पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान किसी भी समय गिरफ्तार हो सकते हैं। शनिवार (1 अक्टूबर, 2022) को उनके खिलाफ गिरफ्तारी वॉरंट जारी किया गया है। यह गिरफ्तारी वॉरंट अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश जेबा चौधरी के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में जारी किया गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मरगल्ला थाने के एरिया मजिस्ट्रेट ने इमरान खान के खिलाफ गिरफ्तारी वॉरंट जारी किया है। महिला जज को धमकाने के मामले में इमरान खान के खिलाफ इस्लामाबाद सदर मजिस्ट्रेट अली जावेद की शिकायत पर एफआईआर दर्ज की गई थी।
Pakistan | A magistrate of Islamabad’s Margalla police station issued arrest warrant against PTI chief Imran Khan related to a case registered on August 20 for his remarks regarding Additional District & Sessions Judge Zeba Chaudhry, reports Pakistan’s Geo News
— ANI (@ANI) October 1, 2022
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इस एफआईआर में पाकिस्तान दंड संहिता (पीपीसी) की चार धाराओं- 506 (आपराधिक धमकी के लिए सजा), 504 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान), 189 (लोक सेवक को चोट की धमकी), और 188 (लोक सेवक द्वारा विधिवत प्रख्यापित आदेश की अवज्ञा) व आतंकवाद विरोधी अधिनियम की धारा 7 तथा धारा 144 का उल्लंघन शामिल है।
बता दें कि इमरान खान के खिलाफ यह वॉरंट उनके द्वारा हलफनामा प्रस्तुत करने के कुछ घंटों के अंदर आया है। इस हलफनामे में उन्होंने कहा है कि ऐसा लगता है कि उन्होंने 20 अगस्त को इस्लामाबाद की रैली में अपनी सीमा पार कर ली थी।
इस हलफनामे में इमरान खान ने अदालत को आश्वासन दिया है कि वह भविष्य में ऐसा कुछ भी नहीं करेंगे जिससे किसी भी अदालत और न्यायपालिका, खासकर निचली न्यायपालिका की गरिमा को ठेस पहुँचे। इमरान ने यह भी कहा है कि पिछली सुनवाई में उन्होंने अदालत के सामने जो भी कहा है उसका पूरी तरह से पालन करेंगे। वह इस संबंध में अदालत की संतुष्टि के लिए आगे की कार्रवाई करने के लिए तैयार हैं अगर अदालत कहेगी तो वह माफी माँगने के लिए भी तैयार हैं।
आरोप है कि 20 अगस्त को इस्लामाबाद में आयोजित एक रैली में इमरान खान ने अपने भाषण में कई आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। जिसके आधार पर उनके खिलाफ आतंकवाद विरोधी अधिनियम की धारा 7 के तहत मामला दर्ज किया गया था। हालाँकि, बाद में उनके खिलाफ अन्य धाराएँ जोड़ी गईं थीं।