युगांडा के राष्ट्रपति योवेरी कागुटा मुसेवेनी ने जानकारी दी है कि सोमालिया में आतंकियों ने उनके देश के 54 सैनिकों की हत्या कर दी है। ये सैनिक ‘अफ्रीकन यूनियन पीसकीपर्स’ का हिस्सा थे। सोमलिया में उनके बेस पर हमला कर के इस घटना को अंजाम दिया गया है। मुसेवेनी ने शनिवार (3 जून, 2023) को इस घटना के बारे में बताया। उक्त घटना एक सप्ताह पहले सोमालिया की राजधानी मोगादिशु से 130 किलोमीटर की दूरी पर स्थित बुलामरेर बेस पर हुई।
ये इलाका सोमालिया की राजधानी से दक्षिण-पश्चिम में स्थित है। आतंकी संगठन अल-शबाब का कहना है कि इस आत्मघाती हमले में उसने 137 सैनिकों की हत्या की है। उसने इस घटना को 26 मई को अंजाम दिए जाने की बात बताई है। हालाँकि, इस घटना के बाद ‘युगांडा पीपल्स डिफेंस फोर्सेज’ ने इसके बाद बेस पर वापस नियंत्रण स्थापित कर लिया है। राष्ट्रपति मुसेवेनी ने कहा कि घटना के बाद साहस और बहादुरी दिखाते हुए सैनिकों ने एक्शन लिया।
कुछ दिनों पहले उन्होंने हमले के बारे में जानकारी तो दी थी, लेकिन ये नहीं बताया था कि कितने लोग मारे गए हैं। अल-शबाब 2006 से ही सोमालिया में हिंसा कर रहा है। वो चाहता है कि सोमालिया में पश्चिमी देशों के समर्थन वाली सरकार को हटा कर शरिया का शासन स्थापित किया जाए। अगस्त 2022 में हसन शेख महमूद की जीत के बाद इस इस्लामी आतंकी संगठन का प्रभाव कम हुआ था। लेकिन, ये अब भी सैन्य ठिकानों पर हमले में सक्षम है।
Some 54 Ugandan peacekeepers died when militants besieged an African Union base in Somalia last week, Ugandan President Yoweri Museveni said, in one of the worst recent attacks by Al-Shabaab jihadists.https://t.co/3kwsruCVtV
— AFP News Agency (@AFP) June 4, 2023
केन्या ने इस आतंकी संगठन के खिलाफ सोमालिया की सैन्य मदद की थी, इसके बाद अल-शबाब पड़ोसी केन्या की जमीन पर भी हमले कर के निशाना बनाता रहता है। 2006 के उत्तरार्ध में अल-शबाब ने सोमालिया के दक्षिणी हिस्से के अधिकतर इलाकों पर कब्ज़ा जमा लिया था। आपसी गुटबाजी और कलह के कारण ये आतंकी संगठन उसके बाद कमजोर हो गया था। इसकी तुलना अफगानिस्तान के तालिबान से भी होती है।