मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, श्रीलंका में ईस्टर संडे बम ब्लास्ट के कुछ दिनों बाद, द्वीप देश के केबल ऑपरेटरों ने कट्टरपंथी इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक के पीस टीवी को बंद कर दिया है।
Cable operators in Sri Lanka block Zakir Naik’s Peace Tv. | @NikunjGargN shares details with @Swatij14. pic.twitter.com/zIBjAtpup4
— TIMES NOW (@TimesNow) May 1, 2019
रिपोर्ट के अनुसार, श्रीलंका, डायलॉग और एलटी जैसे दो सबसे बड़े केबल ऑपरेटरों ने ज़ाकिर नाइक के पीस टीवी को बंद कर दिया है। हालाँकि, इस संबंध में आधिकारिक घोषणा अभी बाकी है।
इससे पहले, श्रीलंका ने इस्लामी बुर्का सहित सभी प्रकार के चेहरे को ढँकने वाले वस्त्रों पर प्रतिबंध लगाने का आदेश पारित किया था।
ब्रिटेन और कनाडा के बाद, भारत और बांग्लादेश ने पीस टीवी पर भी प्रतिबंध लगा दिया था, जो अक्सर ISIS के भर्तियों में इस्तेमाल किया जाता रहा है, ताकि वे ब्रेनवाश कर सकें। धार्मिक असहिष्णुता और हिंसक अतिवाद को उकसाने के लिए, नाइक की वार्ता और भाषणों को भारत सरकार द्वारा ‘अत्यधिक आपत्तिजनक’ घोषित किया गया था।
ताजा अपडेट के अनुसार, आईएसआईएस आतंकी रियास अबूबकर उर्फ अबू दुजाना ने स्वीकार किया कि वह जाकिर नाइक के भाषणों और वीडियो को फॉलो कर रहा था।
NIA ने सोमवार को केरल में एक व्यक्ति को श्रीलंका में ईस्टर संडे ब्लास्ट के बाद जाँच के तहत गिरफ्तार किया था। कोल्लेंगोडे पलक्कड़ से गिरफ्तार आतंकवादी, रियाज़ अबूबकर, उर्फ अबू दुजाना ने पूछताछ के दौरान खुलासा किया कि वह श्रीलंकाई विस्फोट की तरह केरल में आत्मघाती बम विस्फोट करने की योजना बना रहा था।
एनआईए के एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि आरोपितों ने एक साल से अधिक समय तक श्रीलंकाई विस्फोट के मास्टरमाइंड ज़हरान हाशिम के भाषणों और वीडियो को और कट्टरपंथी इस्लामी उपदेशक ज़ाकिर नाइक के भाषणों को भी फॉलो किया।
इस बीच, विवादित इस्लामिक उपदेशक, नाइक को 2016 से भारतीय एजेंसियों द्वारा जाँचा जा रहा है क्योंकि केंद्र ने उनके इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (IRF) संगठन पर पाँच साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया था।
गिरफ्तारी के डर से, कट्टरपंथी इस्लामवादी उपदेशक जाकिर नाइक, जिसके खिलाफ इंटरपोल द्वारा भारत के अनुरोध पर रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने की संभावना है, वर्तमान में मलेशिया में है, क्योंकि 1 जुलाई 2016 को गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम के तहत उसके खिलाफ जाँच शुरू होने के बाद वह भारत से भाग था।
नाईक की आतंकवादी संगठनों और मनी लॉन्ड्रिंग के सम्बन्ध में संदिग्ध संबंधों की जाँच की जा रही है। दिसंबर 2017 में एनआईए ने गिरफ्तारी करने की योजना बनाई थी। इसके अलावा एनआईए ने उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस (आरसीएन) जारी करने के लिए इंटरपोल को एक नई दलील भी दी।
इस बीच, इसका विरोध करने के लिए नाइक ने आरोप लगाया कि उनके खिलाफ मामला भारत में अल्पसंख्यकों के धार्मिक उत्पीड़न से संबंधित था। नाइक ने अल्संख्यक कार्ड खेलते हुए यह दावा किया कि भारतीय एजेंसियाँ उसे गलत तरीके से निशाना बना रही थीं क्योंकि वह एक मुस्लिम है।
इसके अलावा, NIA जाकिर नाइक के पासपोर्ट को रद्द कराने में सफल रही। वर्ष की शुरुआत में, प्रवर्तन निदेशालय ने मुंबई और पुणे में कथित रूप से 16.40 करोड़ रुपए की नाइक की संपत्ति अटैच की थी। इससे पहले अक्टूबर 2018 में, एनआईए अदालत ने मुंबई के मझगाँव क्षेत्र में नाइक से संबंधित पाँच संपत्तियों की कुर्की का आदेश दिया था।
नाइक, जिसके ‘कॉन्ग्रेस के साथ लिंक’ भी उभरे थे, धार्मिक समूहों के बीच नफरत फैलाने और मुस्लिम युवाओं को इस्लाम के गैर-विश्वासियों के खिलाफ जिहाद में शामिल होने के लिए उकसाने में कुख्यात रहा है। नाइक ने अपने गैर सरकारी संगठन ‘इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन’(IRF) और एक टीवी चैनल (पीस टीवी) का उपयोग देश में अपने नफरत भरे भाषणों को हवा देने के लिए किया।