संयुक्त राष्ट्र के जिनेवा ऑफिस में इंटर-पार्लियामेंट्री यूनियन (आइपीयू) में रविवार (25 मार्च 2024) को भारत ने पाकिस्तान को जमकर धोया। भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश ने पाकिस्तान को आतंक की फैक्ट्री बताया और कहा कि इस्लामाबाद को भारत को लेक्चर देने के बजाय आतंक की इन फैक्ट्रियों को बंद करना चाहिए जो सीमा पार से जम्मू कश्मीर में हमले करते हैं। जम्मू-कश्मीर पर पाकिस्तान के आरोपों का जिक्र करते हुए राज्यसभा के उपसभापति ने कहा कि एक ऐसे देश द्वारा उपदेश दिया जाना जिसका लोकतंत्र का ट्रैक रिकार्ड बेहद खराब है, ये बेहद हास्यास्पद है।
राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश आईपीयू की 148वीं बैठक में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि जम्मू और कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और रहेगा। पाकिस्तान के खिलाफ जवाब देने के अपने अधिकार का उपयोग करते हुए राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने कहा कि मैं भारत के खिलाफ पाकिस्तान द्वारा की गई बेतुकी टिप्पणियों को खारिज करता हूँ। भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है।
हरिवंश ने भारत को लेकर पाकिस्तान की टिप्पणी को खारिज करते हुए कहा कि “एक ऐसा देश जिसके लोकतंत्र का ट्रैक रिकॉर्ड खराब है, हमें भाषण देना हास्यास्पद है। बेहतर होता कि पाकिस्तान इस तरह के आरोपों और आख्यानों से आईपीयू जैसे मंच के महत्व को कम न करता।”
हरिवंश ने अपनी टिप्पणी में आईपीयू के सदस्यों को याद दिलाया कि पाकिस्तान का आतंवादियों को पनाह देने, सहायता करने और सक्रिय रूप से समर्थन करने का इतिहास है। उन्होंने कहा, “मैं याद दिला दूँ कि वैश्विक आतंक का चेहरा ओसामा बिन लादेन पाकिस्तान में पाया गया था। इस देश ने सबसे बड़ी संख्या में आतंकवादियों को पनाह दे रखी है, जिन्हें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने प्रतिबंधित किया हुआ है। मैं विश्वास करता हूं कि इस्लामाबाद अपने लोगों की भलाई के लिए सही सबक लेगा।”
बता दें कि भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय संबंध ठप हैं। कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक कार्यक्रम में पाकिस्तान को आतंकवाद के मुद्दे पर आड़े हाथ लिया था। उन्होंने अपने संबोधन में कहा था कि ‘नया भारत’ आतंकवाद को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करता है, बल्कि मुँह तोड़ जवाब देता है। आतंकवाद से जुड़े लोगों को सबक सिखाने का ‘नया भारत’ दम रखता है। भारत पर आतंकी हमला कराने वालों का क्या हाल हो रहा है, ये दुनियाभर के लोग देख रहे हैं।