Thursday, September 19, 2024
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हिंदुओं को चुन-चुनकर निशाना बना रहे इस्लामी कट्टरपंथी, बांग्लादेश की पुलिस केवल दे रही भरोसा: माखन के घर पर 400 की भीड़ ने किया हमला, कॉल कर बोले- हमें बचा लो

पीड़ितों ने बताया कि हिंसा रात भर जारी रही और डर से हिन्दू घरों में छिपे रहे। बताते चलें कि विश्व हिंदू महासंघ, बांग्लादेश चैप्टर ने भी बांग्लादेश में हुई हिंसक घटनाओं की एक सूची जारी की है। इस लिस्ट में कम-से-कम 3 ऐसी हिंदू महिलाओं के नाम शामिल हैं, जिनका इस्लामी दंगाइयों ने अपहरण कर लिया है।

बांग्लादेश में प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे और भारत आने के बाद से लगातार हिन्दुओं के विरुद्ध इस्लामी कट्टरपंथियों की हिंसा जारी है। हिन्दुओं के घरों पर इस्लामी भीड़ हमला कर उन्हें जला रही है। हिन्दू अपनी जान बचाने को भाग और छिप रहे हैं। उन्हें बचाने के लिए कोई व्यवस्थाएँ काम नहीं कर रहीं। व्ह अपनी आपबीती मीडिया से बता रहे हैं।

बांग्लादेश के नारायणपुर जिले के रघुनाथपुर में रहने वाले माखन सरकार ने अमर उजाला को अपनी आपबीती फोन पर सुनाई। उन्होंने बताया कि नारायणगंज स्थित उनके घर पर लगभग 400 लोगों की भीड़ ने हमला किया और उनका घर लूट लिया। उनके घर में तोड़फोड़ भी की गई।

माखन सरकार अपने परिवार सहित जान बचाने के लिए यहाँ से भाग गए। वर्तमान में वह किसी जगह छुपे हुए हैं, उनको प्रशासन और सेना से कोई सहायता नहीं मिल रही है। उन्हें सेना और पुलिस कोई नहीं बचा रहा है। उन्होंने बताया कि बांग्लादेश में हिन्दुओं को चुन-चुन कर निशाना बनाया जा रहा है। वह बचाने की अपील कर रहे हैं।

नारायणपुर जिले की घटना कोई अकेली नहीं है। लगातार सोमवार से ही हिन्दू बांग्लादेश में निशाने पर हैं।  शेख हसीना की सरकार गिरने के बाद इ्स्लामी कट्टरपंथी संगठन जमात-ए-इस्लामी के दंगाई हिंदू के घरों और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों की लिस्ट बना रहे हैं। एक हिन्दू ने ऑपइंडिया को बताया,”कुछ ही स्थानीय लोग हमारी मदद कर रहे हैं, जबकि हजारों की तादाद में हिंसक भीड़ हम लोगों की हत्या करने पर तुली हुई है।”

कुछ अन्य पीड़ितों ने बताया कि हिंसा रात भर जारी रही और डर से हिन्दू घरों में छिपे रहे। बताते चलें कि विश्व हिंदू महासंघ, बांग्लादेश चैप्टर ने भी बांग्लादेश में हुई हिंसक घटनाओं की एक सूची जारी की है। इस लिस्ट में कम-से-कम 3 ऐसी हिंदू महिलाओं के नाम शामिल हैं, जिनका इस्लामी दंगाइयों ने अपहरण कर लिया है।

उनका कहना है कि बांग्लादेश में रहने वाले हिन्दू सहमे हुए हैं। सुरक्षा कारणों से अपना नाम नहीं बताने की शर्त पर कुछ हिंदुओं ने यह भी कहा कि वो कहीं सुरक्षित जगह भागकर जा भी नहीं पा रहे हैं, क्योंकि जमात-ए-इस्लामी समूह और अन्य चरमपंथी संगठनों के उपद्रवी बंदूक लेकर सड़कों पर घूम रहे हैं। मोबाइल नेटवर्क और इंटरनेट को बीच-बीच में बंद कर दिया जा रहा है, जिससे वो अपने अन्य परिजनों का हाल-चाल भी नहीं ले पा रहे हैं।

बांग्लादेशी हिन्दुओं का आरोप है कि उन्हें जान-बूझ कर एक-दूसरे से दूर रखने की साजिश की जा रही है, ताकि वे साथ ना आ पाएँ। हमें बताया गया कि बांग्लादेश में हिंसा जारी है और महज कुछ ही घटनाएँ लोगों तक पहुँच पा रही हैं। शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद बांग्लादेश की जेलों में बंद जमात के 2,200 से अधिक कट्टरपंथियों को जमानत दे दी गई। इससे हिन्दुओं की हालत और खराब हो सकती है। इस्लामी कट्टरपंथी बांग्लादेश की प्रसिद्द हस्तियों को भी नहीं छोड़ रहे।

उन्होंने बांग्लादेश के प्रसिद्ध गायक राहुल आनंद का घर जला दिया। राहुल आनंद का घर धानमंडी 32 पर स्थित था। इस्लामी भीड़ ने उनके 140 साल पुराने इस आवास को लूटने के बाद जलाया। इस लूटपाट और आगजनी में उनके 3000 म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट्स भी बर्बाद हो गए जिनमें से कई को उन्होंने अपने हाथ से बनाया था।

राहुल आनंद गीत बैंट जोलेर गान चलाते हैं। इस बैंड से जुड़े एक पुराने साथी सैफुल जरनल ने मीडिया को बताया, “हमारे प्रिय राहुल दा के 3000 से अधिक संगीत वाद्ययंत्र, जिन्हें उन्होंने वर्षों से प्यार और देखभाल के साथ डिजाइन और बनाया था, नष्ट कर दिए गए हैं और जलाए गए वाद्ययंत्रों और अन्य घरेलू चीजों का अनुमानित मूल्य 10 लाख टका से अधिक है।”

इससे पहले बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद ने इस दौरान देश में हिंदू मंदिरों, घरों और दुकानों पर हुए हमलों की एक लिस्ट जारी की थी। इसमें बताया गया था कि देश भर में 54 जगह पर हिन्दुओं को निशाना बनाया गया।

गौरतलब है कि बांग्लादेश में जुलाई महीने से ही आरक्षण खत्म करने की माँग को लेकर प्रदर्शन चल रहे थे। इस प्रदर्शन को इस्लामी कट्टरपंथियों ने हाइजैक कर लिया और इसके बाद भारी हिंसा हुई। यह हिंसा अगस्त में और बढ़ गई और प्रधानमंत्री शेख हसीना को देश छोड़ना पड़ा। शेख हसीना सोमवार (5 अगस्त, 2024) को ढाका छोड़ कर भारत आ गईं। वर्तमान में वह भारत में हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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