Tuesday, September 17, 2024
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मुस्लिम लड़की ने किया भगवान शिव का अपमान तो हिंदू इंजीनियर ने पलट कर दे दिया था जवाब, अब साढ़े 5 साल बाद सऊदी की जेल से निकले

भारतीय इंजीनियर विष्णु देव राधाकृष्णन को आखिरकार सऊदी के जेल से साढ़े पाँच साल बाद रिहाई दे दी गई है। उन्हें ईशनिंदा के आरोप में सऊदी अदालत ने 10 साल की सजा सुनाई थी।

भारतीय इंजीनियर विष्णु देव राधाकृष्णन को आखिरकार सऊदी के जेल से साढ़े पाँच साल बाद रिहाई मिल गई है। उन्हें ईशनिंदा के आरोप में सऊदी अदालत ने 10 साल की सजा सुनाई थी। विष्णु के पिता ने मंगलवार (19 दिसंबर,2023) को सोशल मीडिया पर बेटे की रिहाई जानकारी शेयर की है।

पेशे से इंजीनियर विष्णु पहले ऐसे भारतीय हैं जिन पर सऊदी अरब के सख्त ईशनिंदा कानूनों के तहत मुकदमा चलाया गया। उन्हें ‘सोशल मीडिया का दुरुपयोग’ करने और खाड़ी देश की धार्मिक और राष्ट्रीय भावनाओं को ठेस पहुँचाने (पैगंबर मुहम्मद पर टिप्पणी के लिए) लिए 10 साल जेल की सजा सुनाई गई थी।

बेटे की रिहाई से पिता राधाकृष्णन नायर.वी को राहत

हालाँकि अब उनकी रिहाई से उनके पिता राधाकृष्णन नायर.वी ने राहत की साँस ली है। उन्हें अपने एक्स हैंडल से ट्वीट किया,“आखिरकार नौफ मारवाई और वकील समर सुफ़ियानी की मदद से मेरा बेटा बच गया। मैं सऊदी की इन महिलाओं और सऊदी सरकार के अधिकारियों का आभारी हूँ। ये सब मेरे दोस्त की मदद के बिना संभव नहीं हो पाता।”

उन्होंने आगे कहा, “यह सब प्रिंस ऑफ हस्तिनापुर की कोशिशों की वजह से हुआ, उन्होंने मुझे नौफ़ अलमरवाई से मिलवाया और उनके जरिए ही वकील के साथ अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए।”

हालाँकि, एक अन्य ट्वीट में पीड़ित के पिता ने दावा किया कि सऊदी जेल अधिकारियों ने विष्णु देव राधाकृष्णन के साथ कभी भी दुर्व्यवहार नहीं किया और उन्होंने उनकी शीघ्र रिहाई में मदद ही की।

मुस्लिम लड़की से दोस्ती के बाद पहुँचे इंजीनियर विष्णु जेल

विष्णु देव राधाकृष्णन केरल के अलाप्पुझा के रहने वाले हैं। वह सऊदी अरामको की सहायक कंपनी, नासिर एस अल-हाजरी कॉर्पोरेशन में एक इंजीनियर थे।

साल 2018 में उन्हें खाड़ी देशों में रहते हुए छह साल हो गए थे। इसी दौरान विष्णु देव ने माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ट्विटर पर 2018 में लंदन की रहने वाली एक मुस्लिम लड़की से दोस्ती की। दोनों की ट्विटर पर बातचीत शुरू हुई तो मुस्लिम लड़की ने एक दिन भगवान शिव के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी।

यह बात विष्णु देव से बर्दाश्त नहीं हुई और उन्होंने भी इस्लाम को लेकर, पैगंबर मुहम्मद को लेकर कुछ लिख दिया। उन्होंने पूछा कि अगर अल्लाह दयालु था तो यमन में स्कूलों पर बमबारी क्यों की गई। दरअसल, यमन में ये बमबारी सऊदी शासन के इशारे पर की गई थी। इसकी वजह से विष्णु सऊदी सरकार के निशाने पर आ गए।

विष्णु देव के पिता ने उस दौर को याद करते हुए बताया, “ट्वीट अरामको के सर्वर से हुए। विष्णु ने मुझे बताया कि अरामको के अधिकारियों ने उस मुस्लिम लड़की के साथ उसकी बातचीत के स्क्रीनशॉट ले लिए होंगे और पुलिस को दे दिए होंगे।”

गिरफ्तारी से लगभग 15 दिन पहले विष्णु से अरामको के सुरक्षा अधिकारियों ने हिरासत में ले उनसे पूछताछ की थी। कंपनी के अधिकारियों ने उनसे कहा था कि उन्हें वापस भारत भेज दिया जाएगा, लेकिन विष्णु देव को भारतीय दूतावास से संपर्क कराने की बजाय पुलिस के हवाले कर दिया गया।

भारतीय होने से बच पाए विष्णु

उन्हें 7 जून, 2018 को सऊदी अरब की पुलिस ने ‘सोशल मीडिया का दुरुपयोग’ करने और खाड़ी देश की धार्मिक और राष्ट्रीय भावनाओं को ठेस पहुँचाने (पैगंबर मुहम्मद पर की टिप्पणी के लिए) के आरोप में गिरफ्तार किया था। इसी साल 13 सितंबर को खोबार जेल में विष्णु देव को ईशनिंदा के आरोप में 5 साल की कैद की सजा सुनाई गई थी। इसके साथ ही 1,50,000 रियाल (₹29.12 लाख) का जुर्माना लगाया गया। इसके बाद 24 जनवरी, 2019 को उनकी सजा को बढ़ाकर 10 साल करने के साथ उन पर अतिरिक्त जुर्माने भी लगाया गया।

विष्णु के पिता राधाकृष्णन के मुताबिक, कुछ भारतीय मुस्लिमों ने विष्णु देव के ट्वीट के स्क्रीनशॉट ले लिए और सऊदी अधिकारियों से उनकी शिकायत की थी। उन्होंने आगे बताया कि हैरानी वाली बात ये है कि उसी जेल में बंद केरल के कैदियों ने उनके बेटे विष्णु के धर्मांतरण की कोशिशें की थी। उन्हें इस्लाम में अपनाने के लिए भी कहा था। इस केस को लेकर एक मलयाली सामाजिक संगठन नवयुगम का कहना है कि विष्णु देव भाग्यशाली थे कि वे अपनी भारतीय राष्ट्रीयता की वजह से सऊदी अरब की सिर काटने और अन्य तरह की सख्त सजाओं से बच पाए।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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