बांग्लादेश के विदेश मंत्री एके अब्दुल मोमिन का कहना है कि शरणार्थियों को आने देने पर संयुक्त राष्ट्र और मानवाधिकार समूहों के कहने के बावजूद बांग्लादेश अपने दक्षिण-पूर्वी तट पर समुद्र में फँसे सैकड़ों रोहिंग्याओं को आने-जाने की अनुमति नहीं देगा।
बृहस्पतिवार को बांग्लादेश के विदेश मंत्री मोमिन (AK Abdul Momen) ने एक न्यूज़ चैनल से कहा, ”हमने निर्णय किया है कि अब अपने यहाँ और रोहिंग्या को आने नहीं देंगे। COVID-19 की स्थिति के मद्देनजर ऐसा किया गया है। जिन क्षेत्रों को हम संरक्षित रखना चाहते हैं, हम वहाँ किसी भी व्यक्ति को स्वीकार नहीं कर सकते हैं।”
उन्होंने कहा कि पहले भी उन्होंने रोहिंग्याओं के एक बैच को अनुमति दी, जो कि बंगाल की खाड़ी में पकड़े गए थे। और इसके बाद अब, और भी नाव बांग्लादेश में घुसने के इन्तजार में हैं।
एमनेस्टी इंटरनेशनल ने गत बुधवार को बताया कि कॉक्स बाजार जिले के पास बंगाल की खाड़ी में मंगलवार को स्थानीय मछुआरों ने करीब 500 शरणार्थियों को ले जाने वाली नौकाओं को देखा था। इस पर एक क्षेत्र सीमा-पुलिस कमांडर ने कहा था कि जिले के तट की ओर जाने वाले दुपहिया पर नजर रखने के लिए लगातार गश्त लगाई जा रही थी।
रिपोर्ट्स के अनुसार, मलेशियाई अधिकारियों द्वारा खदेड़े जाने के बाद बुधवार को मछली पकड़ने वाली दो नावों में महिलाओं, पुरुषों और बच्चों सहित लगभग 500 रोहिंग्या बंगाल की खाड़ी में दिखे थे। इससे एक हफ्ते पहले ही 15 अप्रैल को एक अन्य नौका में करीब 400 रोहिंग्या शरणार्थी बांग्लादेश पहुँचे थे। बांग्लादेश सरकार कोरोना वायरस के संक्रमण की आशंका में इन्हें देश में घुसने की अनुमति देने से कतरा रही है।
उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों म्यामांर से मलेशिया जा रहे 32 रोहिंग्याओं की समुद्र में भूख से तड़प-तड़पकर मौत हो गई थी। इनके जहाज को मलेशिया में नहीं घुसने दिया गया इस वजह से ये लोग कई हफ्ते तक समुद्र में भटकते रहे।
बांग्लादेश के विदेश मंत्री मोमेन ने इस बात को स्वीकार किया है कि उनके पास दो नावों के बारे में जानकारी है, लेकिन उन्होंने कहा कि वर्तमान में सरकार की प्राथमिकता उन शरणार्थी शिविर क्षेत्रों की सुरक्षा करना है, जहाँ पर हजारों रोहिंग्या पहले से ही रह रहे हैं।
उन्होंने कहा कि कॉक्स बाजार भीड़भाड़ वाला इलाका है और यदि एक संक्रमित व्यक्ति भी किसी तरह से यहाँ आ जाता है, तो वह बड़ी हानि पहुँचा सकता है। मोमेन ने कहा, “हमारे पास किसी भी विदेशी लोगों या शरणार्थियों को शरण देने के लिए कोई जगह नहीं है।” इसके बाद भी कॉक्स बाजार में एक रोहिंग्या नेता मोहम्मद शाह आलम ने उम्मीद जताई कि बांग्लादेश सरकार शरणार्थियों को जिले में उतरने की अनुमति देगी।
ज्ञात हो कि म्यामांर रोहिंग्याओं को अपना नागरिक नहीं मानता है। 2017 में हिंसक घटनाओं के बाद सेना ने रोहिंग्यओं के खिलाफ दमनचक्र चलाया था। हजारों रोहिंग्या म्यामांर छोड़कर बांग्लादेश सहित दूसरे देशों की ओर पलायन कर गए।