीद मामुन्ज़डे ने भारत को दरियादिल पड़ोसी बताते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच मजबूत ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक रिश्ते हैं, जिन्हें आगे बढ़ाने के लिए वो काम करेंगे ताकि दोनों देशों में शांति और स्थिरता बनी रहे। उन्होंने हिंदी में लिखा, “मैं हमारी दोस्ती को हमेशा निभाने की कामना करता हूँ।” दोनों देशों में एयर इंडिया और एरियाना के बीच ‘एयर बबल करार’ हुआ है।
No Afghan politician of national stature can overlook the issue of Durand Line. It will condemn him or her in life & after life. It is an issue which needs discussions & resolution. Expecting us to gift it for free is un-realistic. Peshawar used to be the winter capital of Afg
— Amrullah Saleh (@AmrullahSaleh2) September 6, 2020
जनरल विपिन रावत भी पाकिस्तान को चेतावनी दे चुके हैं। उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तान ने फिर दुस्साहस किया तो उसे भारी पड़ेगा। उन्होंने आशंका जताई कि उत्तरी सीमा पर जारी तनाव का फायदा पाकिस्तान उठाने की कोशिश कर सकता है लेकिन जवाबी कार्रवाई के लिए भारत पूरी तरह तैयार है। उन्होंने कहा कि POK और तिब्बत में चीन का निर्माण कार्य चल रहा है, जिसका भारत अध्ययन कर रहा है।
हाल ही में पाकिस्तान, अफगानिस्तान, नेपाल के विदेश मंत्रियों के साथ वर्चुअल बैठक भी की थी। चीन ने पाकिस्तान का उदाहरण देते हुए कहा कि सीखते हुए अफगानिस्तान और नेपाल को भी कोरोना, आर्थिक गतिविधियों और आपसी संवाद को लेकर चीन के साथ ऐसी ही पहल करनी चाहिए। चीन के विदेश मंत्री ने पाकिस्तान व चीन की साझा पहल की मिसाल दी थी। वो लगातार छोटे देशों को लुभाने में लगा हुआ है।