डोनाल्ड ट्रंप का नाम जब भी सुर्खियों में आता है, वह अपने विवादित बयानों और अनोखे अंदाज के लिए चर्चा का विषय बनते हैं। हाल ही में ट्रंप ने ऐसा ही एक बयान दिया, जिसमें उन्होंने कनाडा को अमेरिका का 51वाँ राज्य बनने की पेशकश कर डाली। इसके साथ ही उन्होंने एक एआई-जनरेटेड तस्वीर भी पोस्ट की, जिसने लोगों को और ज्यादा चौंका दिया। लेकिन इस मजाक के पीछे एक ऐतिहासिक सच छिपा है-अमेरिका और कनाडा के बीच एक समय ऐसा भी था जब दोनों देशों ने एक-दूसरे के खिलाफ लड़ाई की तैयारी कर चुके थे।
ट्रंप का बयान: मजाक या इशारा?
दरअसल, अमेरिका के राष्ट्रपति पद के लिए चुने गए डोनाल्ड ट्रंप ने अपने एक इंटरव्यू में कहा कि अगर अमेरिका, कनाडा और मेक्सिको को सालाना अरबों डॉलर की सब्सिडी दे रहा है, तो बेहतर है कि ये दोनों देश अमेरिका का हिस्सा बन जाएँ। उनके शब्द थे, “हम कनाडा को हर साल $100 बिलियन और मेक्सिको को $300 बिलियन सब्सिडी देते हैं। क्यों न ये हमारे राज्य बन जाएँ?”
ट्रंप का यह बयान जहाँ मजाकिया लगा, वहीं इसके बाद उन्होंने सोशल मीडिया पर एक तस्वीर पोस्ट कर इसे और बड़ा बना दिया। तस्वीर में वह एक पहाड़ की चोटी पर खड़े थे, हाथ में कनाडा का झंडा था। लेकिन मजेदार बात यह थी कि पहाड़ स्विस आल्प्स के लग रहे थे, न कि कनाडा के। तस्वीर के साथ ट्रंप ने लिखा, “ओह, कनाडा!”
कनाडा को 51वाँ राज्य बनाने की ‘जोक डिप्लोमेसी’
ट्रंप ने यह बयान उस वक्त दिया जब उन्होंने कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के साथ मार-ए-लागो में डिनर किया। दोनों में टैरिफ विवाद भी चल रहा है। इसी डिनर के दौरान डोनाल्ड ट्रंप ने मजाक करते हुए ट्रूडो से कहा, “अगर कनाडा ट्रेड टैरिफ से बचना चाहता है, तो उसे अमेरिका का हिस्सा बन जाना चाहिए।” इस पर ट्रूडो और वहाँ मौजूद अन्य लोगों ने हंसने की कोशिश की, लेकिन यह हंसी थोड़ी ‘नर्वस’ थी। ट्रंप यहीं नहीं रुके। उन्होंने मजाक में कहा कि अगर कनाडा अमेरिका का हिस्सा बनता है, तो इसे दो राज्यों में बाँटा जा सकता है-एक ‘लिबरल’ और एक ‘कंजरवेटिव’।
अमेरिका का ‘रेड प्लान’: कनाडा पर हमले की थी तैयारी
हालाँकि ट्रंप का यह बयान मजाक था, लेकिन इतिहास में एक ऐसा समय भी था जब अमेरिका और कनाडा ने एक-दूसरे के खिलाफ लड़ाई की प्लानिंग कर ली थी। केविन लिपर्ट ने अपनी किताब ‘वार प्लान रेड-द यूनाइटेड स्टेट्स’s सीक्रेट प्लान तो इनवेड कनाडा एंड कनाडा’s सीक्रेट प्लान टू इनवेट द यूनाईटेड स्टेट्स’ में इस बारे में विस्तार से बताया है।
इस किताब में बताया गया है कि साल 1930 में अमेरिका ने ‘रेड प्लान’ नाम से एक खुफिया दस्तावेज तैयार किया, जिसमें कनाडा पर हमले का पूरा खाका बनाया गया था। इस योजना के तहत अमेरिकी सैनिकों को तीन तरफ से हमला कर कनाडा पर कब्जा करना था।
कनाडा के प्रमुख शहरों पर कब्जा: योजना में टोरंटो, मॉन्ट्रियल, वैंकूवर और हलिफ़ैक्स जैसे शहरों को निशाना बनाया गया था।
आर्थिक दबाव: कनाडा के पावर ग्रिड और व्यापारिक मार्गों को बाधित करने का सुझाव दिया गया था।
रसायनिक हथियारों का इस्तेमाल: अमेरिका ने युद्ध में केमिकल वेपन का भी विकल्प रखा था।
जासूसी का जाल: अमेरिका ने कनाडा के कमजोर क्षेत्रों की जानकारी जुटाने के लिए सीक्रेट मिशन भी चलाए।
कनाडा की ‘डिफेंस स्कीम नंबर 1’
अमेरिका की इस योजना का जवाब कनाडा ने भी तैयार किया। कनाडा ने ‘डिफेंस स्कीम नंबर 1’ नामक योजना बनाई, जिसमें अमेरिका पर पांच अलग-अलग मार्गों से हमला कर न्यूयॉर्क और वर्मोंट जैसे शहरों को कब्जे में लेने की योजना थी।
कनाडाई सेना के अधिकारियों ने यह मान लिया था कि अगर अमेरिका हमला करेगा, तो ब्रिटेन से मदद मिलने में समय लगेगा। इसलिए उन्होंने खुद ही अमेरिका को जवाब देने की तैयारी शुरू कर दी।
हालाँकि, दोनों देशों के बीच यह युद्ध कभी नहीं हुआ। 1935 में ‘रेड प्लान’ का खुलासा हो गया, जिससे इसे रोक दिया गया। साथ ही, दोनों देशों के बीच व्यापार और आर्थिक निर्भरता इतनी ज्यादा थी कि युद्ध अव्यवहारिक हो गया।
कनाडा ने जलाया था व्हाइट हाउस
यहाँ यह बताना जरूरी है कि अमेरिका-कनाडा के बीच दुश्मनी का इतिहास नया नहीं है। 1812 के युद्ध के दौरान, जब कनाडा ब्रिटिश उपनिवेश था, कनाडाई सैनिकों ने वॉशिंगटन डीसी पर हमला कर व्हाइट हाउस को आग लगा दी थी। यह घटना अमेरिका-कनाडा संबंधों में सबसे कड़वी घटनाओं में से एक थी।
आज, अमेरिका और कनाडा के रिश्ते मजबूत हैं। दोनों देश व्यापारिक साझेदार हैं और सांस्कृतिक आदान-प्रदान में भी जुड़े हुए हैं। ऐसे में डोनाल्ड ट्रंप का बयान और उनकी एआई-जनरेटेड तस्वीर भले ही मजाक के तौर पर देखी जाए, लेकिन इतिहास के पन्नों को खंगालने पर यह साफ होता है कि अमेरिका-कनाडा के रिश्ते हमेशा इतने सरल नहीं थे।