नेपाल के रौतहट जिले में साम्प्रदायिक तनाव की खबर है। यहाँ लगभग एक सप्ताह पहले मुस्लिमों ने एक गाँव का नाम इस्लाम नगर रखकर इससे बोर्ड लगवा दिया। जानकारी मिली तो हिन्दुओं ने इसका विरोध करते हुए 23 जून 2024 को इस बोर्ड को उखाड़ फेंका। इसके बाद मुस्लिमों हिन्दू समुदाय के कुछ युवाओं की पिटाई कर दी। इसकी जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुँची।
यह मामला रौतहट जिले के गरुडा नगरपालिका वॉर्ड नंबर 6 का है। यहाँ के गाँव पोठियाही में सप्ताह भर पहले मुस्लिम समुदाय के लोगों ने एक चौराहे पर इस्लाम नगर का बोर्ड लगा दिया। यह बोर्ड बाकायदा हरे रंग में रंगा गया था। इसके ऊपर अरबी और उर्दू भाषा में कई शब्द लिख दिए गए थे। बोर्ड के ऊपर दोनों तरफ इस्लामी इबादतगाहों की तस्वीरें भी छाप दी गई थीं।
यहाँ पर खड़े होकर एक मुस्लिम बुजुर्ग ने एक सेल्फी भी ली थी, बाद में सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। कहा जा रहा है कि स्थानीय मुस्लिम इस जगह को अपनी तरफ से इस्लाम नगर कह कर बुलाने भी लगे थे। घटना के दिन मौके पर पहुँचकर मुस्लिमों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। हिंदू पक्ष ने नेपाल प्रशासन पर मुस्लिम तुष्टिकरण का आरोप लगाया है।
मुस्लिम आबादी महज 4%, लेकिन उनका ही दबदबा
ऑपइंडिया ने नेपाल के संगठन ‘हिन्दू सम्राट सेना’ के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेश यादव से बात की। उन्होंने बताया कि पोठियाही गाँव में मुस्लिमों के महज 10 घर हैं, जो कि गाँव की कुल आबादी का महज 4% है। इसके बावजूद इन्होंने पूरे पोठियाही गाँव के नाम को बदलने की साजिश रच डाली थी। 23 जून को हिन्दू सम्राट सेना के सदस्यों ने स्थानीय निवासियों के साथ मिलकर इस्लाम नगर वाले इस बोर्ड को उखाड़ दिया।
उन्होंने कहा कि उस दौरान मुस्लिम पक्ष के लोग खामोश रहे, लेकिन अंदर ही अंदर वो हिंसा फैलाने की साजिश रच रहे थे। 25 जून (मंगलवार) की रात को तीन हिन्दू युवक चौराहे से गुजर रहे थे। इस दौरान उनको लगभग एक दर्जन मुस्लिमों ने घेर लिया। उन पर इस्लाम नगर वाला बोर्ड उखाड़ने का आरोप लगाकर पहले गंदी-गंदी गालियाँ दी गईं और बाद में उनकी पिटाई कर दी गई।
इस हमले में हिंदू समुदाय के युवक बुरी तरह घायल हो गए। घायल हिन्दू युवकों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। हिंसक भीड़ को चाँद दीवान, रफीक, सिराजुल और मंजूर आदि लोग लीड कर रहे थे। इस हमले की जानकारी मिलते ही आसपास के हिन्दू नाराज हो गए। हिन्दुओं ने एकजुट होकर इस हमले का विरोध किया। इस बीच मामले की जानकारी मिलते ही मौके पर प्रशासनिक अधिकारी पहुँच गए।
हमलावरों को ही मिल गई पुलिस सुरक्षा
हिंदू पक्ष का आरोप है कि पुलिस ने हमला करने वाले मुस्लिमों पर कोई कार्रवाई नहीं की। इतना ही नहीं, उन मुस्लिम परिवारों को ही पुलिस ने बजाय सुरक्षा दे दी, जिन्होंने हमला किया था। नेपाल प्रशासन इस घटना को आपसी विवाद बताकर मामले पर पर्दा डालने की कोशिश कर रहा है। पुलिस का कहना है कि मामले में कोई साम्प्रदायिक एंगल नहीं है।
हालाँकि हिन्दू संगठनों ने इसे मामले को रफा-दफा करने की कोशिश बताया है। उनका कहना है कि अधिकारी नेपाल के वामपंथी राजनैतिक दल एमाले पार्टी के दबाव में काम कर रहे हैं। स्थानीय हिन्दुओं ने नेपाल सरकार की प्रचंड सरकार एवं वामपंथी पार्टी पर इस कदम को मुस्लिम तुष्टिकरण की नीति बताया है। इस घटना के बाद से इलाके में तनाव है।
ब्रह्म स्थान का नाम रख चुके हैं मदरसा चौक
राजेश यादव ने हमें बताया कि वो अपने संगठन हिन्दू सम्राट सेना व कुछ अन्य संगठनों के साथ 27 जून (गुरुवार) को शासन को ज्ञापन सौपेंगे। उन्होंने कहा कि इस ज्ञापन में गाँव का ना्म बदलकर इस्लाम नगर करने की साजिश का विरोध और 25 जून को हिन्दुओं पर हमला करने वाले मुस्लिमों पर कार्रवाई की माँग की जाएगी।
राजेश यादव ने हमें यह भी बताया कि 3 महीने पहले रौतहट जिले में ही इसी गरुडा नगर पालिका में जयनगर क्षेत्र में मुस्लिमों ने ऐसी ही साजिश रची थी। तब कुछ मुस्लिमों ने कदम चौक (ब्रह्म स्थान) का नाम बदलकर मदरसा चौक रख दिया था। यहाँ भी बाकायदा बोर्ड लगा दिया गया था, जो अभी तक ज्यों का त्यों लगा हुआ है। इस वार्ड का अध्यक्ष मुस्लिम है, जिसका नाम शेख वहाब है।