बांग्लादेशी सांसद की हत्या मामले में स्थानीय स्तर पर नया खुलासा हुआ है। द डेली स्टार की रिपोर्ट में पता चला है कि सांसद अनवारुल अजीम अनार और संदिग्ध अख्तरुज्जमान मिलकर सोने की तस्करी का काम करते थे, मगर पैसों को लेकर दोनों के बीच मतभेद हुआ और अख्तारुज्जमान ने पूरी हत्या की साजिश रची। बताया जा रहा है कि अजीम ने 100 करोड़ टका से अधिक अपने पास रख लिया था।
रिपोर्ट में बांग्लादेश की जासूसी शाखा के अधिकारियों ने नाम न बताने की शर्त पर बताया हुआ है कि शाहीन मियाँ के नाम से मशहूर अख्तरुज्जमान दुबई से बांग्लादेश में सोने की तस्करी करता था, जबकि झेनइदाह-4 से सत्तारूढ़ अवामी लीग के विधायक अजीम यह सुनिश्चित करते थे कि खेप भारत में सही लोगों के हाथों में पहुँचे।
जासूसी शाखा और खुफिया एजेंसियों के सूत्रों के अनुसार, शाहीन मियाँ उर्फ अख्तारुज्जमान और अजीम के बीच चल रहे काम में खटास तब आई जब अजीम ने कहा कि वह तस्करी से होने वाली कमाई का बड़ा हिस्सा चाहते हैं। उस समय अख्तरुज्जमान ने इससे इनकार कर दिया, लेकिन बाद में किसी लेन-देन से आई रकम का 100 टका अजीम ने अपने पास रख लिया। इस बात को लेकर दोनों के बीच कई बार विवाद हुआ। 6 महीने में मामला निपटाने के लिए वो एक दूसरे से कई बार मिले। जब बात नहीं सुलझी तो हत्या की साजिश रचनी शुरू हुई।
द डेली स्टार की खबर के अनुसार, ये अख्तरुज्जमां शाहीन ही अनवारुल अजीम अनार की हत्या का मास्टरमाइंड था। इसके बैकग्राउंड के बारे में बताते हुए कहा गया कि शाहीन मियाँ उर्फ अख्तरुज्जमां ने एसएससी और एचएससी उत्तीर्ण करने के बाद चटगाँव मरीन अकादमी में प्रवेश लिया और बाद में एक शिपिंग कंपनी में नौकरी कर ली।
इसके बाद 90 के दशक में उसने डीवी लॉटरी जीती और बाद में अमेरिका चला गया, लेकिन इस बीच उसने बांग्लादेश और भारत की यात्रा करनी नहीं छोड़ी। वो और अजीम मिलकर सोना तस्करी करते थे। उसने ढाका के गुलशन, बारीधारा और बशुंधरा व कोलकाता के न्यू टाउन और न्यूयॉर्क के ब्रुकलिन में फ्लैट किराए पर ले रखे थे। इसके अलावा अमेरिका में भी ड्रग्स सप्लाई काम करता था।
सोने की तस्करी में रकम को लेकर झगड़ा होने के बाद शाहीन ने अजीम की हत्या की योजना बनाई और 5 करोड़ टका में एक हत्यारे को काम पर रखा था। जब 12 मई को अजीम भारत आए तब उन्हें हनीट्रैप में फँसा कोलकाता में फ्लैट पर बुलाया गया। यहीं हत्यारों ने उनकी हत्या की और फिर उनके शव को टुकड़ों में काटकर फेंक दिया गया।
हालाँकि इस मामले में जब अख्तरुज्जमान से पूछा गया तो उसने इसमें संलिप्ता से इनकार किया। उसने कहा कि अजीम अपने इलाज के लिए कोलकाता जाते थे। उन्होंने अपनी फ्लैट की चाबियाँ खुद दी थी। अख्तरुज्जमान ने कहा- “क्या मैं इतना बेवकूफ हूँ कि हत्या अपने फ्लैट में करवाऊँगा… मेरे वकील ने मुझे इस मामले पर किसी से बात न करने की सलाह दी है… मैं अमेरिका आया क्योंकि मुझे लगता है कि बांग्लादेश में मुझे न्याय नहीं मिलेगा। मैं इस देश में आया क्योंकि यहाँ कानूनी सुरक्षा है। अगर पुलिस के पास कोई दस्तावेज या सबूत है, तो उन्हें उसे यहाँ [अमेरिका] पेश करना चाहिए।”