मालदीव ने भारत को अपने सैनिकों और अन्य साजो-सामान वापस लेने के लिए कहा था, अब इस बारे में दोनों तरफ के उच्चाधिकारियों की बैठक हुई है। चीन के दौरे से लौटने के बाद मुइज्जू सरकार और भारत सरकार के समकक्षों के बीच ये हाई लेवल मीटिंग हुई है। इस मीटिंग में कई मुद्दों से इतर जो मुद्दा सबसे अहम रहा, वो ये है कि मालदीव की जमीन से भारतीय सैनिकों की वापसी कब तक होगी। दरअसल, मालदीव में भारत की एक छोटी सी टुकड़ी मौजूद है, जो मालदीव को दिए डॉर्नियर विमान, हेलीकॉप्टरों को ऑपरेट करती है।
मुइज्जू को मालदीव में भारत विरोधी के तौर पर ही सत्ता मिली है। ऐसे में भारत से बढ़ते तनाव के बीच वो अपनी कुर्सी को लेकर चिंतित हैं। हाल ही में माले के मेयर चुनाव में मुइज्जू के समर्थक प्रत्याशी की हार के बाद उन पर भारत विरोधी कामों में तेज़ी लाने का भी दबाव है, क्योंकि आम जनता अब भारत के नज़दीक जाती दिख रही है। ऐसे में मालदीव की राजधानी में एक हाई लेवल मीटिंग हुई है, जिसमें मालदीव-भारत संबंधों के अतिरिक्त भारतीय सैनिकों की वापसी के मुद्दे पर भी बात हुई। चूँकि मुइज्जू इसी वादे के साथ चुनाव जीते थे कि वो भारतीय सैनिकों को मालदीव की जमीन से हटा देंगे, ऐसे में उनके लिए ये जरूरी काम हो चला है।
इस समय मालदीव में 77 भारतीय सैन्यकर्मी हैं। मालदीव में पहले हेलीकॉप्टर का प्रबंधन करने के लिए 24 भारतीय सैन्यकर्मी, डोर्नियर विमान का प्रबंधन करने के लिए 25 भारतीय, दूसरे हेलीकॉप्टर का प्रबंधन करने के लिए 26 भारतीय और रखरखाव और इंजीनियरिंग के लिए दो अन्य भारतीय कर्मी हैं। ऐसे में वो चाहता है कि जल्द से जल्द भारत मालदीव की जमीन से हट जाए, ताकि चीन को पैर फैलाने का मौका दिया जा सके।
The First meeting of the High-Level Core Group between the Maldives and India took place today, in Male'. During the meeting held at the Ministry of Foreign Affairs of Maldives, both sides reviewed the existing bilateral cooperation. Discussions were held on a wide range of… https://t.co/Uk0swSKmKj pic.twitter.com/HdG3csjoxa
— ANI (@ANI) January 14, 2024
दरअसल, मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू शनिवार (13 जनवरी 2023) को ही चीन की पाँच दिन की यात्रा से लौटे हैं। उन्होंने मालदीव पहुँचते ही कहा था कि हमारा देश भले ही छोटा है लेकिन हमें बुली करने का लाइसेंस किसी के पास नहीं है। हालाँकि, मुइज्जू ने प्रत्यक्ष तौर पर किसी का नाम लेकर ये बयान नहीं दिया, लेकिन माना जा रहा है कि उनका निशाना भारत की तरफ है।
गौरतलब है कि पिछले कुछ समय से भारत-मालदीव के बीच तनाव चल रहा है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अभद्र टिप्पणी करने के बाद भारतीयों ने मालदीव को निशाने पर लिया था। इस विवाद के बाद मालदीव के तीन मंत्री जो मुइज्जू के नजदीकी माने जाते थे, उन्हें अपनी कुर्सी गँवानी पड़ी थी। वहीं, इस विवाद के बाद हजारों भारतीयों ने मालदीव का ट्रिप कैंसिल कर दिया था, जिसके बाद मालदीव की हालत खराब है।