बांग्लादेश में रंगपुर डिवीजन के लाल्मोनिर्हत जिले के पटग्राम उपजिला के बुरिमारी केंद्रीय परिषद के परिसर में गुरुवार (अक्टूबर 30, 2020) को कट्टरपंथी भीड़ द्वारा एक व्यक्ति को मौत के घाट उतार दिया गया।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मृतक की पहचान 50 वर्षीय शाहिदुननबी ज्वेल के रूप में की गई है। बताया जा रहा है कि रंगपुर के निवासी और रंगपुर छावनी पब्लिक स्कूल के पूर्व कर्मचारी ज्वेल की मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी। मृतक अपने दोस्त सुल्तान जुबेर अब्बास के साथ नमाज अदा करने के लिए बरमीरी जाम-ए मस्जिद गया था।
दावा किया गया है कि जमात-उल-मुजाहिदीन के आतंकी मस्जिद के अंदर छिपे हुए थे। दोनों मस्जिद के अंदर बुकशेल्फ़ की जाँच करना चाहते थे। हालाँकि घटना को लेकर, स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि उन्होंने कुरान का अपमान किया, जिसके चलते दोनों को बंद करके रखा गया था। वहीं एक्टिविस्ट तस्लीमा नसरीन ने फेसबुक पर कहा कि यह जानलेवा अपराध पीड़ित द्वारा गलती से कुरान पर पैर रखने के बाद शुरू हुआ।
A Mentally Imbalanced man named Shahudunnabi Juwel has been beaten to death and burnt in the middle of the street at Lalmonirhat for allegedly hurting the sentiment of islam and quran.
— Bangladesh Hindu Jagran Mancha 🇧🇩 (@manchaofHindu) October 29, 2020
Pic: See the islami#t mob around the burning dead body! pic.twitter.com/fyW2B8T8As
घटना को देखते ही ज्वेल और उसके दोस्त अब्बास को यूनियन परिषद कॉउन्सिल भवन में साथी सदस्य हाफिजुल इस्लाम ने बंद करके रखा। जिसके तुरंत बाद उस जगह पर कई लोग इकट्ठा हुए और उन सभी ने ज्वेल को उसकी कस्टडी से बाहर निकला।
पुलिस अधीक्षक (एसपी) आदिदा सुल्ताना ने बताया, “प्रार्थना हॉल में बुकशेल्फ में किताबें खोजने से पहले उनमें से एक आदमी खादिम, जुबेद अली के साथ मस्जिद के अंदर गया था। उसने दावा किया था कि कुरान और हदीस की जो किताबें वहाँ रखी थीं, उनके पीछे हथियार छिपे हुए थे।”
अली ने कहा, “आदमी ने बुकशेल्फ में खोजना शुरू कर दिया। इसी दौरान मस्जिद के बाहर से पाँच या छह लोग आए और उन्होंने उस व्यक्ति को सीढ़ियों तक घसीटा, फिर मारना शुरू कर दिया। घटना के वक्त दूसरा व्यक्ति हॉल के बाहर इंतजार कर रहा था। जिसको देखते ही हाफिजुल इस्लाम का एक सदस्य वहाँ पहुँचा और उसे अपने साथ ले गया। मुझे नहीं पता कि उसके बाद उनके साथ क्या हुआ था।”
अपने बचाव में हाफ़िज़ुल इस्लाम ने कहा, “हमने उन्हें अपने पास सुरक्षित रखने की कोशिश की। लेकिन भीड़ ने इमारत को गिरा दिया और उनमें से एक को अपने साथ जबरन ले गए।” वहीं माहौल को नियंत्रण से बाहर जाते देख पेटग्राम अपज़िला काउंसिल के अध्यक्ष रूहुल अमीन बाबुल और बरिमारी यूपी के चैयरमैन एसएम नियाज़ निशात को स्थिति को शांत करने के लिए बुलाया गया।
इस घटना के बाद पुलिस ने अब्बास को सुरक्षित कर लिया। लेकिन उसके साथी को अनयंत्रित भीड़ ने पहले मौत के घाट उतारा और उसके शरीर को बरिमारी बाजार की मुख्य सड़क पर आग के हवाले कर दिया। इसके अलावा भीड़ ने निकटवर्ती नेशनल बैंक कार्यालय में भी तोड़फोड़ की और बरिमारी संघ परिषद की इमारत को भी आग लगा दिया। किसी अप्रिय घटना को होने देने से रोकने के लिए अतिरिक्त फोर्स और रैपिड एक्शन बटालियन की तैनाती की गई है।