फिलिस्तीन के साथ जारी विवाद के बीच इजरायल डिफेंस फोर्स के सीनियर लेवल अफसर ने बड़ा खुलासा करते हुए दावा किया है कि एसोसिएटेड प्रेस के गाजा में रहने वाले पत्रकारों के हमास के साथ अच्छे संबंध थे। टाइम्स ऑफ इजरायल के मुताबिक जिस मीडिया बिल्डिंग को आईडीएफ ने उड़ा दिया था, वहाँ एपी के पत्रकार हमास के आतंकियों के साथ ‘सुबह की चाय-कॉफी’ पीते थे।
दरअसल, बीते 15 मई 2021 को हमास के खिलाफ आक्रामक हमला करते हुए आईडीएफ ने गाजा में स्थित अल जला टॉवर पर भीषण बमबारी कर उसे ध्वस्त कर दिया था, जिसमें अल जजीरा और एसोशिएटेड प्रेस समेत कई अंतरराष्ट्रीय मीडिया आउटलेट थे।
काउंटर टेररिज्म ऑपरेशन के बाद आईडीएफ ने कहा था कि अल जला टॉवर, जिसमें प्रमुख अंतरराष्ट्रीय मीडिया आउटलेट्स थे वह आतंकी संगठन हमास के इंटेलीजेंस यूनिट का हाउस था। यहीं से हमास आईडीएफ की गतिविधियों पर एडवांस्ड इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर डिवाइसेस के जरिए नजर रखता था।
लेटेस्ट रिपोर्ट के मुताबिक, इजरायली डिफेंस फोर्स के चीफ अवीव कोहावी ने दावा किया है कि एसोसिएटेड प्रेस के पत्रकारों ने जाने-अनजाने अल जला टॉवर के ग्राउंड-लेवल पर स्थित कैफेटेरिया में हमास के इलेक्ट्रॉनिक्स विशेषज्ञों के साथ सुबह की कॉफी पी थी।
एसोसिएटेड प्रेस ने आईडीएफ के दावों को नकारा
हालाँकि, एसोसिएटेड प्रेस ने आईडीएफ के इन आरोपों का खंडन करते हुए इसे “बिल्कुल झूठा” बताया और कहा कि इमारत में एक भी कैफेटेरिया नहीं था।
शनिवार (29 मई 2021) रात को एक बयान जारी कर एपी ने कोहावी के दावों को गलत बताया। न्यूज एजेंसी ने कहा, “इजरायली सेना के चीफ ऑफ स्टाफ द्वारा लगाया गया यह आरोप पूरी तरह से झूठा और निराधार है। भवन में कैफेटेरिया भी नहीं था। इस तरह के निराधार दावे एसोसिएटेड प्रेस के पत्रकारों की सुरक्षा को खतरे में डालते हैं।”
अपने बयान में एपी ने अल जला टॉवर को उड़ाने की घटना की स्वतंत्र जाँच की माँग की, ताकि फैक्ट का पता चल सके। न्यूज एजेंसी के मुताबिक, “जैसा कि हमने बार-बार कहा है, हमें इमारत में हमास के पहले से होने की कोई जानकारी नहीं थी और न ही आईडीएफ ने हमले से पहले ऐसी किसी भी संभावित उपस्थिति की चेतावनी दी। हमें नहीं पता कि इजरायल क्या सबूत दिखाएगा, लेकिन हम इसके बारे में जानना चाहते हैं।”
आईडीएफ चीफ बोले- सही थी एयर स्ट्राइक
गाजा के अल जला टॉवर पर एयर स्ट्राइक को सही ठहराते हुए आईडीएफ प्रमुख अवीव कोहावी ने अल जला टॉवर पर एयर स्ट्राइक को लेकर कथित तौर पर अपने सहयोगियों से कहा कि अंतरराष्ट्रीय मीडिया के कुछ वर्ग इजरायल की निंदा कर रहे हैं, लेकिन हमें इसका तनिक भी अफसोस नहीं है। उसे उचित ढंग से ध्वस्त किया गया है।
इजरायली मिलिट्री इंटेलीजेंस के अधिकारियों ने इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर के मामले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए इमारत पर हमले को सही बताया है। हमास जिस मंजिल पर काम कर रहा था, उस पर केवल सर्जिकल स्ट्राइक करने के बजाय पूरे ढाँचे को ही उड़ाना ज्यादा सही था, क्योंकि सर्जिकल स्ट्राइक से टॉवर की सभी क्षमताओं को नष्ट नहीं किया सकता।
इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अल जला टॉवर को “पूरी तरह से वैध लक्ष्य” बताते हुए कहा कि इजरायली इंटेलीजेंस के जरिए इस तरह के सबूत मिले हैं।
नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर आईडीएफ के अधिकारियों ने कहा है कि इजरायल के रक्षा प्रतिष्ठान ने पेंटागन के अधिकारियों को हमास के मिलिट्री ऑपरेशन के बारे में खुफिया जानकारी दी थी।
इजरायल के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय अदालत पहुँचा अल जला टॉवर
इन सब के बीच इजरायल द्वारा नेस्तनाबूद किए गए अल जला मीडिया टॉवर के मालिक जवाद मेहदी ने इंटरनेशनल कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने अपनी शिकायत में कहा है कि टॉवर को जमींदोज करना एक युद्ध अपराध था। यह शिकायत आईसीसी के मुख्य अभियोजक द्वारा इजरायल-फिलिस्तीन के हालिया संघर्ष को अपराध बताने के बाद आई है।
हमास के आतंकवादियों के साथ मिले होने के आरोपित मेहदी ने कहा कि इजरायली खुफिया एजेंसियों ने 13 मंजिला इमारत पर हमले से पहले उसे खाली करने के लिए केवल एक घंटे का वक्त दिया था।
आईसीसी पहले से ही मार्च 2014 से इजरायली फोर्स और फिलिस्तीन के आतंकी गुटों के बीच संभावित युद्ध के मामलों की जाँच कर रहा है। हालाँकि, आईसीसी के पास इस तरह की जाँच करने का कोई अधिकार नहीं है, क्योंकि इजरायल अदालत का सदस्य नहीं है।