सऊदी अरब में हज पर पहुँचे 1000 से ज्यादा जायरीनों की मौत हो चुकी है। अलग-अलग देशों से मिल रहे आँकड़ों के आधार पर ये संख्या निकली है। बताया जा रहा है कि हज पर जाने वाले कम से कम 90 भारतीयों की भी मौत हो चुकी है। सर्वाधिक मौतें मिस्र देश से हज यात्रा पर पहुँचे लोगों की हुई है।
एएफपी की रिपोर्ट के मुताबिक, सऊदी अरब में अलग-अलग देशों से आए 1081 से ज्यादा जायरीनों की मौत भीषण गर्मी की वजह से हुई है। बताया जा रहा है कि मृतकों में ऐसे लोगों की संख्या अधिक है, जिन्होंने रजिस्ट्रेशन नहीं कराया था। बता दें कि सऊदी अरब सरकार ने हज यात्रा पर पहुँचने वाले लोगों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य बनाया हुआ है, इसके बावजूद भारी संख्या में बिना रजिस्ट्रेशन के भी लोग हज यात्रा में शामिल होने की कोशिश करते हैं।
#BREAKING Death toll from hajj in Saudi Arabia tops 1,000, mostly unregistered pilgrims: AFP tally pic.twitter.com/RA03hQgt4V
— AFP News Agency (@AFP) June 20, 2024
सऊदी अरब में मिस्र से पहुँचे सर्वाधिक लोगों की मौत
एएफपी की रिपोर्ट के मुताबिक, हज यात्रा पर पहुँचे लोगों में 1081 की मौत हो चुकी है, तो कई लोगों का इलाज चल रहा है। वहीं, बहुत लोग अभी लापता बताए जा रहे हैं। इस बीच, जो जानकारी सामने आई है, उसके मुताबिक, मृतकों की सर्वाधिक संख्या मिस्र देश से जुड़ी है। मिस्र से 658 लोग मारे जा चुके हैं, जिसमें से 630 लोग बिना रजिस्ट्रेशन के ही पहुँचे थे।
भारत के 90 से अधिक लोगों की मौत
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हज यात्रा पर इस साल 90 से अधिक भारतीयों की मौत हो चुकी है।, हालाँकि आधिकारिक रूप से मृतकों का आँकड़ा 68 ही बताया गया है। पिछले साल कुल मिलाकर 101 भारतीयों की मौत हुई थी। वहीं, पाकिस्तान के भी 35 से अधिक नागरिकों की मौत हो चुकी है।
बताया जा रहा है कि हर साल हजारों हज यात्री बिना परमिट के ही पहुँचते हैं, क्योंकि रजिस्ट्रेशन काफी महंगा है। ऐसे में सऊदी प्रशासन अवैध रूप से हज यात्रा करने के इच्छुक लोगों के खिलाफ अभियान चलाती रहती है। यही नहीं, इन लोगों को सऊदी सरकार द्वारा रजिस्ट्रेशन के माध्यम से आए लोगों की तरह एयर कंडीशन वाली सुविधाएँ भी नहीं मिल पाती और इन्हें घंटों तक पैदल चलते हुए बाहर ही नमाज पढ़नी पड़ती है।
एक अरब अधिकारी ने एएफपी से बताया कि सुरक्षा बलों द्वारा खदेड़े जाने जैसी घटनाओं की वजह से लोग थक चुके होते हैं, ऐसे में उन्हें बाहर रहकर नमाज पढ़ने और किसी सुविधा के न मिलने की वजह से काफी समस्याएँ झेलनी पड़ती हैं। चूँकि सऊदी अरब सरकार इस यात्रा से जुड़ी कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दे रही है, लेकिन माना जा रहा है कि अकेले बीते रविवार को ही 2700 से अधिक लोगों की हालत खराब हो गई थी, जिसकी मुख्य वजह भयंकर गर्मी थी।
गौरतलब है कि हज यात्रा इस्लाम के 5 प्रमुख स्तंभों में से एक है। आर्थिक और शारीरिक रूप से सक्षम हर मुसलमान के लिए जीवन में एक बार हज करना अनिवार्य माना जाता है। हालाँकि लोगों में इस बात की भी धारणा है कि हज पर जान गँवाने वालों को जन्नत नसीब होती है। वैसे, सऊदी में इस समय भयंकर गर्मी का प्रकोप रहता है। पिछले महीने प्रकाशित सऊदी अरब के एक शोध में कहा गया कि हज करने वाले इलाके का तापमान हर दशक 0.4 डिग्री सेल्सियस बढ़ रहा है। सऊदी के मौसम विभाग ने बताया कि 17 जून को मक्का की ग्रैंड मस्जिद के पास तापमान 51.8 डिग्री सेल्सियस पहुँच गया था।