Sunday, November 17, 2024
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चेक गणराज्य के अध्यक्ष ने चीनी विदेश मंत्री को बताया चाइनीज ‘वुल्फ वॉरियर डिप्लोमैट’: ताइवान यात्रा पर दी थी धमकी

चीन के विदेश मंत्री वांग ई ने कहा है कि सीनेट स्पीकर मिलोस विस्ट्रसिल को अपनी यात्रा की भारी कीमत चुकानी होगी। अगस्त में ही अमेरिका के स्वास्थ्य मंत्री ने ताइवान का दौरा किया था जिससे चीन बौखला गया था। चीन ताइवान को अपना हिस्सा मानता है।

चीन के विदेश मंत्री वांग ई ने चेक गणराज्य के उच्च सदन सीनेट के अध्यक्ष मिलोस विस्त्रसिल की ताइवान यात्रा को ‘भड़काने वाला और अदूरदर्शी कदम’ करार देते हुए सोमवार (अगस्त 31, 2020) को चेतावनी दी कि जो कोई भी ‘एक चीन’ नीति को चुनौती देगा, उसे भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। मिलोस विस्त्रसिल ने इसका जवाब देते हुए विदेश मंत्री के नाम एक पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने विदेश मंत्री वांग ई को एक चाइनीज ‘वुल्फ वॉरियर डिप्लोमैट’ कहा है।

बता दें कि चीन के कड़े विरोध के बावजूद चेक गणराज्य के उच्च सदन सीनेट के अध्यक्ष मिलोस विस्त्रसिल रविवार (अगस्त 30, 2020) को एक बड़े प्रतिनिधिमंडल के साथ ताइवान पहुँचे और वहाँ के शीर्ष अधिकारियों से भेंटवार्ता किया। चेक गणराज्य की संसद सीनेट के स्पीकर की ताइवान यात्रा से चीन तिलमिला गया है। तीखी प्रतिक्रिया में इसे चीन की वन चाइना पॉलिसी का उल्लंघन करार दिया है। 

चीन के विदेश मंत्री वांग ई ने कहा है कि सीनेट स्पीकर मिलोस विस्ट्रसिल को अपनी यात्रा की भारी कीमत चुकानी होगी। अगस्त में ही अमेरिका के स्वास्थ्य मंत्री ने ताइवान का दौरा किया था जिससे चीन बौखला गया था। चीन ताइवान को अपना हिस्सा मानता है।

यूरोपीय संघ के देशों की अपनी यात्रा के तहत सोमवार को जर्मनी पहुँचे वांग ई ने कहा कि चीन अपनी ‘एक चीन’ नीति का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि ताइवान चीन क्षेत्र का अविभाज्य हिस्सा है तथा ताइवान मुद्दे पर एक चीन नीति को चुनौती देना यानी 1.4 अरब चीनियों को दुश्मन बनाना एवं अंतरराष्ट्रीय विश्वास एवं आचरण का उल्लंघन करना है।

वहीं ताइवान के साथ कारोबारी रिश्ते बढ़ाने के उद्देश्य से ताइवान पहुँचे मिलोस ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि उनका देश चीन की आपत्तियों के आगे नहीं झुकेगा। ताइवान के साथ वह वैसे ही संबंध रखेगा, जैसे एक राष्ट्र को दूसरे राष्ट्र को रखने चाहिए। भारी कीमत झुकाने जैसी धमकी देना अदूरदर्शी व्यवहार को प्रदर्शित करता है। 

यह असहमति जताने वालों को डराने वाला प्रयास है। लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। वांग का बयान चेक गणराज्य के अंदरूनी मामलों में दखल है। उनके ताइवान के दौरे का आशय किसी तरह का राजनीतिक टकराव नहीं है। सोमवार को ताइपे यूनिवर्सिटी में आयोजित कार्यक्रम में मिलोस ने कहा, “चेक और ताइवान स्वतंत्र देश हैं और हमारे बीच अच्छे रिश्ते होने चाहिए। उन्होंने ताइवान की लोकतांत्रिक जीवनशैली की प्रशंसा की।”

इस मौके पर ताइवान के वित्त मंत्री वांग मी हुआ ने कहा, “चेक गणराज्य और ताइवान स्वतंत्र और लोकतांत्रिक देश हैं। हमारे पास मानवाधिकारों का पालन करने का शानदार इतिहास है।”

उधर प्राग में चेक गणराज्य के विदेश मंत्री टॉमस पेट्रिसेक ने स्पष्ट किया है कि सरकार मिलोस की यात्रा के समर्थन में नहीं है लेकिन चीन ने जैसी आपत्तिजनक प्रतिक्रिया व्यक्त की है उसके लिए चीन के राजदूत को तलब कर पूछा जाएगा कि भारी कीमत का आशय क्या है। पेट्रिसेक ने कहा, “विदेश मंत्री वांग का बयान बोलने की सीमारेखा को पार करने वाला है। इस तरह के कड़े शब्द संप्रभु राष्ट्रों के बीच नहीं बोले जाते। भावनाओं के बगैर कूटनीति नहीं चलती।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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