Friday, November 8, 2024
Homeरिपोर्टअंतरराष्ट्रीयगलवान में मारे गए सैनिकों के परिवार पर चीन सख्त, आवाज कुचलने में जुटी...

गलवान में मारे गए सैनिकों के परिवार पर चीन सख्त, आवाज कुचलने में जुटी कम्युनिस्ट सरकार

चीन की सरकार की कथित गोपनीयता की नीति पर सैनिकों के परिवार आहत हैं और आवाज़ उठा रहे हैं, लेकिन न तो वहाँ का मीडिया उनकी सुन रहा है और न ही सरकार द्वारा उनके लिए कुछ किया जा रहा है। उलटा उन्हें चुप कराने की कोशिशें हो रही है।

भारतीय सेना से संघर्ष भड़काने वाले चीन ने अभी तक ये खुलासा नहीं किया है कि गलवान के हिंसक झड़प में उसके कितने सैनिक मारे गए। बता दें कि चीनी सैनिकों के धोखे की कार्रवाई में 20 भारतीय जवान वीरगति को प्राप्त हो गए थे। चीन के 43 सैनिकों के मारे जाने की बात सामने आई थी लेकिन अब तक उसने कोई आँकड़ा सार्वजनिक नहीं किया है। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के इस निर्णय से मारे गए सैनिकों के ही परिवार नाराज़ हैं

चीन की सरकार अब सैनिकों के परिजनों पर दबाव डाल कर चुप कराने में लगी हुई है, जिन्होंने भारत-चीन संघर्ष में अपनी जान गँवाई। अब उनके परिजन वेइबो सहित अन्य चीनी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से अपना आक्रोश दिखाने में लगे हुए हैं। चीन सरकार के कुछ तबकों ने अपने अधिकारियों के मारे जाने की बात स्वीकारी है। चीन का मीडिया भी इस बात को मानता है, लेकिन वो आँकड़े नहीं रहा दे रहा।

चीन की सरकार की कथित गोपनीयता की नीति पर सैनिकों के परिवार आहत हैं और आवाज़ उठा रहे हैं, लेकिन न तो वहाँ का मीडिया उनकी सुन रहा है और न ही सरकार द्वारा उनके लिए कुछ किया जा रहा है। उलटा उन्हें चुप कराने की कोशिशें हो रही है। इससे पता चलता है किस चीन अपने ही देश के लिए जान देने वाले सैनिकों की और उनके परिजनों की कोई कदर नहीं करता है।

इससे पहले केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह ने गलवान घाटी संघर्ष को लेकर जानकारी दी थी कि इस झड़प में चीन के दोगुने सैनिक मारे गए थे। उन्होंने कहा था कि हमारे 20 सैनिक वीरगति को प्राप्त हुए हैं तो चीन के इससे ज्यादा सैनिक मारे गए। लेकिन चीन कभी भी सार्वजनिक रूप से इस बात को स्वीकार नहीं करेगा। उन्होंने ध्यान दिलाया था कि चीन में हर चीज छुपाई जाती है। हमारे सैनिकों ने बदला लेकर बलिदान दिया है।

उन्होंने खुलासा किया था कि भारत ने चीन के कई सैनिकों को पकड़ा था, लेकिन बाद में उन्हें छोड़ दिया गया। ‘एबीपी न्यूज़’ को इंटरव्यू देते हुए उन्होंने ऐसा कहा। जनरल सिंह ने कहा कि पिछले सप्ताह गलवान घाटी में भारत और चीन के बीच हुए संघर्ष के दौरान ऐसा हुआ था। हालाँकि, चीन की तरफ से इस बारे में कुछ नहीं कहा गया है। अब उन सैनिकों के परिजनों को चुप कराने वाली ख़बर के बाद ये बात सच साबित होती दिख रही है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘मैं हिंदू हूँ इसलिए प्रोफेसर एहतेशाम 3 साल से जान-बूझकर कर रहे हैं फेल’: छात्रा के आरोप पर AMU का दावा- नकल करते पकड़ी...

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) की एक हिन्दू छात्रा ने आरोप लगाया है कि मुस्लिम ना होने के कारण उसे लगातार फेल किया जा रहा है।

लोकसभा की तरह महाराष्ट्र चुनाव में भी ‘वोट जिहाद’ की तैयारी, मुस्लिमों को साधने में जुटे 180 NGO: रोहिंग्या-बांग्लादेशियों के बढ़ते दखल पर TISS...

महाराष्ट्र में बढ़ती मुस्लिमों की आबादी का परिणाम क्या होता है ये मई-जून में हुए लोकसभा चुनावों में हमने देखा था। तब भी मुस्लिमों को इसी तरह एकजुट करके वोट कराया गया था।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -