कनाडा की संसद में खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर के सम्मान में उसकी बरसी पर मौन रखने की घटना के जवाब में वैंकूवर में भारतीय वाणिज्य दूतावास ने दुनिया को एयर इंडिया की उड़ान 182 (कनिष्क) को बम से उड़ाने की घटना की याद दिलाई जिसमें 86 बच्चों समेत 329 लोग मारे गए थे। इस बम विस्फोट का आरोप सिख आतंकवादियों पर लगते हैं, जिन्होंने 1984 में स्वर्ण मंदिर से आतंकवादियों को बाहर निकालने के लिए किए गए ‘ऑपरेशन ब्लूस्टार’ के जवाब में प्लेन को हवा में ही उड़ा दिया था।
कनाडा की संसद में आतंकी के महिमामंडन और खालिस्तान चरमपंथियों को खुली छूट पर भारत ने कनाडा को करारा जवाब दिया है। भारत ने एयर इंडिया के विमान कनिष्क को बम से उड़ाने की बरसी याद दिलाते हुए कनाडा में वर्षों से पल रहे आतंकवाद को निशाने पर लिया है। कनाडा के वैंकूवर स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास ने 23 जून को कनिष्क विमान हादसे की याद में मेमोरियल सर्विस की योजना बनाई है।
एयर इंडिया मेमोरियल में 23 जून को श्रद्धांजलि सभा का आयोजन
वैंकूवर स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास ने एक्स पर पोस्ट किया, “भारत आतंकवाद के खतरे का मुकाबला करने में सबसे आगे है और इस वैश्विक खतरे से निपटने के लिए सभी देशों के साथ मिलकर काम करता है। 23 जून 2024 को एयर इंडिया की फ्लाइट 182 (कनिष्क) पर कायरतापूर्ण आतंकवादी बमबारी की 39वीं वर्षगाँठ होगी, जिसमें 86 बच्चों सहित 329 निर्दोष लोगों ने सिविल एविएसन के इतिहास में सबसे जघन्य आतंकवाद-संबंधी हवाई दुर्घटनाओं में से एक में अपनी जान गँवा दी थी। 23 जून, 2024 को 1830 बजे स्टेनली पार्क के सेपरले प्लेग्राउंड क्षेत्र में एयर इंडिया मेमोरियल में एक मेमोरियल सर्विस निर्धारित की गई है। वैंकूवर का दूतावास कनाडा में रहने वाले भारतीय प्रवासियों को आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता दिखाने के लिए इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करता है।”
A Memorial Service is scheduled at 1830 hrs on June 23, 2024 at the Air India Memorial at Stanley Park's Ceperley Playground area. @cgivancouver encourages members of the Indian Diaspora to join the event in a show of solidarity against terrorism. (3/3) @HCI_Ottawa pic.twitter.com/oQrr7ggomA
— India in Vancouver (@cgivancouver) June 18, 2024
कनिष्क हादसा कैसे हुआ?
बता दें कि 23 जून, 1985 को, कनाडा से लंदन होते हुए भारत जा रहे एयर इंडिया के विमान में विस्फोट हुआ था। एयर इंडिया की फ्लाइट-182 ने 23 जून 1985 को कनाडा के मॉन्ट्रियल शहर से उड़ान भरी थी। इस फ्लाइट को मॉन्ट्रियल से ब्रिटेन के लंदन, फिर भारत के दिल्ली होते हुए मुंबई पहुँचना था। बोइंग 747-237B का नाम सम्राट कनिष्क के नाम पर रखा गया था। इस विमान को आयरलैंड के हवाई क्षेत्र में 31,000 फीट की ऊँचाई पर बम से उड़ा दिया गया। हादसे के बाद विमान अटलांटिक महासागर में गिर गया। इस विमान हादसे में 329 लोगों की मौत हुई। मारे गए लोगों में 22 हवाई यात्री भारत में जन्मे थे, जबकि 280 लोग भारतीय मूल के कनाडाई नागरिक थे। यह घटना आधुनिक कनाडा के इतिहास में सबसे बड़ी सामूहिक हत्या थी।
कनाडा इस घटना की जाँच कभी पूरी नहीं कर पाया और आज तक हादसे के किसी भी आरोपी को सजा नहीं हो पाई है। जब भारत की ओर से सीबीआई ने हादसे की जाँच करने की कोशिश की तो कनाडा ने कानून का सहारा लेकर रुकावटें खड़ी कीं और जाँच पूरी नहीं होने दी। बता दें कि हादसे के बाद सिर्फ 131 यात्रियों के शव ही बरामद किए जा सके थे। विमान हादसे की जाँच कर रही सीबीआई ने भी पाया था कि धमाके में आतंकी संगठन बब्बर खासा इंटरनेशनल का हाथ था, इसका मास्टरमाइंड बब्बर खालसा इंटरनेशन का नेता तलविंदर सिंह परमार था।
इसी कड़ी में भारत ने खालिस्तानी आतंकी तलविंदर सिंह परमार को प्रत्यर्पित करने को कहा था, जो उस समय कनाडा में रहता था। परमार ‘बब्बर खालसा इंटरनेशनल’ का पहला मुखिया था। वह 1970 में कनाडा भाग गया था और वहीं से खालिस्तानी गतिविधियों को संचालित करता था। तलविंदर पर वर्ष 1981 में पंजाब पुलिस के 2 जवानों की हत्या का आरोप भी है, जिसके लिए उसे 1983 में जर्मनी में गिरफ्तार किया गया था। तलविंदर परमार ने पंजाब के बड़े नेता लाला जगत नारायण की भी वर्ष 1981 में हत्या कर दी थी। तलविंदर इसके अतिरिक्त अन्य कई हत्याओं में भी शामिल रहा था। तलविंदर ने 1985 में एयर इंडिया के एक बोईंग 747 विमान जिसका नाम ‘कनिष्क’ था, उसे बम से उड़ा दिया था। यह विमान कनाडा के शहर मॉन्ट्रियल से लंदन के रास्ते भारत आ रहा था।
इस विमान में तलविंदर ने इन्दरजीत सिंह रैयत तथा अन्य कुछ आरोपितों के साथ मिलकर बम रखा था जो कि विमान की उड़ान के बीच प्रशांत महासागर में फट गया था और इस हादसे में 329 व्यक्तियों की मृत्यु हो गई थी। इस हादसे में मरने वाले 268 व्यक्ति कनाडाई नागरिक ही थे। उसने इसी दिन एक और विमान को बम से उड़ाने के लिए एक बैग में बम रखा था, लेकिन वो इसे विमान के भीतर नहीं डाल पाया और टोक्यो में ही फट गया। तलविंदर ने यह बम एयर इंडिया के टोक्यो से बैंकाक जाने वाले विमान में रखने का प्लान बनाया था।
जस्टिन के पिता पियरे ट्रूडो की एक गलती के कारण 329 निर्दोष व्यक्तियों को अपनी जान गँवानी पड़ी थी और लोग हवाई यात्रा करने से भी डरने लगे थे। जस्टिन यही गलती फिर दोहरा रहे हैं। गौरतलब है कि उनकी सरकार पिछले कुछ सालों से ऐसे कृत्यों पर एकदम शांत है जिनमें भारत को सीधे सीधे धमकी दी गई है।