गाम्बिया ने कहा है कि भारत के हरिआयाना में स्थित कंपनी मेडेन फार्मास्यूटिकल्स के कफ सिरप से 66 बच्चों की मौत हुई, इसकी पुष्टि नहीं हुई है। अटलांटिक महासागर के किनारे स्थित देश में 66 बच्चों की मौत से हड़कंप मच गया था। इसमें भारतीय कंपनी के कफ सिरप का नाम सामने आया था। हालाँकि, अब गाम्बिया की मेडिसिन कंट्रोल एजेंसी ने कहा है कि इस कफ सिरप से ही बच्चों के गुर्दों को नुकसान पहुँचा, इसकी पुष्टि नहीं हुई है।
वहीं ‘मेडेन फर्मास्यूटिक्लस’ की दवाएँ हरियाणा के कुंडली स्थित HSIDC इंडस्ट्रियल एरिया में बनती हैं। हालाँकि, कंपनी ने अब साफ़ किया गया है कि घरेलू बाजार में वो अपना कोई भी उत्पाद नहीं बेचता है। साथ ही उसने पंजीकृत और विश्वसनीय कंपनियों से कच्चे सामान ख़रीदने का भी दावा किया है। WHO ने कंपनी के खिलाफ अलर्ट जारी किया है। कंपनी ने कहा कि सैम्पल लिए गए हैं और जाँच चल रही है, ऐसे में इसके निष्कर्षों का इंतजार करना चाहिए।
Gambia has not yet confirmed that toxic cough syrup was the cause of the deaths of 70 children from acute kidney injury, a representative of the country's Medicines Control Agency said on Monday: Reuters https://t.co/93LSqREUMK
— ANI (@ANI) November 2, 2022
बता दें कि इन बच्चों की मौत उनकी किडनी में अचानक से खराबी आ जाने के कारण हुई थी। भारतीय एजेंसियों ने भी ‘मेडेन फर्मास्यूटिक्लस’ के खिलाफ जाँच शुरू कर दी है। सोनीपत स्थित उसकी फैक्ट्री में उत्पादन भी फ़िलहाल रोक दिया गया है। शुरुआती जाँच में इस कंपनी द्वारा बनाए गए 4 कफ सिरप का रोल सामने आया था। हालाँकि, अब पता चला है कि कुछ बच्चों ने दवा ली ही नहीं थी, तो कुछ के सैंपल्स में दावा कोई कोई गड़बड़ी नहीं सामने आई।
बता दे कि इस साल जुलाई में ही पश्चिमी अफ्रीका में स्थित गाम्बिया के बच्चों में किडनी की बीमारियाँ सामने आने और उनकी मौत होने की खबरें सामने आने लगी थीं। 29 सितंबर को WHO ने भारतीय कंपनी को इस मामले में गहरा। भारत की ‘केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) ने तुरंत कार्रवाई करते हुए हरियाणा प्रशासन से संपर्क किया और जाँच शुरू कर दी। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन कई मृत बच्चों की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में उन्हें ईकोलाई और डायरिया होने की बातें सामने आई हैं, ऐसे में सवाल है कि उन्हें कफ सिरप क्यों दिया जा रहा था?