भारतीय शतरंज के ग्रैंडमास्टर रमेश बाबू प्रज्ञानानंद ने फाइड वर्ल्ड कप शतरंज टूर्नामेंट-2023 (FIDE Chess World Cup 2023 Final) के फाइनल मुकाबले में दमदार प्रदर्शन करने के बावजूद खिताब जीतने से चूक गए। प्रज्ञानानंद को नॉर्वे के दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी मैग्नस कार्लसन के खिलाफ खेलते हुए फाइनल के दूसरे टाई ब्रेकर में हार का सामना करना पड़ा। इस कारण वह महज़ 18 साल की उम्र में चैंपियन बनने से चूक गए।
🏆 Magnus Carlsen is the winner of the 2023 FIDE World Cup! 🏆
— International Chess Federation (@FIDE_chess) August 24, 2023
Magnus prevails against Praggnanandhaa in a thrilling tiebreak and adds one more prestigious trophy to his collection! Congratulations! 👏
📷 Stev Bonhage #FIDEWorldCup pic.twitter.com/sUjBdgAb7a
बता दें कि फाइनल के तहत दो दिन में दो बाजी खेली गईं लेकिन दोनों ही ड्रॉ पर खत्म हुईं। इसके बाद टाईब्रेकर से नतीजा निकला।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, तीन दिन तक चले फाइनल मुकाबले में 4 बाजियों के बाद नतीजा निकला। प्रज्ञानानंद ने शुरुआती दोनों बाजियों में कार्लसन को कड़ी टक्कर दी। दोनों के बीच मंगलवार (22 अगस्त, 2023) को पहली बाजी खेली गई, जो 34 चालों तक गई थी, मगर नतीजा नहीं निकल सका। वहीं, पहले टाई ब्रेकर तक प्रज्ञानानंद ने कार्लसन को कड़ी टक्कर दी थी लेकिन दूसरे टाई ब्रेकर में कार्लसन की चाल का तोड़ प्रज्ञानानंद नहीं निकाल पाए और उन्हें हार का सामना करना पड़ा। प्रज्ञानानंदा इस मुकाबले में रनर अप रहे, उन्हें सिल्वर मैडल मिला।
Praggnanandhaa is the runner-up of the 2023 FIDE World Cup! 🥈
— International Chess Federation (@FIDE_chess) August 24, 2023
Congratulations to the 18-year-old Indian prodigy on an impressive tournament! 👏
On his way to the final, Praggnanandhaa beat, among others, world #2 Hikaru Nakamura and #3 Fabiano Caruana! By winning the silver… pic.twitter.com/zJh9wQv5pS
कार्लसन ने प्रज्ञानानंद के खिलाफ दूसरा टाई-ब्रेकर ड्रॉ करने के बाद विश्व कप जीता। दोनों के बीच अंतिम स्कोर, कार्लसन-1.5, प्रज्ञानानंद का- 0.5 रहा।
बता दें कि प्रज्ञानानंद ने सोमवार (21, अगस्त 2023) को अमेरिकी ग्रैंड मास्टर फैबियानो कारूआना को हराकर इतिहास रच दिया। इसके साथ ही वह फाइड शतरंज विश्व कप 2023 के फाइनल में पहुँच गए। थे। जहाँ उनका मुकाबला विश्व के नंबर एक खिलाड़ी मैग्नस कार्लसन (Magnus Carlsen) से था लेकिन अब वह इतिहास रचाने से चूक गए हैं। हालाँकि,भारत के महान शतंरज खिलाड़ी और पूर्व विश्व चैंपियन विश्वनाथन आंनद ने भी प्रज्ञानानंद की तारीफ की थी।
गौरतलब है कि 10 अगस्त 2005 को जन्मे रमेश बाबू प्रज्ञानानंद चेन्नई के रहने वाले हैं। वह साल 2016 में महज 10 साल, 10 महीने और 19 दिन की उम्र में इंटरनेशनल मास्टर बन गए। वह सबसे कम उम्र में इंटरनेशनल मास्टर बनने वाले खिलाड़ी हैं। दो साल बाद यानी साल 2018 में वह सबसे कम उम्र के ग्रैंडमास्टर बने थे।
इससे पहले प्रज्ञानानंद ने साल 2013 में 7 साल की उम्र में विश्व युवा शतरंज चैंपियनशिप अंडर-8 का खिताब अपने नाम किया था। इसके बाद साल 2015 में अंडर-10 का खिताब जीता। प्रज्ञानानंद की बहन वैशाली रमेश बाबू भी शतरंज खिलाड़ी हैं। वह भी अंडर-12 और अंडर-14 की विश्व चैंपियन रह चुकी हैं। उन्होंने साल 2016 में विमेन इंटरनेशनल मास्टर का खिताब जीता था।