यूरोप में रहने वाले फिलिस्तीन के आतंकी संगठन हमास के एक कार्यकर्ता रामी अब्दु ने अनजाने में खुलासा कर दिया है कि इजरायली बंधकों को रखने वाला एक व्यक्ति अमेरिका स्थित कर-मुक्त संगठन के लिए काम कर चुका है। इतना ही नहीं, 26 साल की इजरायली महिला बंधक नोआ अरगामनी को अल जजीरा के पत्रकार के घर बंधक बनाकर रखा गया था।
यूरो-मेड मानवाधिकार निगरानी संस्था के प्रमुख रामी अब्दु ने अपने व्यक्तिगत एक्स अकाउंट पर दो पोस्ट किए। उनमें से एक में रामी ने 36 वर्षीय ‘पत्रकार’ अब्दुल्ला अलजमाल और उसकी बीवी फातिमा का नाम उन लोगों में लिया, जिन्हें इजरायल की सुरक्षा एजेंसी आईडीएफ के जवानों ने नुसेरात में कार्रवाई के दौरान मार डाला था। यहीं इजरायली बंधकों को रखा गया था।
Abdallah Al-Jamal is a freelance journalist used to work for several media outlets. In recent years, he has served as the spokesperson for the Palestinian Ministry of Labor.
— Ramy Abdu| رامي عبده (@RamAbdu) June 9, 2024
रिपोर्ट के मुताबिक, इजरायल की एक बंधक नोआ अरगामनी को कतर की मीडिया हाउस अल जजीरा के पत्रकार अब्दुल्ला अलजमाल के घर में रखा गया था। गाजा स्थित अब्दुल्ला अलजामल अल जजीरा और फिलिस्तीन क्रॉनिकल के लिए जर्नलिस्ट के तौर पर काम करता था। बता दें कि अल जजीरा पर इस्लामी आतंकी संगठनों के प्रति नरम रूख अपने और उन्हें मदद पहुँचाने के आरोप लगते रहे हैं।
आगे के शोध से पता चला है कि अलजमाल ने फिलिस्तीन क्रॉनिकल के लिए काम किया था। इसे अल-जजीरा के पूर्व अधिकारी रमजी बरौद के नेतृत्व में चलाया जा रहा था और यह आतंकी संगठन हमास का समर्थक था। यह पीपल मीडिया प्रोजेक्ट के तत्वावधान में काम करता था, जो कि 2012 से ओलंपिया, वाशिंगटन राज्य में पंजीकृत एक 501 (सी) 3 संगठन है।
One of the Israeli Hostages that was Rescued yesterday during the Joint-Operation in Central Gaza, 26-Year-Old Noa Argamani was being held Captive in the Home of Abdallah Aljamal, a Photojournalist and Writer/Editor for both Al-Jazeera and the Palestinian Chronicle. During the… pic.twitter.com/1755PL8X9X
— OSINTdefender (@sentdefender) June 9, 2024
अलजमाल कतर के मुखपत्र और हमास आतंकियों के समर्थक अलजजीरा के लिए भी लिखता था। इसके साथ ही वह हमास के श्रम मंत्रालय के प्रवक्ता के रूप में भी काम कर रहा था। रविवार (9 जून 2024) की सुबह अल जजीरा ने इस बात से इनकार किया कि अलजमाल को संगठन द्वारा नियोजित किया गया था। इसने कहा कि अफवाहें असत्य और निराधार हैं।
यह पहली बार नहीं है जब गाजा के नागरिक आतंकवादी संगठनों की ओर से अपने घरों में बंधकों को रख रहे थे। हमास के हमले के बाद IDF द्वारा रिहा कराकर लाए बंधकों ने भी कहा था कि गाजा पट्टी के आसपास नागरिक घरों में उन्हें बंदी बनाकर रखा गया था।