कुछ कट्टरपंथी इस्लामियों ने अपने परिचित मुस्लिम पर इसलिए हमला कर दिया क्योंकि उसने एक तस्वीर साझा की जिसमें वह क्रिसमस पार्टी में शामिल हुआ था। घटना फ्रांस के बेलफोर्ट स्थित उत्तर पूर्वी शहर में हुई, जहाँ 20 साल के मुस्लिम युवक को सिर्फ इसलिए अपनी कौम की हिंसा का शिकार होना पड़ा क्योंकि वह एक क्रिसमस पार्टी में शामिल हुआ था।
RT.com में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक़ जैसे ही पीड़ित ने क्रिसमस पार्टी की तस्वीरें साझा की वैसे ही उसके कट्टरपंथी कौमी साथी धमकी देने लगे। कट्टरपंथी इस बात से गुस्से में थे कि एक मुस्लिम व्यक्ति किसी अन्य धर्म के आयोजन में शामिल हुआ, जबकि पीड़ित के माता-पिता दोनों स्वयं पुलिस अधिकारी (law enforcement officers) हैं।
आरोपितों ने पीड़ित युवक को फटकार लगाते हुए कहा, “श्वेत की गंदी औलाद, साँप की औलाद, पुलिस वाले के बेटे” और ‘असल अरब’ होने का मतलब समझाया। बातचीत की शैली उग्र होने के बावजूद पीड़ित हमलावरों से व्यक्तिगत रूप से मिलने के लिए तैयार हो गया, जिससे उनके बीच हर विवाद ख़त्म हो जाए।
फ्रांस के अधिकारियों ने की हिंसा की निंदा, इस्लामी अलगाववाद के विरुद्ध बोलने की ज़रूरत
RT की रिपोर्ट के अनुसार मुख्य आरोपित 4 अन्य लोगों के साथ आया और उसने पीड़ित की साथ मारपीट की और धमकाते हुए कहा कि अगर उसने घटना की जानकारी पुलिस को दी तो इसका दुष्परिणाम भुगतना पड़ेगा। इस धमकी के बावजूद 20 वर्षीय युवक ने मारपीट करने वालों के विरुद्ध शिकायत दर्ज कराई और उसकी माँ ने आरोपितों की गिरफ्तारी का वादा किया। स्थानीय मीडिया समूह से बात करते हुए पीड़ित युवक की माँ ने कहा, “इसके बाद से वह कहीं छिप गए।”
फ्रांस पिछले कुछ समय से इस्लामी कट्टरपंथ का सामना कर रहा है, ऐसे में इस घटना ने बहुत जल्द फ्रांस के शीर्ष अधिकारियों का ध्यान अपनी ओर खींचा। उन्होंने इस घटना की सार्वजनिक तौर पर निंदा की और इस्लामी ‘अलगाववाद’ से लड़ने को लेकर अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की।
आंतरिक मंत्री गेराल्ड दरमैनिन (Interior Minister Gérald Darmanin) ने पुष्टि करते हुए बताया कि यह घटना हुई थी और इस मामले पर जाँच शुरू हो गई है। संदिग्धों द्वारा अक्सर दिखाया जाने पुलिस विरोधी रवैया जिसे इस्लामी ‘अलगाववाद’ कहा जा सकता है, यह अस्वीकार्य है। मंत्री ने ट्वीट करते हुए भी इस घटना की निंदा की जिसमें एक मुस्लिम युवक के साथ क्रिसमस पार्टी में शामिल होने की वजह से मारपीट हुई।
उन्होंने शनिवार (26 दिसंबर 2020) को किए गए ट्वीट में लिखा, “बेलफोर्ट में एक व्यक्ति के साथ इसलिए हिंसा की गई क्योंकि उसने क्रिसमस मनाया और वह इस वजह से वह ‘अच्छा अरबी मुस्लिम’ नहीं रहा। एक पुलिस अधिकारी का बेटा होने के बावजूद उसके इस कदम से हालात बिगड़ गए।” गौरतलब है कि 20 वर्षीय पीड़ित युवक की माँ मूल रूप से अरबी है और उसके सौतेले पिता गैर मुस्लिम हैं। पीड़ित व्यक्ति के माता-पिता दोनों ही पुलिस अधिकारी हैं और उसने अपने परिवार के साथ किए गए क्रिसमस लंच की तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर की थी।
इस्लामी आतंकी हमलों की मार झेलता फ्रांस
फ्रांस पिछले कुछ समय से इस्लामी कट्टरपंथियों के सिलसिलेवार आतंकी हमले झेल रहा है, जिसमें एक शिक्षक की पेरिस में गला काट कर हत्या करना भी शामिल है। सैमुएल पैटी, जिसका सिर उग्र इस्लामी कट्टरपंथी व्यक्ति ने धड़ से अलग कर दिया था, उन्होंने पढ़ाने के दौरांन चार्ली हेब्दो द्वारा प्रकाशित पैगंबर मोहम्मद का कार्टून दिखाया था।
इस घटना के ठीक बाद फ्रांस में एक और हमला हुआ था जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई थी। नीस (nice) स्थित नोट्रे डेम (Notre Dame) चर्च में हुए एक आतंकवादी हमले में 2 लोगों की गला काट कर हत्या कर दी गई थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ जिन इस्लामी आतंकवादियों ने इस हमले को अंजाम दिया था वह ‘अल्लाह-हू-अकबर’ चिल्ला रहे थे।
सैमुएल पैटी की हत्या के बाद फ्रांस की सरकार ने कट्टरपंथ के विरुद्ध देशव्यापी अभियान चलाया और देश में मौजूद तमाम मस्जिदें बंद करवा दी गई, जिनकी भूमिका हमेशा ही संदिग्ध रहती है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मेक्रों ने भी इस्लामी कट्टरपंथ को लेकर सख्त रवैया अपनाया और इसका सामना करने के लिए हर संभव कदम उठाए जिसकी वजह से तमाम मुस्लिम देश फ्रांस के विरोध में भी नज़र आए।