लीसेस्टर ईस्ट की लेबर पार्टी की महिला सांसद क्लाउडिया वेब (Claudia Webbe) (56) को वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट में अपने प्रेमी की एक महिला मित्र को परेशान करने के लिए 10 सप्ताह की जेल और 200 घंटे की सामुदायिक सेवा की सजा सुनाई गई है। भारत में किसानों के हिंसक विरोध प्रदर्शनों की मुखर समर्थक वेब पर मिशेल मेरिट (Michelle Merrit) (59) को परेशान करने का आरोप लगाया गया है, जो उसके प्रेमी लेस्टर थॉमस की लंबे समय से दोस्त थीं।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 2018 के बाद से ही वेब ने मेरिट को कई बार एसिड हमले की धमकी दी और इसी कड़ी में मेरिट की नग्न तस्वीरों को लीक कर दिया। अदालत ने अपने टिप्पणी में कहा कि 56 वर्षीय महिला सांसद ने सितंबर 2018 से अप्रैल 2020 के बीच मेरिट को 16 धमकी भरे कॉल किए थे।
वहीं लेबर पार्टी के राष्ट्रीय अभियान समन्वयक शबाना महमूद ने भी पुष्टि की कि वेब को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है। पार्टी ने उन्हें सांसद के रूप में अपने पद से इस्तीफा देने के लिए कहा है। इस मामले में पार्टी द्वारा निलंबित किए जाने के बाद वेब एक निर्दलीय सांसद के रूप में कॉमन्स में बैठी थीं।
गौरतलब है कि पीड़िता मेरिट, जो व्यक्तिगत रूप से वेब से कभी नहीं मिली, ने आरोप लगाया कि सांसद वेब द्वारा लगातार प्रताड़ित किए जाने के कारण वह एक ‘बाइबिल प्रचारक’ बन गई हैं। मेरिट ने कोर्ट को बताया कि वह बहुत डरी हुई हैं, यहाँ तक कि काम करने और लोगों से मिलने-जुलने से भी बच रही हैं।
मेरिट ने आगे यह भी कहा, “किसी भी महिला को धमकाना और परेशान नहीं किया जाना चाहिए, जैसा कि वेब ने वर्षों से मेरे साथ किया है, एक राजनेता की तो बात ही छोड़ दें।”
बता दें कि महत्वपूर्ण ब्रिटिश भारतीय निर्वाचन क्षेत्र, लीसेस्टर ईस्ट की सांसद वेब ने इसी साल फरवरी 2021 में भारत में किसानों के विरोध प्रदर्शन पर यूके सरकार द्वारा बयान देने के लिए दबाव डालने वाली एक ई-याचिका का भी समर्थन किया था।
Boom
— Claudia Webbe MP (@ClaudiaWebbe) February 2, 2021
We’re taking this to parliament. The petition has reached 100,000 & qualifies for a debate in Parliament#FarmersProtest pic.twitter.com/B6nh7NqUoZ
सांसद वेब भारत में हिंसक ‘शांतिपूर्ण विरोध’ को लेकर बेहद मुखर थीं। अपनी इसी मुखरता के कारण दबाव बनाने के लिए उन्होंने एक ट्वीट भी किया था, “किसानों के विरोध के बचाव में इस याचिका का समर्थन करने वाले सभी को बहुत-बहुत बधाई। शांतिपूर्ण विरोध का अधिकार एक मौलिक मानव अधिकार है। किसानों की रक्षा की जानी चाहिए।”
इतना ही नहीं, ब्रिटिश सांसद ने भारत में किसानों के समर्थन में ट्वीट (पेड) करने के लिए रिहाना जैसी वैश्विक हस्तियों को भी धन्यवाद दिया था।