चीन में उइगर मुस्लिम समुदा पर अत्याचार रमजान के दौरान भी थम नहीं रहा है। चीन की मस्जिदों में सिक्यूरिटी कैमरे लगाए गए हैं, नमाज़ पढ़ने आने-जाने वालों पर नज़र रखी जा रही है, मेटल डिटेक्टर्स से उनकी आने और जाने के समय जाँच की जा रही है और पुलिस लगातार लाठियाँ व हथियार लेकर गश्त लगा रही है। मुस्लिम इलाकों में होटलों को खुला रखने को कहा गया है और मुस्लिम डर के मारे ‘अस्सलाम वालेकुम’ बोलकर एक-दूसरे से सार्वजनिक रूप से बातचीत तक भी नहीं कर पा रहे हैं। ‘वर्ल्ड उइगर कॉन्ग्रेस’ के अध्यक्ष का कहना है कि स्कूलों से लेकर कार्यालयों तक खाने-पीने की वस्तुएँ जबरन दी जा रही है और मुस्लिम रोज़ा न रख पाएँ, इसको सुनिश्चित किया जा रहा है।
यहाँ तक कि मुस्लिमों के घरों में जाकर भी देखा जा रहा है कि कहीं वे नमाज़ वगैरह तो नहीं पढ़ रहे या अपने मज़हब की चीजों को तो नहीं प्रैक्टिस कर रहे। कैम्पों में 30 लाख के लगभग उइगरों को नज़रबंद रखा गया है। ‘द टेलीग्राफ’ के पत्रकार जब इन कैम्पों की सच्चाई जानने निकले तो उन्हें 2 बार अपहृत किया गया। उन्होंने जो फोटो क्लिक किए, उन्हें डिलीट करवा दिया गया। हाइवे चेकपॉइंट्स पर उइगर मुस्लिमों की डिजिटल तलाशी ली जा रही है और उनके सारे व्यक्तिगत डिटेल्स खंगालने के बाद ही उन्हें आगे बढ़ने दिया जाता है। मस्जिदों के ऊपर कम्युनिस्ट पार्टी के बैनर लगा दिए गए हैं।
“Local officials are increasing checks to people’s homes, too, to make sure they aren’t secretly observing the practice, according to a government notice posted online.”
— Raziye Akkoç (@RazAkkoc) June 2, 2019
China’s Uighur Muslims forced to eat and drink as Ramadan celebrations bannedhttps://t.co/P3gTrBPdmv
एक उइगर मुस्लिम की पत्नी को ही कैम्प में डाल दिया गया और उसके दोनों बच्चों का पालन-पोषण करने वाले पिता ने कहा कि वो कब तक आजाद होगी, इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता। इससे पहले भी ख़बर आई थी कि चीन में मुस्लिमों का चीनीकरण किया जा रहा है, जिसके तहत उन्हें इस्लामी रीति-रिवाजों का अनुसरण करने की अनुमति नहीं दी जाती। उन्हें जिन कैम्पों में रखा जाता है, चीनी सरकार उन्हें ‘स्किल ट्रेनिंग’ कैम्प बताती है। इन कैम्पों में रह रहे लोगों को जबरन इस्लामी रीति-रिवाजों से इतर चीनी और कम्युनिस्ट पार्टी की चीजें सिखाई जाती हैं।
इससे पहले हमनें बताया था कि चीन में उइगरों पर की जा रही कार्रवाई रमजान महीने में थमने का नाम नहीं ले रही है। इस्लाम के इस पवित्र महीने में चीन स्थित टकलामकान रेगिस्तान में हज़ारों की संख्या में मुस्लिम आया करते थे। यहाँ कुछ ऐसी मस्जिदें स्थित थीं, जहाँ 8 वीं शताब्दी के एक इस्लामिक योद्धा की याद में लोग नमाज़ पढ़ते थे। लेकिन, इस साल यह स्थल खाली पड़ा हुआ है।
‘द गार्डियन’ के एक ख़ुलासे के अनुसार, चीनी मुसलामानों के लिए हज की तरह महत्व रखने वाला ये स्थल आज खाली इसीलिए पड़ा हुआ है क्योंकि इसे ढहा दिया गया है। चीन ने इमाम आसीन दरगाह के गुम्बद को छोड़ कर इसके बाकी हिस्से को मिट्टी में मिला दिया है। यहाँ लगे झंडे और चढ़ावे गायब हो गए हैं। चीन में 36 मस्जिदें ढहा दी गई हैं।